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प्राचीन काल से ही भारत में नामकरण संस्कार को अपनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में यह संस्कार नवजात के जन्म से 12 दिनों के भीतर कर किया जाता है। विद्वानों की माने तो यह संस्कार केवल नाम के लिए नहीं किया जाता है। अपितु इसलिए किया जाता है कि नाम का असर शिशु के व्यक्तित्व भी पड़ता है। इसलिए नाम करण करते समय वैदिक ज्योतिष का सहारा लिया जाता है। इसी के आधार पर नाम तय किया जाता है। जिसके बारे में आगे जानेंगे। इस लेख में हम मीन राशि के साथ ही मीन जातकों की राशि नक्षत्र व नाम वर्ण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तो आइये जानते हैं मीन राशि के जातकों के बारे में –
मीन राशि
मीन राशि, भ-चक्र की बारहवीं राशि है। राशि के स्वामी बृहस्पति हैं व इस राशि के जातक जल तत्व से संचालित होते हैं। मीन राशि राशि चक्र में 330 से 360 अंश तक का विस्तार रखती है। इसमें जन्म लेने वाले जातक मीन राशि के माने जाते हैं। मीन राशि के जातक स्वभाव से उदार व करूणा से भरे होते हैं। इसके साथ ही जातक दार्शनिक विचार के होते हैं। इनके प्रेम व वैवाहिक जीवन की बात करें तो इसमें भी ये खुश रहते हैं। मीन जातकों का व्यवहार कुशल होता है। जिससे इनके मित्र अधिक होते हैं। परंतु ये अपने गूढ़ रहस्यों को अपने मित्रों से साझा कर देते हैं जो इनके लिए कभी – कभी समस्या का कारण बन जाता है। ये जीवन में सफल होते हैं लेकिन कई मौके गवा भी देते हैं।
मीन राशि नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी राशियों के लिए तीन नक्षत्र निर्धारित हैं। इसी तरह से मीन के लिए भी तीन नक्षत्र तय किये गए हैं। जो पूर्वाभाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद व रेवती है। इसके साथ ही मान राशि में नौं नक्षत्र चरण भी आते हैं। जिनमें जन्म लेने वाले जातक मीन राशि के जातक कहलाते हैं। इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले जातकों के कुछ गुण मिल सकते हैं। परंतु इनके स्वभाव व व्यक्तित्व अलग होते हैं।
पूर्वाभाद्रपद
पूर्वाभाद्रपद पर बृहस्पति ग्रह का स्वामित्व है और नक्षत्र देवता अजैकपाद हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक आत्मनिर्भर रहते हैं। इनके जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होती। ये आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं जिसका लाभ भी इन्हें मिलता है। ये किसी भी समस्या हल खोज लेते हैं। विपरीत परिस्थियों में भी धैर्य से काम लेते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के प्रेम संबंध व वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है। संबंधियों से भी ये अच्छा व्यवहार रखते हैं। इनकी पसंद दूसरों से एक दम हट के होती है। व्यापार में अच्छा लाभ कमाते हैं।
उत्तरा भाद्रपद
यह नक्षत्र शनि ग्रह द्वारा शासित है तथा इस नक्षत्र के देवता अहिर्बुध्नय हैं। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में जन्म ले ने वाले जातक भीड़ में सबसे अलग दिखायी देते हैं। इनकी बैद्धिक क्षमता का लोहा लोग मानते हैं तथा कई लोग इनसे सलाह भी लेते हैं। इन जातकों में स्वार्थ कम होता है। ये मित्र अधिक बनाते हैं और मित्रता निभाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इनका वैवाहिक व प्रेम जीवन अच्छा रहता है। आर्थिक के साथ सामाजित स्थिति भी अच्छी रहती है।
रेवती नक्षत्र
रेवती के स्वामी बुध व देव भगवान पूषा हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों को धन की कमी नहीं होती है। जब भी धन की जरूरत होती है तब यह कहीं न कहीं से आ जाती है। इस नक्षत्र के जातक अति महत्वाकांक्षी भी होते हैं, परंतु अपने हित के लिए दूसरों का अहित नहीं करते हैं। दूसरों की सहायता करने के चक्कर में समस्या में पड़ जाते हैं। समाजिक जीवन भी आपका अच्छा रहता है। आप जीवन में काफी सफलता हासिल करते हैं।
मीन राशि नक्षत्र वर्ण
मीन राशि में जन्मे जातकों का नाम दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची अक्षर से शुरू होता है। इस राशि के नाम बड़ें ही पेचीदें व जल्दी नहीं मिलते हैं। अच्छा नाम तलाश ने काफी समय लग जाता है। ऐसे में एस्ट्रोयोगी ने आपकी सहायता हेतु मीन राशि वालों के लिए कुछ नाम यहां प्रस्तुत किए हैं। मीन राशि के बारे में अधिक जानने के लिए आप एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर से बात कर सकते हैं। जिनके परामर्श से आप जरूर लाभांवित होंगे। एस्ट्रोलॉजर से अभी बात करने के लिए यहां क्लिक करें।