आध्यात्मिकता - आध्यात्मिक शक्ति कैसे प्राप्त करें

अध्यात्म से शुरू होती है आत्म जागृति...

वर्तमान युग में मानसिक और भावनात्मक शांति की प्राप्ति के लिए ज्योतिष विज्ञान जैसे योग, ध्यान (मेडिटेशन ), मंत्र व स्तोत्र के जप की सहायता से आपकी आत्मा को आंतरिक रूप से पुनर्जीवित करने का एक माध्यम है। इसके साथ ही, भौतिक जीवन से परे एक आध्यात्मिक यात्रा आपको अपने आसपास की ऊर्जाओं से अवगत कराने में मददगार सिद्ध होता है। आध्यात्म में आप अपने चक्रों को जागृत करना, योग व ध्यान लगाना आदि सीख सकते हैं। आध्यात्मिकता के माध्यम से आप अपने नीरस जीवन को जीवंत कर सकते हैं, यहां उपलब्ध विशेष व्यावहारिक उपचार पद्धतियों के द्वारा आप तनाव मुक्त हो सकते हैं। इसके साथ ही इस भाग में आप अध्यात्म के अन्य पहलुओं के बारे में विस्तार से जान सकते हैं। जिसमें हिंदू देवी-देवता, स्त्रोत, वैदिक परंपरा, पूजा विधि, आरती, चालीसा, व्रत - कथा तथा भारत के धार्मिक स्थलों के बारे में जानकारी दी गई है जो आपके लिए काफी रोचक व लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

ध्यान

ध्यान (मैडिटेशन )

ध्यान (Meditation) न केवल आध्यात्मिक महत्व बल्कि इसका चिकित्सीय व धार्मिक महत्व भी है। ध्यान का हमारे शरीर व व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस भाग में हम ध्यान के कई रहस्यों को जानेंगे।

चक्र

चक्र

आपने शायद सात चक्रों के बारे में बात करते हुए लोगों को सुना होगा। उन्हें अक्सर भावनात्मक उपचार या ध्यान अभ्यास के संदर्भ में संदर्भित किया जाता है। लेकिन आप क्या अभी तक समझ नहीं पाए है

व्रत कथा

वैदिक काल में वेदों के आधार पर सभी कार्य किये जाते थे। जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी संस्कार वेदों द्वारा निर्धारित होते थे, जो आगे चलकर वैदिक परंपरा के रूप में विद्धमान हुए। सनातन धर्म एक जीवन यापन पद्धति है।

Title

योग

इस खंड में हम योग (Yoga) के बारे में विस्तार से जानेंगे। जैसा की हम सब जानते हैं। योग हमारे जीवन व शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। योग से न केवल हमारी शारीरिक क्षमता का विकास होता है। अपितु यह हमारे ज्ञानेंद्रियों को भी प्रभावित करता है।

मंत्र साधना

मंत्र साधना

वैसे तो मंत्रों के अर्थ इतना महत्व नहीं रखते क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि मंत्रों के अर्थ में नहीं बल्कि ध्वनि में शक्ति होती है। इसका एक कारण यह भी है कि इन मंत्रों की उत्पति के बारे में कहा जाता है कि ये किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं लिखे गए हैं ..

हिन्दू देवी देवता

हिंदू देवी-देवता

धर्म ब्रह्मांड की एक पूरी तस्वीर के लिए मानव जाति की खोज की एक अभिव्यक्ति है। दुनिया को समझने की अंतर्निहित इच्छा, कर्म, अस्तित्व और समय, धर्म के पीछे एक प्रमुख कारण है और एक व्यक्ति की सर्वोच्च पूजा है।

हिन्दू देवी देवता

स्तोत्रम

स्तोत्र यानी की स्तुति। स्तोत्र का निर्माण ऋषि- मुनियों ने देव व देवियों की कृपा प्राप्त करने के लिए किया। स्तोत्र का पाठ कर हम अपने आराध्य की कृपा के पात्र बनते हैं। पंडितजी की माने तो स्तोत्र सामान्य आराधना से परे है।

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