कुंडली में कई तरह के योग पाए जाते हैं जो किसी न किसी ग्रह संयोग के कारण ही बनते हैं। जिनका हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है। परंतु कुंडली में कुछ ऐसे भी योग हैं जिनका बनना हमारे लिए बेहद शुभ हो जाता है। इन्हीं योगों में से एक योग है पंचग्रही योग। जिसे ज्योतिषाचार्य काफी शुभ मानते हैं। इसलिए आज में इस लेख में इस योग के बारे में विस्तार से बात करेंगे। लेख में हम पंचग्रही योग क्या है? यह कुंडली में कैसे बनता है? इस योग का ज्योतिष में क्या महत्व है? योग के क्या परिणाम प्राप्त होते हैं? तो आइये जानते हैं पंचग्रही योग के बारे में-
ज्योतिषा के अनुसार जव किसी घर में पांच ग्रह एक साथ आ जाते हैं तब पंचग्रही योग का निर्माण होता है। जिस घर में होता है उसके प्रभाव को बढ़ाता है। इससे जातक जीवन में सुख समृद्धि वाला बनता है। समाज में मान सम्मान पाता है। उच्च पद पर बैठता है। परंतु ज्योतिष का यह भी कहना है कि हर तरह का पंचग्रही योग शुभ नहीं होता है। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनका प्रभाव विपरीत होता है। जिसके चलते जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समय रहते इसका उपाय नहीं किया गया हो यह काफी नुकसानदाय हो जाता है। क्या आपके कुंडली में है पंचग्रही योग जानने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से। बात करने से आप अपने कुंडली के बारे में विस्तार से जान सकेंगे और उपस्थित दोष व योग के बारे में जानकर उसका लाभ व उपाय कर सकेंगे। जो आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
ज्योतिषियों का कहना है कि अमूमन बनने वाले पंचग्रही योग शुभ होते हैं। परंतु कभी कभार ये ग्रह कुछ ऐसी स्थिति व संयोग से में बन जाते हैं जिससे जातक को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषियों का मत है कि पंचग्रही योग यदि बुध के बिना व राहु या केतु में से किसी एक ग्रह की उपस्थिति में बने तो यह काफी लाभदायक साबित होता है। जिस भी जातक के कुंडली में यह संयोग बनता है। वह जीवन में कई सफलताओं को हासिल करने में सफल होता है। उसे मान सम्मान के साथ ही धन लाभ भी होता है। करियर में भी बढ़ोतरी होती है। ज्योतिष बताते हैं कि पंचग्रही योग में यदि शुभ ग्रहों की उपस्थिति अधिक हो व पाप ग्रह कम हो तो ये बहुत ही अच्छा परिणाम देने वाला होता है। परंतु पाप ग्रह ज्यादा व शुभ ग्रह कम होतो यह कुछ खास लाभ नहीं देता है। इसके विपरीत हानि का सामना करना पड़ सकता है।
जैसा कि हमने आपको बताया कि ग्रहों के संयोग पर निर्भर करता है कि योग कैसा परिणाम व अपना असर दिखायेगा। तो आइये जानते हैं- ग्रह संयोग से योग के प्रभाव को-
सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध व शुक्र का संयोग
इस संयोग से बनने वाले पंचग्रही योग का असर व्यक्ति के स्वभाव व मन पर पड़ता है। यदि इन ग्रह संयोग से किसी जातक की कुंडली में पंचग्रही योग बनता है तो ऐसा जातक स्वार्थी होगा। हर कार्य में अपना लाभ व हित देखेगा। उसके बाद ही उसे करने की इच्छा रखेगा। साथ ही व दूसरों को स्वयं से कमतर समझेगा।
सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध व शुक्र का संयोग
जिस जातके के कुंडली में इन ग्रहों के संयोग से पंचग्रही योग बनाता है ऐसे जातक कलाकार होते हैं। उनके अंदर गजब की कला होती है। ये युद्ध कौशल में पारंगत होते हैं। इसके साथ ही ये ढोंगी भी होते हैं।
सूर्य, चंद्रमा, मंगल, शुक्र व शनि का संयोग
इन पांच ग्रहों की युति से बनने वाले पंचग्रही योग से व्यक्ति महापराक्रमी होता है। साथ ही यह जिनके पत्रिका में इन ग्रहों का योग बनता है वह जातक धन संपदा ये युक्त, अत्यंत प्रतिष्ठावान बनता है। ऐसा व्यक्ति आकर्षक व्यक्तित्व का धनी होते हैं। व्यापार में अपार लाभ कमाते हैं।
सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र व शनि का संयोग
जिस किसी भी जातक के कुंडली में इन ग्रहों के योग से पंचग्रही योग बनाता है वे जातक धन व आर्थिक रूप से मजबूत बनते हैं परंतु इन्हें परस्त्री की नजर लगी रहती है। यदि जातक पुरूष है तो वह परस्त्री के चक्कर में अपना सब कुछ गवा देता है। तो वही किसी स्त्री की कुंडली में यह संयोग बदता है तो वह पुरुषों से संबंध स्थापित करने में जरा भी संकोच नहीं करती है। एक समय ऐसा आता है जब वह अपना सब कुछ नष्ट कर लेती है।
इनके अलावा कई और ग्रह संयोग हैं जिनसे पंचग्रही योग का निर्माण होता है। पंचग्रही योग के बारे में यहां दी गई जानकारी सामान्य है। यह आपकी कुंडली के हिसाब से अलग हो सकती है। इसके साथ ही इसके परिणाम भी भिन्न हो सकते हैं।