कुम्भ व मेष में एक बात जो दोनों में ही समान होती है वो है कि दोनों ही किसी भी नई चीज़ या बात के प्रति पूरी तरह से उत्साहित रहते हैं और उसका पूरा मजा लेना चाहते हैं। कुम्भ का अज्ञात सा व्यवहार मेष के सब्र के लिए सजा जैसा ही हो जाता है। लेकिन मेष को इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि वो बेकार में ही कुम्भ को ना छेड़े वरना वो जिद्दी हो जाते हैं। कुल मिला कर ये कहा जा सकता है कि यह संबंध एक जुआ है। कुम्भ पर क्योंकि यूरेनस राज करता है, इसलिए उसके किसी भी काम के बारे में पहले से कुछ भी नहीं कहा जा सकता, इसलिए कुम्भ राशि वाले मेष को खुश करने के लिए टाल-मटोल करते रहते हैं। मेष की बजाय कुम्भ की भावनाएं बहुत नियंत्रित होती हैं। जिसकी वजह से मेष का स्वाभाविक प्यार व घृणा कुम्भ के व्यक्तिगत अहम् की संतुष्टि नहीं कर पाते। कुम्भ महिला अपनी सहनशीलता के कारण ही मेष पुरूष की अचानक जागृत होने वाली कामाचार की भावना को संतुष्ट कर पाती है। ये एक बहुत अच्छा रिश्ता साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए दोनों साथियों का दृष्टिकोण बहुत ही सकारात्मक होना चाहिए।