आप यह जानकर हैरान होंगे कि आज जिन वस्तुओं को हम तुच्छ जानकर उनका दुरुपयोग कर रहे हैं उन्हीं चीजों के लिए भविष्य में हमारी अगली पीढ़ियों को बहुत ऊँचा मूल्य चुकाना होगा।
ऐसा उस समय होगा “जब संसार में प्रकृति लगभग विलुप्त होने की कगार पर होगी। उस समय पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, नदी-नाले, मैदान-पहाड़ इत्यादि सब कुछ नष्ट हो चुके होंगे। बचा होगा तो एक विशाल कंक्रीट का जंगल जिसमें कि दूर-दूर तक ऊँची-ऊँची गगनचुँबी इमारतें होंगी और उनमें बसा हुआ होगा विशाल जनसैलाब। उस समय तक वातावरण में गर्मी 100o सैल्सियस पार कर चुकी होगी। तब तक समुन्द्रों के किनारे बसे कितने ही शहर समुद्र का जलस्तर बढ़ने से समुद्र की अथाह गहराइयों में समा चुके होंगे। जहाँ लोगों का वातानुकूलित इमारतों से बाहर खुली हवा में निकल पाना भी असंभव होगा।”
यधपि वह समय आने में अभी हजारों वर्ष लगेंगे किन्तु आज से आने वाले एक-दो दशक में ही भविष्य में होने वाले इस परिवर्तन के संकेत स्पष्ट आने शुरु हो जाएँगे। परिणामस्वरूप इन वस्तुओं के मूल्यों में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी। धीरे-धीरे ये वस्तुएँ या तो अप्रचलित या बहुत दुर्लभ हो चुकी होंगी और न ही इनका कोई विकल्प ही होगा। इन वस्तुओं में आज भी कुछ चीजें तो इतनी तुच्छ एवं बेकार समझी जाती हैं कि हम उन्हें बस यूँ ही बेकार जान उठाकर बाहर कबाड़ में फेंक देते हैं या नष्ट-भ्रष्ट कर देते हैं। वैसी कुछ वस्तुएँ इस प्रकार हैं:
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कुछ ऐसी भी हैं चीजें जो यधपि आज तो बहुत महँगी हैं किन्तु आने वाले समय में वही वस्तुएँ बेहद सस्ती, अप्रचलित अथवा लुप्तप्रायः हो चुकी होंगी अन्यथा विज्ञान एवं प्रौधोगिकी की सहायता से इन वस्तुओं का कोई नया विकल्प निकाला जा चुका होगा। भविष्य में सस्ती होने वाली वस्तुएँ इस प्रकार हैं:
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