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इस भाग में हम कुंभ राशि में जन्मे लेने वाले जातकों के बारे में बात करेंगे। कुंभ राशि व कुंभ जातकों का स्वभाव कैसा होता है? इस राशि में कौन से नक्षत्र आते हैं? नक्षत्र के स्वामी व देव कौन हैं? राशि नक्षत्र नाम वर्ण क्या है? क्योंकि किसी भी जातक का जन्म होने के बाद सबसे पहला संस्कार नामकरण संस्कार ही होता है। यह बच्चे को नाम व पहचान देता है। जिसके चलते इसे हिंदू सनातन धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। तो आइये जानते हैं कुंभ राशि के नाम व नक्षत्र वर्णों के बारे में –
कुंभ राशि
कुंभ राशि का विस्तार राशि चक्र में 300 से 330 अंश तक है। यह भ-चक्र की ग्यारहवीं राशि है। राशि पर अधिपत्य न्याय के देव शनि देव का है। जिनकी इस राशि पर प्रभाव दिखाई देता है। इस राशि में पैदा होने वाले जातक न्याय प्रिय होते हैं। परंतु ये अपने से असहमत लोगों को पसंद नहीं करते हैं। इनके अंदर कौन इनकी चापलूसी कर रहा है और कौन इनके साथ ही इसका पता ये आसानी से लगा लेते हैं। इसके साथ ही ये दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इनकी मित्र मंडली काफी बड़ी होती है। परिश्रम के बाद ही सफलता इनके हाथ लगती है।
कुंभ राशि नक्षत्र
अन्य राशियों की तरह ही कुंभ राशि के लिए भी वैदिक ज्योतिष में 3 नक्षत्र व नौं नक्षत्र चरणों को निर्धारित किया गया है। इन नक्षत्र व नक्षत्र चरणों में जन्म लेने वाले जातक कुंभ राशि के माने जाते हैं। कुंभ राशि में आने वाले तीनों नक्षत्रों के नाम धनिष्ठा, शतभिषा व पूर्वषाढ़ा है। आपको बता दें कि धनिष्ठा नक्षत्र के कुछ चरण मकर राशि में भी आते हैं। इन नक्षत्र चरणों व नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों की कुछ गुण व अगुण एक मेल खा सकते हैं। परंतु ये एक जैसे नहीं होंगे।
धनिष्ठा नक्षत्र
यह नक्षत्र मंगल ग्रह द्वारा शासित है व इसके देव अष्ट वसु हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक बहुत ही प्रतिभाशाली होते हैं। इनके व्यक्तित्व से हर कोई आकर्षित हो जाता है। इसके साथ ही ये इतिहास व बीते समय में घटी घटनाओं पर जानकारी जुटाने में अधिक रूचि रखते हैं। ये केवल बौद्धिक चर्चाओं में शामिल होना पसंद करते हैं। इसके साथ ही जातकों का वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
शतभिषा नक्षत्र
इस नक्षत्र के स्वामी राहु हैं व देव वरूण। ज्योतिष के अनुसार जो जातक इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे मजबूत इरादे वाले व साहसी होते हैं। इसके साथ ही व कुटिल भी होते हैं। शांत व स्थिर मन के होने के साथ ही इनका व्यक्तित्व रहस्मयी व आकर्षक होता है। इनके अंदर नकारात्मक व सकारात्मक परिस्थियों को संतुलित करने का गजब का सामर्थ्य होता है। ये उदार व क्षमा करने वाले स्वभाव के भी होते हैं।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र व देव जल हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक दयालु व उदार होते हैं। दोस्ती निभाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ये शोध के क्षेत्र में मान कमाते हैं। परंतु ये सामान्य जीवनशैली में जीवनयापन करना पसंद करते हैं। इनके अंदर दूसरों के लिए प्यार व सम्मान की भावना रहती है। ये किसी से ईर्ष्या नहीं रखते हैं। समाज में भी इनकी प्रतिष्ठा रहती है। लोग सम्मान करते हैं।
कुंभ राशि नक्षत्र वर्ण
कुंभ राशि में जन्मे सभी जातकों का नाम गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा अक्षर से शुरू होता है। इस राशि के जातकों के लिए नाम आसानी से मिल जाते हैं लेकिन आज के दौर के नाम कम हैं। लेकिन इस राशि के जातकों का नाम सार्थक व आकर्षक होता है। फिर भी एस्ट्रोयोगी आपके बच्चे के लिए कुछ अच्छे व आकर्षक नाम यहां सुझा रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए आप एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर से संपर्क कर सकते हैं। एस्ट्रोलॉजर से बात करने के लिए यहां क्लिक करें।