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बच्चों के नाम : शिशु का नाम उसके व्यक्तित्व की नींव होती है और उसके जीवन के उद्देश्य को परिभाषित करती है। इसलिए किसी भी माता -पिता के लिए अपने बच्चे के नाम का विश्लेषण करना, सोचना और उसके बाद निर्णय लेना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह जीवन भर के लिए आपके शिशु के पहचान को चिन्हित करेगा। इस प्रक्रिया में हम आपकी मदद करने और सही विकल्प के लिए यहाँ समाधान दे रहे हैं। हम यहां वर्ण-माला के अनुसार वर्गीकृत लड़कियों के नाम और लड़कों के नाम के लिए नवीनतम शिशु नामों की एक सूची दी है। जिसमें से आपको अपने बच्चे के लिए नाम चुनना आसान हो जाएगा। आप राशि के अनुसार भी यहां भारतीय शिशु नाम और उनके अर्थ देख सकते हैं।
कहते हैं जैसा नाम वैसा काम यानी की नाम के अनुसार ही बच्चा काम करेगा। माना जाता है कि नाम का असर सीधे हमारे जीवन को प्रभावित करता है। इसलिए सनातन धर्म हिंदू के सोलह संस्कारों में से एक नामकरण संस्कार है। अन्याथा लोग इस पर कहां ध्यान देते। कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि नाम से ज्यादा काम मायने रखते हैं। परंतु यह भी सच है कि नाम के कारण लोगों को दौलत व शौहरत भी मिला है। जिसके प्रत्यक्ष उदाहरण आप अक्षय कुमार को ही ले लीजिए। जिन्होंने वालीवुड के लिए अपने नाम में बदलाव किया। आज वे खिलाड़ियों के खिलाड़ी हैं। अब तो आप समझ गए होंगे। नाम कितना महत्व रखता है।
बच्चे के जन्म के बाद हर माता- पिता अपने बच्चे का एक सार्थक नाम रखने की मंशा रखते हैं। जिससे उस बच्चे का नाम प्रसिद्ध हो साथ ही वह नाम लोगों में लोकप्रिय हो। नामकरण संस्कार हिंदू धर्म का एक अभिन्न धार्मिक प्रक्रिया है। नाम माता –पिता उसके संबंधी व कोई भी सुझा सकता है। परंतु अधिकतर मामलों में लोग ज्योतिष के द्वारा सुझाएं गए नाम से साथ ही जाना पसंद करते हैं। लेकिन ज्योतिष यह नाम किस आधार पर सुझाते हैं आपने कभी सोचा है? यदि नहीं तो आज हम बताएंगे कि ज्योतिष के अनुसार नाम रखने से क्या लाभ मिलता है।
दरअसल ज्योतिषातार्यों का कहना है कि अगर बच्चे का नाम उसके राशि के अनुसार व उस नाम के अर्थ को जानते हुए रखा जाए तो यह बच्चे के लिए शुभफलदायी होता है। ऐसे में बच्चा अपने नाम के अनुसार कार्य करेगा। साथ ही उसका स्वभाव भी उसके नाम के अनुरूप होगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि केवल राशि के हिसाब से नाम रखने ज़िम्मेदारी नहीं समाप्त हो जाती। नाम का कोई सार्थक अर्थ भी होना चाहिए। अन्यथा यह बच्चे पर अपना नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। नाम के प्रभाव से बच्चे में गुण व अवगुण पैदा होते हैं। इसलिए नाम का महत्व और भी बढ़ जाता है।
इसके लिए आपके पास थोड़ा ज्योतिषीय समझ होना आवश्यक है। यदि आप ज्योतिष के बारे में अधिक नहीं जानते हैं तो भी हम आपको यह बताने में सक्षम हैं कि राशि के अनुसार नाम कैसे रखा जाता है? सबसे पहले ज्योतिषाचार्य बच्चे के जन्म समय दिनांक व स्थान के आधार पर कुंडली का निर्माण करते हैं। इसके बात बच्चा किस राशि व नक्षत्र में पैदा हुआ है इसके बारे में पता किया जाता है उसके बाद बच्चे का नाम तय किया जाता है। आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्र हैं। इन सभी के 4 चरण भी हैं। चरण के अनुसार नक्षत्र का प्रभाव बदल जाता है। इसके साथ ही हर नक्षत्र का एक नाम वर्ण भी है यानी की अक्षर जिनके आधार पर नाम रखा जाता है।
प्रत्येक राशि में नक्षत्र के नौ चरण आते हैं। ज्यादातर ज्योतिष ही आपके बच्चे का नाम आपको बताएंगे। इसके साथ ही यदि आप अपने पसंद का नाम रखना चाहते हैं तो इसके के लिए भी ज्योतिष आपको मार्गदर्शित कर सकते हैं। क्योंकि लगभग लोगों का एक नाम राशि के अनुसार होता है तो दूसरा पुकारने का, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरा नाम राशि के अनुरूप नहीं होता है। इसमें आपकी सहायता ज्योतिषाचार्य करते हैं। जिससे आप अपने बच्चे का नाम मन मुताबिक रखने में कामयाब हो पाते हैं।
राशि के अलावा बच्चे का उसके जन्म तिथि की गणना उसके मूलांक के आधार पर रखा जा सकता है। यह भी ज्योतिष की ही एक विधा के कारण संभव हो पाता है। इस विधा को अंक ज्योतिष के नाम से जाना जाता है। इसमें भी अंक ज्योतिषाचार्य बच्चे के मूलांक का पता लगा कर उस मूलांक का स्वामी ग्रह कौन है? किस राशि क्या है? इस आधार पर नाम रखा जाता है।