2015 का जुलाई माह ग्रहों की बदलती चाल के कारण चर्चाओं में हैं। दैत्यगुरू (शुक्र) जिसे ज्योतिष विद्या में दानवों का ग्रह कहते हैं और देवगुरु (ब्रहस्पति) इसे देवता ग्रह माना जाता है दोनों अपनी पुरानी कक्षाओं को बदलते हुए सूर्य राशि (सिंह) में मिल रहे हैं। 15 जुलाई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर दोनों का मिलन कुंडली के दूसरे स्थान में होगा। कुंडली का दूसरा स्थान ‘धन’ का स्थान होता है इसलिए जनमानस को आर्थिक रूप से प्रभावित होना पड़ सकता है।
15 जुलाई को गुरु और शुक्र जब सिंह राशि में होंगे, तबसे सिंह राशि वालों को अल्प कष्ट की स्थिति का सामना होगा। इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधित मामूली विकारों को लेकर परेशानी का सामना उठाना पड़ सकता है। एस्ट्रोयोगी ज्योतिष की राय के अनुसार स्वास्थ्य को छोड़कर, सिंह राशि वाले अन्य कई प्रकार सुखों का लाभ भी प्राप्त करेंगे। इनका सामाजिक और आर्थिक पक्ष अच्छा रहने वाला होगा।
वहीँ दूसरी ओर शुक्र और ब्रहस्पति के इस मिलन से मेष, कुंभ, और धनु राशि वालों को भी इन ग्रहों का मिला-जुला असर देखने को मिलेगा। एक तरफ जहाँ इनको पारिवारिक सुख प्राप्त होगा तो वहीँ वित्तीय पक्ष में शुभ फल भी प्राप्त होंगे। इन जातकों को भी बस स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुक्र और ब्रहस्पति का यह योग बाजार में थोड़ी मंदी ला सकता है। राजनैतिक गलियारे में भी उठा-पटक शुरू हो सकती है और वहीँ दूसरी ओर हो सकता है कि कुछ जगहों पर प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना जनमानस को उठाना पड़े।
उपाय की बात करें, तो गुरूवार के दिन बृहस्पति की पूजा एवं व्रत करने से और निम्न मंत्र के जप से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों में लाभ प्राप्त किया जा सकता है -
ऊँ बृहस्पतेति यदर्यो अर्हाद्युमद्विभार्ति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवसे ऋतु प्रजात तदस्मासु द्रविणं देहि चितम्।