हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसी कई तिथियां और मुहूर्त होते हैं जिन्हें बेहद शुभ माना जाता है। इसके पीछे विभिन्न मान्यताएं शामिल होती हैं, जो इनके महत्व को और बढ़ा देती हैं। अक्षय तृतीया 2023 भी इन्हीं में से एक है। यह एक ऐसा अबूझ मुहूर्त होता है जब हम बिना किसी विचार के कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं और उसकी सफलता की कामना कर सकते हैं। अक्षय तृतीया (akshaya tritiya) का त्योहार शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। ‘अक्षय’ शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'कभी कम न होना' और तृतीया का अर्थ है 'तीसरा', इस प्रकार यह एक ऐसा दिन है जिसे जीवन में भाग्य और समृद्धि लाने के लिए माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया 2023 पर देवलोक के कई देवी-देवता धरती पर आते हैं और अपने भक्तों पर अपना आशीर्वाद और कृपा बरसाते हैं। इस दिन विशेष रूप से लोग भगवान विष्णु की उपासना करते हैं। ज्यादातर लोग विभिन्न मंदिरों में जाकर देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेते हैं और उनकी कृपा के लिए उनके प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं। समस्त भारत में मंदिरों को सजाया जाता है, कहीं रंगीन रंगोली बनाकर तो कहीं रोशनी और फूलों से सजाया जाता है। लोग देवी-देवताओं का दिव्य आशीर्वाद लेने के लिए पूजा भी करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं।
अप्रैल माह के लिए जानें सभी शुभ मुहूर्त।
हिन्दू पंचाग के अनुसार अक्षया तृतीया 22 अप्रैल 2023 की है।
अक्षया तृतीया 2023 पूजा मुहूर्त- 22 अप्रैल 2023, (शनिवार), सुबह 07 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक।
तिथि आरंभ- 22 अप्रैल 2023, सुबह 07 बजकर 49 मिनट से
तिथि समाप्ति- 23 अप्रैल 2023, सुबह 07 बजकर 47 मिनट तक
सोना खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त
शनिवार 22 अप्रैल, सुबह 07 बजकर 49 मिनट से सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक।
रविवार 23 अप्रैल, सुबह 05 बजकर 48 मिनट से सुबह 04 बजकर 47 मिनट तक।
अक्षय तृतीया 2023 पर कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं ?
अक्षय तृतीया की तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। इस साल यह तिथि और भी खास होने वाली है। इस साल अक्षय तृतीया पर बेहद शुभ और अद्भुत संयोग बनने वाला है। इस दिन चंद्रमा, वृषभ राशि में होंगे। इसके साथ ही इस दिन आयुष्मान योग, सर्वार्थ सिद्ध योग और रवि योग भी बन रहे हैं। जो इस दिन के महत्व को बढ़ाने में और इसे अधिक शुभ बनाने का कार्य करेंगे। अगर आप भी इस शुभ संयोग का लाभ उठाना चाहते हैं तो इस दिन अपने सभी मांगलिक कार्यों को करना तय करें। इससे न केवल आपको अक्षय तृतीया की तिथि का लाभ प्राप्त होगा बल्कि इस तिथि पर बन रहे शुभ योग का पूर्ण फल प्राप्त होगा।
अक्षय तृतीया 2023 की पूजा विधि
सुबह उठकर स्नानकर तैयार हो जाएं और व्रत का संकल्प लें।
ध्यान रहे कि आज के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना शुभ होता है।
पूजा वाले स्थान को साफ़ करके, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर लें।
पूजा स्थल और प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
इसके बाद उनकी प्रतिमा के सामने अगरबत्ती और दीपक जलाएं।
उनकी प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाएं।
सफ़ेद कमल के फूल या सफ़ेद गुलाब और चंदन से उनकी पूजा करें।
पूजा में उनकी प्रतिमा के सामने पीले वस्त्र और तुलसी भी चढ़ाएं।
विष्णु चालीसा या विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।
पूजा में देवताओं को दूध, चावल और चने की दाल से बना प्रसाद चढ़ाएं।
ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस खास दिन पर जरूरतमंदों को फल-फूल, बर्तन, कपड़े, गाय, भूमि, पंखे, खड़ाऊं, चावल, नमक, घी आदि का दान करें।
अक्षय तृतीया 2023 में गृह प्रवेश मुहूर्त
अक्षय तृतीया की तिथि अपनी शुभता और विशेष प्रभाव के कारण हिंदुओं के लिए खास महत्व रखती है। इस तिथि को आप किसी भी अच्छे कार्य जैसे गृह प्रवेश मुहूर्त 2023 या विवाह मुहूर्त के लिए भी चुन सकते हैं। अक्षय तृतीया 2023 में ग्रह प्रवेश मुहूर्त करना आपके नए गृह स्थान के लिए बहुत शुभ होगा। इससे आपके घर और घर में रहने वाले लोगों को बहुत सकारात्मकता प्राप्त होगी।
अक्षय तृतीया पर जरूर करें ये खास उपाय
अपने घर को साफ-सुथरा रखें और वास्तु अनुसार कुछ खास बदलाव जरूर करें।
इस दिन दान-पुण्य जरूर करें। यह बेहद शुभ फल लेकर आता है।
मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एकसाथ पूजा करें।
अपने घर या कार्यालय में मुख्य द्वारा पर भगवान गणेश की प्रतिमा को भी स्थापित करें। यह आर्थिक समस्याओं का समाधान करने में सहायक होते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन सोने या चांदी की वस्तुएं खरीदें। इससे अपार समृद्धि आती है।
पूजा के स्थान पर माता लक्ष्मी की चरण पादुकाएं रखें। माता लक्ष्मी का वास हर किसी के घर को सुख और समृद्धि से भर देता है।
वैवाहिक जीवन में संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा जरूर करें।
इस दिन 11 कौड़ियों को एक कपड़े में बांध कर पूजा वाले स्थान पर रखें। इससे माता लक्ष्मी का वास बना रहता है।
पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ खास वस्तुओं जैसे सत्तू, खड़ाऊं या छाते का दान करें।
पूजा करते समय माथे पर केसर और हल्दी का तिलक जरूर लगाएं। इससे माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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अक्षय तृतीया 2023 का महत्व
अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इस दिन भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम ने जन्म लिया था। इसके साथ ही इस दिन त्रेता युग का प्रारंभ भी माना जाता है। अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है जो पूरे साल में केवल तीन मुहूर्त होते हैं। अबूझ मुहूर्त वे मुहूर्त होते हैं जब किसी भी शुभ या बड़े कार्य के लिए पंडित से मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं होती। इस दिन किया हुआ कोई भी कार्य अपने साथ सफलता और समृद्धि लेकर आता है।
यह दिन कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसी दिन से चारधाम यात्रा की शुरुआत होती है। ऋषि वेदव्यास और गणेश जी द्वारा आज ही के दिन महाभारत ग्रंथ की रचना की गई थी। मां गंगा का इसी तिथि पर धरती पर आगमन हुआ था। इसके अलावा अक्षय तृतीया 2023 के खास अवसर पर ही श्री कृष्ण के परम मित्र सुदामा उनसे मिलने आए थे। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करना, सोना या चांदी खरीदना बहुत खास माना जाता है। जो लोग अक्षय तृतीया के दिन सोने या चांदी के आभूषणों में निवेश करते हैं उनके जीवन में धन की कमी नहीं रहती।
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