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व्रत कथा: भारत को अनेकता में एकता दर्शाने वाला देश कहा जाता है। यहां पर सर्वधर्म स्वभाव की संस्कृति अपनाई जाती है। प्रत्येक तीज-त्योहार को खुशियों के साथ मनाया जाता है। फिर चाहे वो दीवाली हो या रमदान, क्रिसमस हो या गुरुपर्व सभी को प्रेम भाईचारे के साथ मनाने की परंपरा है। कुछ त्योहार ऋतु औऱ मौसम के अनुसार मनाए जाते हैं औऱ कुछ पर्व किसी घटना विशेष की वजह से मनाए जाते हैं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि देश में हर दिन कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। ये सभी पर्व किसी विशेष वर्ग, जाति, सम्प्रदाय द्वारा संपन्न किया जाते हैं।
त्योहारों का हमारे जीवन में बहुत खास महत्व है. प्रत्येक त्योहार हिंदू पंचाग के अनुसार, सामाजिक परिपेक्ष से नहीं बल्कि प्राकृतिक परिपेक्ष के आधार पर मनाए जाते हैं। वहीं किसी भी त्योहार को मनाने के पीछे कोई न कोई पौराणिक कथा अवश्य जुड़ी होती है और बिना कथा के कोई भी व्रत को पूरा नहीं माना जाता है। इसके अलावा हर त्योहार को मनाने के पीछे कई दंतकथाएं और पौराणिक व्रत कथाओं (Vrat Katha)जुड़ी होती हैं।
भारतीय परंपरा और हिंदू धर्म में तीज-त्योहारों का अपना ही विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी ईष्टदेव का पुजन किया जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अ
और पढ़ें ➜हिंदू धर्म में सप्ताह के सभी दिनों का अपना ही एक विशेष महत्व है और प्रत्येक दिन को अलग-अलग देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए निर्धारित किया गया है। जैसे -सोमवार
और पढ़ें ➜हिंदू धर्म में प्रत्येक वार या दिन का अपने में ही एक अलग महत्व है। बुधवार को बुद्धदेव का दिन माना जाता है और इसका संबंध बुद्धि या ज्ञान से होता है। वहीं बुध
और पढ़ें ➜हिंदू कैलेंडर के अनुसार सप्ताह में 7 दिन होते हैं और प्रत्येक दिन का अपना अलग ही महत्व है। हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक दिन को अलग-अलग देवी देवताओं के पूजन
और पढ़ें ➜पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बुढ़िया थी जिसके सात बेटे थे। सातों भाइयों में से एक बहुत ही निक्कमा था तो बाकि बहुत ही काबिल व मेहनती थे। इसलिए बुढ़िया हमेसा
और पढ़ें ➜बहुत समय पहले की बात है, जब देवी-देवता, ऋषि-मुनि आदि स्वर्ग लोक से लेकर भूलोक तक विचरण कर सकते थे। एक बार स्वर्गलोक में वास कर रहे 9 ग्रहों के बीच विवाद छिड़
और पढ़ें ➜प्राचीन काल में एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी। वह हर रविवार प्रात:काल उठकर स्नानादि के बाद अपने घर आंगने को गाय के गोबर से लीपती फिर सूर्यदेव की पूजा करती और
और पढ़ें ➜हिंदू धर्म में गजलक्ष्मी व्रत यानि महालक्ष्मी व्रत( mahalaxmi) का विशेष महत्व है। भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन से यह व्रत शुरू होता है और 16 दिन तक यह व्रत कि
और पढ़ें ➜शिवपुराण के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव(kala bhairava) का जन्म हुआ था। मान्यता है कि कालभैरव का व्रत रखने से उपासक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो
और पढ़ें ➜वैसे तो हर वार के अनुसार प्रदोष व्रत(pradosh vrat) कथा का श्रवण किया जाता है। परंतु एक बहुत ही प्रचलित कथा है। एक गांव में एक निर्धन विधवा ब्राह्मणी रहती थी
और पढ़ें ➜गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) के संबंध में एक कथा लोक प्रसिद्ध है। कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती के मन में ख्याल आता है कि उनका कोई पुत्र नहीं है। ऐसे
और पढ़ें ➜साईं बाबा(sai baba) का व्रत गुरुवार को रखने का प्रावधान है। इस व्रत को किसी भी गुरुवार से शुरु किया जा सकता है। किसी भी तरह की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए
और पढ़ें ➜जैन समुदाय पवित्र पर्व है रोहिणी व्रत (rohini vrat), जिसको अन्य धर्म के लोग भी बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। यह व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती
और पढ़ें ➜एक समय की बात है, सात भाइयों की एक बहन का विवाह एक राजा से हुआ। विवाहोपरांत जब पहला करवा चौथ
(karva chauth) आया, तो रानी अपने मायके आ गयी। रीति-रिवाज अ
हनुमान भक्तों के लिए हनुमान जयंती(hanuman jayanti) का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी को रामभक्त माना जाता है। हनुमान को बल, बुद्धि, विद्या, श
और पढ़ें ➜हिंदू धर्म में दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा(govardhan puja) की जाती है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मनुष्य का सीधा संबंध दिखाई देता है। इस पर्व से जुड़ी
और पढ़ें ➜हिंदू धर्म में सर्पों का अपना ही एक अलग महत्व है इसलिए सर्प समुदाय के प्रति कतृज्ञता व्यक्त करने के लिए नगुला चविथी(nagula chavithi) का पर्व मनाया जाता है। ग
और पढ़ें ➜शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) की पौराणिक कथा भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोपियों संग महारास रचाने से तो जुड़ी ही है लेकिन इसके महत्व को बताती एक अन्य कथा भी मिलत
और पढ़ें ➜हिंदू पंचाग की कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी( ahoi ashtami) मनाए जाने का प्रावधान है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अपनी संतान की रक्षा और दीर्घायु
और पढ़ें ➜कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पर्व(chhath) मनाए जाने का प्रावधान है। यह चार दिवसीय पर्व बिहार में प्रमुख पर्व के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि अस्
और पढ़ें ➜माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूरे देशभर में बसंत पंचमी (basant panchami) का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने
और पढ़ें ➜हिंदू धर्म में प्रत्येक पूजा का अपना ही एक अलग महत्व होता है और हर पूजा को किसी न किसी उद्देश्य की वजह से किया जाता है। यदि आपके विवाह में कोई बाधा आ रही हो
और पढ़ें ➜जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया अथवा जितिया(jitiya) भी कहा जाता है इसकी भी एक कथा मिलती है। बहुत समय पहले की बात है कि गंधर्वों के एक राजकुमार हुआ करते थे, ना
और पढ़ें ➜सारे संकटों को दूर करने के लिए माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ(sakat chauth) का व्रत किया जाता है। यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु और
और पढ़ें ➜भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह भगवान माने जाते हैं। बैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती(narasimha jayanti) मनाई जाती है। पौराणिक कथानुसार,
और पढ़ें ➜हिंदू धर्म में भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह को दर्शाने के लिए रक्षाबंधन और भाई दूज (Bhai Dooj) जैसे पर्व मनाए जाने की परंपरा है। वहीं दीपावली के दो दिन बाद
और पढ़ें ➜भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी(anant chaturdashi) का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के बाद अनंत सूत्र बांधा जाता ह
और पढ़ें ➜वट सावित्री(vat savitri) व्रत की यह कथा सत्यवान-सावित्री के नाम से उत्तर भारत में विशेष रूप से प्रचलित हैं। कथा के अनुसार एक समय की बात है कि मद्रदेश में अश्
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