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इस भाग में हम मकर राशि में जन्म लेने वाले जातकों के बारे में चर्चा करेंगे। किस आधार पर इस राशि में जन्मे जातकों का नाम रखा जाता है। इस राशि में कौन से नक्षत्र आते हैं? साथ ही नक्षत्र के नाम वर्ण क्या हैं? क्योंकि किसी भी बच्चे का नाम इसी वर्ण के हिसाब से रखा जाता है। ताकि बच्चे को भविष्य में कभी नाम के कारण किसी भी तरह की मुसीबत का सामना न करना पड़े। हिंदू धर्म में नाम रखने की प्रक्रिया व व्यवस्था बनाई गयी गई। इस विधि को हर हिंदू अपनाता है और विधि अनुसार नवजात का का नामकरण किया जाता है। आइये जानते हैं मकर राशि नाम के बारे में –
मकर राशि
मकर राशि, राशि चक्र की दसवीं राशि है। जो राशि चक्र में 270 से 300 अंश तक अपना विस्तार रखती है। राशि के स्वामी शनि हैं। इस 30 अंश में पैदा हुए सभी जातक मकर राशि के माने जाते हैं। इसका नामकरण मकर राशि के अंतर्गत आने वाले नक्षत्र व इनके वर्णों के हिसाब से किया जाता है। मकर राशि में जन्मे जातक विनम्र व बुद्धिमान होते हैं। इनका विचार व्यवहारिक व दार्शनिक होता है। इनके सहनशीलता व धैर्य होता है। इसके साथ ही इनके अंदर नेतृत्व व प्रबंधन करने की क्षमता होती है। ये कुशल व्यवहारिक होते हैं। सामाजिक स्थिति अच्छी रहती है।
मकर राशि नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष में मकर राशि के लिए नक्षत्र व इनके नौ चरणों को तय किया गया है। इन तीन नक्षत्रों में उत्तराषाढा, श्रवण व धनिष्ठा शामिल हैं। इन नक्षत्रों में जन्मे सभी जातक मकर राशि माने जाते हैं। परंतु आपको यहां स्पष्ट कर दें कि उत्तराषाढा नक्षत्र के कुछ चरण धनु राशि में भी आते हैं। इन नक्षत्रों में जन्मे जातक एक दूसरे से बिलकुल अलग हो सकते हैं। यह भी हो सकता है कि कुछ जातकों का स्वभाव एक व गुण एक दूसरे मिले परंतु ऐसा नहीं हो सकता की सभी की विशेषताएँ एक जैसी हों।
उत्तराषाढा नक्षत्र
इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य व देव दस विश्वदेवा हैं। इस नक्षत्र के जातको में कम स्वार्थ पाया जाता है यानी की ये स्वार्थी नहीं होते हैं। परिश्रम व मेहनत कर के सफल होते हैं। इसके साथ ही ये विचारशील व उदार होते हैं। किसी भी बात पर नपातुला जवाब देना भी इनके स्वभाव में निहित होता है। ये कुशल व्यवस्थापक होते हैं। इनके अंदर प्रबंधन कला भी विद्यमान होती है। ये अपना हित साधने के लिए दूसरे का अहित नहीं करते हैं।
श्रवण नक्षत्र
इस नक्षत्र के देव विष्णु व स्वामी चंद्रमा हैं। यदि आपका बच्चा श्रवण नक्षत्र में जन्मा है तो व एक दयालु व्यक्ति हो सकता है। इसके साथ ही वह स्वच्छ व विचारशील होगा। किनारे पर चलने की अपेक्षा बीच के मार्ग पर चलना अधिक उपयुक्त समझेगा। आर्थिक रूप से सफल होगा तथा एक भैतिक व आरामदेह जीवन जीने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहेगा। इसके अंदर संगठन तथा नेतृत्व से संबंधित कुशलता होगी।
धनिष्ठा नक्षत्र
इस नक्षत्र के अष्ट वसु और स्वामी मंगल है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक अति उत्साही होते हैं। इस वजह से कोई भी कार्य करने के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं। इनकी यह प्रवृत्ति इन्हें कभी – कभी जोखिम में डाल देती है। इनमें स्वार्थवृत्ति कम पयी जाती है। ये लोगों की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
मकर राशि नक्षत्र वर्ण
इस राशि में जन्में सभी जातकों का नाम भो, जा, जी, जू, जे, जो, खा, गा, गी, अक्षर से शुरू होता है। इस राशि के जातकों के लिए अच्छे नाम उपलब्ध हैं। परंतु ये आसानी से मिलते नहीं, इसलिए एस्ट्रोयोगी आपकी सहायता हेतु इन अक्षरों के कुछ नाम सुझाएं हैं। जिससे आप अपने बच्चे का एक अच्छा व सार्थक नाम रखने में सफल हो पाएंगे। अधिक जानकारी के लिए आप एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर से बात कर सकते हैं। एस्ट्रोलॉजर से बात करने के लिए यहां क्लिक करें।