
Akshaya Tritiya Upaay 2025: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला अक्षय तृतीया का पर्व साल 2025 में भी शुभता और समृद्धि का संदेश लेकर आ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान है। इसके साथ ही भगवान परशुराम का भी पूजन किया जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने परशुराम अवतार लिया था। अक्षय तृतीया को हिंदू पंचांग के अनुसार अबूझ मुहूर्त कहा गया है, यानी इस दिन बिना किसी विशेष मुहूर्त के भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। अगर आप अपने जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और वैभव चाहते हैं, तो अक्षय तृतीया 2025 पर कुछ खास काम करना बेहद शुभ रहेगा।
आइए जानते हैं कि इस दिन कौन से 5 कार्य करने चाहिए और उनके क्या अद्भुत लाभ होते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन विशेष रूप से लक्ष्मी नारायण स्वरूप की पूजा करने का महत्व है। इस स्वरूप में देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ विराजमान होती हैं, न कि उनके चरणों में। इससे यह प्रतीक मिलता है कि जब लक्ष्मी और नारायण साथ होते हैं, तभी जीवन में सच्ची समृद्धि और संतुलन आता है।
इस दिन आप प्रातः स्नान के बाद अपने घर के मंदिर में या किसी विष्णु लक्ष्मी मंदिर में जाकर पूजा करें। पूजन में पीले पुष्प, तुलसी पत्र, चंदन, धूप, दीपक और नैवेद्य का विशेष महत्व होता है। विष्णुजी को पीले वस्त्र और लक्ष्मीजी को लाल वस्त्र अर्पित करें।
ऐसा करने से आपके घर में धन, धान्य और सौभाग्य की वृद्धि होती है। पारिवारिक शांति बनी रहती है और हर क्षेत्र में उन्नति के मार्ग खुलते हैं। यह पूजा आपकी आर्थिक बाधाओं को भी दूर करती है और स्थायी समृद्धि प्रदान करती है।
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अक्षय तृतीया के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु के सहस्र नामों का जाप करने से जीवन के समस्त दुख, रोग और दरिद्रता समाप्त हो जाती है।
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठें। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए श्रद्धा भाव से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। यदि पूरा पाठ संभव न हो तो केवल एक बार शुद्ध मन से पाठ करना भी पर्याप्त है।
पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें और हर नाम का उच्चारण श्रद्धा से करें। यह साधना आपके मन को शांति देगी, चिंताओं का नाश करेगी और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगी। साथ ही, भाग्य में भी वृद्धि होगी और जीवन के समस्त कार्य सरलता से सिद्ध होंगे।
नारियल को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन घर की तिजोरी या धन रखने के स्थान पर नारियल स्थापित करने से आर्थिक स्थिति में अद्भुत सुधार होता है।
सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर भगाने और सकारात्मकता को आकर्षित करने के लिए, एक शुभ मुहूर्त में लाल वस्त्र में नारियल लपेटें। फिर इसे तिजोरी, लॉकर या धन स्थान पर स्थापित करें।
इस उपाय से न केवल धन वृद्धि होती है बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहती है। यदि आपकी आर्थिक स्थिति में लंबे समय से स्थिरता नहीं आ रही है या ऋण जैसी समस्याएं बनी हुई हैं, तो यह उपाय अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो सकता है। नारियल स्थापना से घर में सौभाग्य का वास होता है और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
अक्षय तृतीया का दिन दान और पुण्य कर्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन दान किए गए अन्न, वस्त्र, धन आदि का फल 'अक्षय' यानी कभी नष्ट न होने वाला होता है।
आप इस दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार अन्न, जल, वस्त्र, छाता, जूते, स्वर्ण या रजत जैसी वस्तुएं दान कर सकते हैं। विशेषकर जरूरतमंदों को दान करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन तीन विशेष पुण्य कर्म करने का भी विधान है:
गंगा स्नान या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना।
जीवों को जल पिलाना, विशेषकर पक्षियों और जानवरों को पानी उपलब्ध कराना।
छाया दान करना, यानी किसी पेड़ का रोपण करना या राहगीरों के लिए छाया की व्यवस्था करना।
ये तीनों कार्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं, पापों का क्षय करते हैं और भविष्य में स्थायी सुख-संपदा प्रदान करते हैं। दान से मन को भी संतोष मिलता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा गया है, यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए यदि आप कोई नया कार्य शुरू करना चाहते हैं, तो इस दिन से बेहतर कोई अवसर नहीं।
कुछ प्रमुख कार्य जो अक्षय तृतीया 2025 पर आरंभ किए जा सकते हैं:
नया व्यवसाय शुरू करना
संपत्ति खरीदना
वाहन खरीदना
सोना-चांदी जैसे बहुमूल्य धातुओं की खरीदारी
विवाह तय करना या विवाह करना
गृह प्रवेश करना
शिक्षा से संबंधित नए कोर्स या एडमिशन लेना
कहा जाता है कि इस दिन आरंभ किए गए कार्यों में बाधाएं नहीं आतीं और वे निश्चित रूप से सफलता प्रदान करते हैं। इसलिए इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाएं।
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पूजन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
पूजन स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
विष्णुजी को तुलसी पत्र और पीले पुष्प अवश्य चढ़ाएं।
दीपक में गाय के घी का उपयोग करें।
पूजा में लक्ष्मी जी के लिए कमलगट्टे के बीज अर्पित करें।
मंत्रों का उच्चारण शुद्धता और श्रद्धा के साथ करें।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से आपकी पूजा अधिक फलदायी होगी और घर में स्थायी सुख-समृद्धि का वास होगा।
अक्षय तृतीया 2025 का पर्व आपके जीवन में खुशियों, समृद्धि और सफलता का नया अध्याय लिख सकता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें, नारियल स्थापित करें, पुण्य कर्म करें और शुभ कार्यों की शुरुआत करें। इन पांच कार्यों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से आपके जीवन में निश्चित ही चमत्कारिक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
तो इस अक्षय तृतीया पर आत्मविश्वास से भरकर शुभ कार्यों की ओर कदम बढ़ाइए और अपने जीवन को अक्षय सौभाग्य से भर दीजिए!
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