दिनाँक | Monday, 01 March 2021 |
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तिथि | कृष्ण तृतीया |
वार | सोमवार |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
सूर्योदय | 6:46:44 |
सूर्यास्त | 18:21:28 |
चन्द्रोदय | 20:36:26 |
नक्षत्र | हस्त |
नक्षत्र समाप्ति समय | 29 : 32 : 44 |
योग | शूल |
योग समाप्ति समय | 12 : 55 : 30 |
करण I | वणिज |
सूर्यराशि | कुम्भ |
चन्द्रराशि | कन्या |
राहुकाल | 08:13:34 to 09:40:24 |
भारत भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृति, धार्मिक आदि की विभिन्नताओं का देश है। यहां के लोगों की धर्म में गहरी आस्था होती है, इसकी बानगी इसी से देखी जा सकती है कि हर छोटे-बड़े गांव से लेकर बड़े-बड़े महानगरों तक, लोगों की...
आरती जिसे सुनकर, जिसे गाकर श्रद्धालु धन्य समझते हैं। किसी भी देवी-देवता या अपने आराध्य, अपने ईष्ट देव की स्तुति की उपासना की एक विधि है। आरती के दौरान...
चौपाई छंद में लिखी चालीस पंक्तियों की एक काव्य रचना चालीसा कहलाती है जिसमें आराध्य देव की स्तुति का गान किया जाता है। उदाहरण के लिये तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा की ये पंक्तियां लिजिये।
वैदिक काल में वेदों के आधार पर सभी कार्य किये जाते थे। जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी संस्कार वेदों द्वारा निर्धारित होते थे, जो आगे चलकर वैदिक परंपरा के रूप में विद्धमान हुए। सनातन धर्म एक जीवन यापन पद्धति है।
वैदिक काल में वेदों के आधार पर सभी कार्य किये जाते थे। जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी संस्कार वेदों द्वारा निर्धारित होते थे, जो आगे चलकर वैदिक परंपरा के रूप में विद्धमान हुए। सनातन धर्म एक जीवन यापन पद्धति है।
इस खंड में हम योग (Yoga) के बारे में विस्तार से जानेंगे। जैसा की हम सब जानते हैं। योग हमारे जीवन व शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। योग से न केवल हमारी शारीरिक क्षमता का विकास होता है। अपितु यह हमारे ज्ञानेंद्रियों को भी प्रभावित करता है।
वैसे तो मंत्रों के अर्थ इतना महत्व नहीं रखते क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि मंत्रों के अर्थ में नहीं बल्कि ध्वनि में शक्ति होती है। इसका एक कारण यह भी है कि इन मंत्रों की उत्पति के बारे में कहा जाता है कि ये किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं लिखे गए हैं ..
ध्यान (Meditation) न केवल आध्यात्मिक महत्व बल्कि इसका चिकित्सीय व धार्मिक महत्व भी है। ध्यान का हमारे शरीर व व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस भाग में हम ध्यान के कई रहस्यों को जानेंगे।
आपने शायद सात चक्रों के बारे में बात करते हुए लोगों को सुना होगा। उन्हें अक्सर भावनात्मक उपचार या ध्यान अभ्यास के संदर्भ में संदर्भित किया जाता है। लेकिन आप क्या अभी तक समझ नहीं पाए है
धर्म ब्रह्मांड की एक पूरी तस्वीर के लिए मानव जाति की खोज की एक अभिव्यक्ति है। दुनिया को समझने की अंतर्निहित इच्छा, कर्म, अस्तित्व और समय, धर्म के पीछे एक प्रमुख कारण है और एक व्यक्ति की सर्वोच्च पूजा है।
स्तोत्र यानी की स्तुति। स्तोत्र का निर्माण ऋषि- मुनियों ने देव व देवियों की कृपा प्राप्त करने के लिए किया। स्तोत्र का पाठ कर हम अपने आराध्य की कृपा के पात्र बनते हैं। पंडितजी की माने तो स्तोत्र सामान्य आराधना से परे है।