मेटा ध्यान

मेटा ध्यान

मेटा ध्यान (Metta Meditation) को आमतौर पर लविंग काइंडनेस मेडिटेशन के रूप में भी जाना जाता है। इस ध्यान को करने से खुशी और दया का भाव जागृत होता है और दूसरों के प्रति अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं। इस ध्यान को करने से आपके व्यक्तित्व का विकास होता है और आप भीड़ में एक अलग पहचान बना पाते हैं। कई रिसर्च से यह भी पता चला कि इसको करने से अवसाद, नकारात्मकता और मानसिक विकारों को समाप्त भी कर सकते हैं। 


मेटा ध्यान का अभ्यास करके आप खुद से बिना शर्त के प्रेम करना सीखते हैं और फिर आप सीखते हैं कि अपने आसपास के सभी लोगों के लिए निश्छल और निस्वार्थ प्रेम को कैसे विकसित किया जाए। साथ ही आप यह भी सीखते हैं कि उन लोगों के लिए भी करुणा कैसे महसूस करें, जिन्होंने आपको गहराई से चोट पहुंचाई हो या जिनके साथ आपका टकराव हुआ हो।


क्या है मेटा ध्यान?


मेटा एक पाली शब्द है जिसका मतलब प्रेम-दया, सद्भावना, मित्रता, आत्मीयता, सहमति, परोपकार, समरसता और अहिंसा है। यदि आपको सरल शब्दों में वर्णन करना है, तो मेटा ध्यान आपके अंदर प्रेम, दया और सुख को पैदा करता है और दूसरों के लिए प्रेम और दया की भावना को जागृत करता है। इस मेडिटेशन की शुरुआत बौद्ध परंपराओं से हुई है। विशेषतौर पर यह ध्यान थेरवाद और तिब्बतियों द्वारा किया जाता है। 


मेटा ध्यान कैसे करें


इस ध्यान तकनीक का अभ्यास विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए आप किसी ट्रेनर की मदद ले सकते हैं। लेकिन, यदि आप अपने दम पर शुरू करना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित तरीके से मेटा मेडिटेशन को आजमा सकते हैं।


  • सबसे पहले एक आरामदायक बैठने की स्थिति में आ जाएं। फिर अपनी आंखें बंद करें और अपनी मांसपेशियों को आराम दें और गहरी श्वास लें।
  • कल्पना करें कि आप अपने भीतर पूर्ण शारीरिक और भावनात्मक शांति का अनुभव कर रहे हैं। आंतरिक शांति की इस भावना पर ध्यान केंद्रित करें और कल्पना करें आपके अंदर प्यार, दया और परोपकार की भावना पैदा हो रही है।
  • साथ ही आप कुछ सकारात्मक वाक्यांशों का उच्चारण कर सकते हैं। जैसे -मैं खुश हूँ और मुझे खुश ही रहना है। मैं हर तरह से सुरक्षित हूँ। मैं स्वस्थ, शांतिपूर्ण, और मजबूत हूँ। मैं हर समस्या का सामना करने मे सक्षम हूँ। मैं अपने सभी लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा करने मे सक्षम हूँ। इसके बाद इन वाक्यांशों को दूसरों की ओर अग्रसारित करें। 
  • इसके बाद किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जिसे आप पसंद करते हैं या जो आपके प्रति दयालु है। उनके प्रति दया, प्रेम और परोपकार की भावना को महसूस करें। इसके अलावा उन लोगों को भी शामिल करें जिनके साथ आपका मनमुटाव या नाराजगी चल रही है। इस ध्यान से आप उन्हें क्षमा कर देंगे और आपके मन उनके प्रति उत्पन्न हुए नकरात्मक विचारों का अंत हो जाएगा। 
  • जब आपको लगे कि आपका ध्यान पूरा हो गया है, तो धीरे से अपनी आँखें खोलें। याद रखें कि प्रेमपूर्ण ध्यान की भावनाओं को दिनभर फिर से प्रकट कर सकते हैं। 
  • इस ध्यान को आप नियमित कर सकते हैं। 

मेटा मेडिटेशन के लाभ


यहां मेटा मेडिटेशन के कुछ आश्चर्यजनक लाभ हैं।


  • सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाता है। इस ध्यान के लगातार अभ्यास से आनंद, प्रेम, कृतज्ञता, संतोष, आशा, क्षमा और हंसमुखता की भावनाएं विकसित हो जाती हैं। 
  • अपनी आत्म-आलोचना को बंद कर देता है। 
  • शोध से पता चलता है कि लविंग काइंडनेस मेडिटेशन में शामिल प्रतिभागी व्यक्तियों को अपने भीतर के आलोचक और अवसादग्रस्त लक्षणों को दूर करने में मदद मिलती है। 
  • यह आत्म-करुणा और सकारात्मक भावनाओं में सुधार करता है। साथ ही ईष्‍या और द्वेष जैसी भावनाओं का नाश हो जाता है। 
  • माइग्रेन की घटनाओं को कम करता है। हां, मेटा ध्यान (Metta Meditation) माइग्रेन दर्द को कम करने में मदद करता है और पुराने माइग्रेन से जुड़े भावनात्मक तनाव को कम करता है।
  • इस मेडिटेशन को रोजाना करने से दूसरों के प्रति प्रेम और दया की भावना जागृत हो जाती है।
  • यह मेडिटेशन आपके अंदर दूसरों के प्रति सहानुभूति को बढ़ावा देता है। 
  • इस ध्यान को करने से जब आप अपने और दूसरों के प्रति प्यार और दया की भावनाओं के साथ सोते हैं, तो आपको शून्य तनाव होगा और आप अधिक शांति से सो पाएंगे।

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मेटा ध्यान (Metta Meditation) करना अति आवश्यक है। इसका अभ्यास करने से आप स्वंय और दूसरों के प्रति धैर्य, प्रेम, दया और परोपकार जैसी भावनाओं को पैदा करते हैं। साथ ही यह हमें बेहतर तरीके से जीने की कला भी सिखाता है। 


भारत के शीर्ष ज्योतिषियों से ऑनलाइन परामर्श करने के लिए यहां क्लिक करें!


एस्ट्रो लेख और देखें
और देखें