हिन्दू मंदिरों को मुग़ल काल से लेकर ब्रिटिश साम्राज्य तक ना जाने कितनी बार लूटा गया और तोड़ा गया है। लेकिन कुछ तो बात है कि ‘हस्ती मिटती नहीं हमारी’। जी हाँ कुछ तो बात है और यह बात कुछ है तो वह भक्तों का अपने भगवान के लिए प्यार ही है। कहते हैं कि भगवान अपने भक्तों को अपार धन देता है लेकिन भारत में भक्त भी अपने भगवान को खूब धन देते हैं। यकीन ना हो तो आइये पढ़ते हैं हिन्दुओं के पांच सबसे धनवान मंदिरों के बारे में ...
पद्मनाभस्वामी मंदिर
पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है। केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम के ‘श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर’ में कुल छह तहखाने हैं जिनमें से अब तक पांच को ही खोला गया है। इन पांच तहखानों में से मिली राशि की कीमत 5 लाख करोड़ रुपये है।
तिरुपति बालाजी मंदिर
हमारे तिरूपति बालाजी भगवान भारत के दूसरे सबसे अमीर भगवान हैं। देश के प्रख्यात मंदिरों में से एक बालाजी मन्दिर के पास अपार संपत्ति है। हैदराबाद से लगभग 550 किमी दूर पर स्थित, इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर जी भगवान की पूजा की जाती है। भक्तों ने भगवान पर ऐसा प्यार लुटाया हैं कि करीब 832 करोड़ रुपए मंदिर के खजाने में जमा हो गए। मंदिर की कुल संपत्ति 5500 करोड़ से ज्यादा है।
शिरडी साईं बाबा का मंदिर
हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतिक शिरडी साईं बाबा का मंदिर देश के तीसरे सबसे ज्यादा संपत्ति रखने वाले भगवान हैं। सन 1922 में बना यह साईं भगवान का मंदिर है। मंदिर में करीब 35 करोड़ रूपए के सोने और चांदी के जेवर हैं। इसके अलावा मंदिर के पास चांदी के लगभग 8 लाख रूपए के सिक्के हैं। मंदिर में करीब 400 करोड़ रूपए का चढ़ावा हर साल चढ़ाया जाता है।
वैष्णो देवी मंदिर
जम्मू कश्मीर स्थित माँ वैष्णो देवी मंदिर, सालाना आय में चौथे नंबर पर है। देश में सबसे ज्यादा भक्त दर्शन के लिए यहीं जाते हैं। मंदिर में हर साल सैकड़ों किलो सोने-चांदी के आभूषण चढ़ाए जाते हैं। माता वैष्णो देवी मंदिर की सालाना आय लगभग 380 करोड़ रुपये है।
सिद्धिविनायक मंदिर
श्री गणेश भगवान का यह मंदिर मुंबई में स्थित है। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी भी है और बॉलीवुड का गढ़ भी है। हर साल इस मंदिर में लगभग 50 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ता है। इसके 125 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में भी जमा है।