अनंत चतुर्दशी पर क्यों बांधें अनंत सूत्र ? जानें शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व।

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अनंत चतुर्दशी पर क्यों बांधें अनंत सूत्र ? जानें शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व।

Anant Chaturdashi 2023: अनंत चतुर्दशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। यह दस दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव के अंत का प्रतीक है, जिसके दौरान भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह विशेष त्योहार गणपति बप्पा की विदाई का दिन भी होता है। इसी दिन लोग बेहद धूमधाम से गणपति विसर्जन (ganpati visarjan) करते हैं और बप्पा से अगले साल फिर आने की प्रार्थना करते हैं। अनंत चतुर्दशी व्रत पर सभी भक्त गणपति को विदा करने के साथ-साथ भगवान विष्णु की उपासना करते हैं। अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2023) का त्योहार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर में आती है। यह शुभ दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करके, रक्षा सूत्र बांध कर प्रार्थना करते हैं और अपने सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर लेते हैं। 

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अनंत चतुर्दशी 2023 कब है ? (Anant Chaturdashi 2023 date)

हिन्दू पंचांग के अनुसार, अनंत चतुर्दशी हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। साल 2023 में अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी। इस समय के दौरान, सभी भक्त भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेने के लिए विशेष पूजा और प्रार्थना करते हैं। 

अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त : सुबह 06 बजकर 12 मिनट से शाम 06 बजकर 49 मिनट तक।   

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 27 सितंबर 2023, रात 10 बजकर 18 मिनट से  

चतुर्दशी तिथि समाप्त-  28 सितंबर 2023, शाम 06 बजकर 49 मिनट तक 

  

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि (Anant Chaturdashi 2023 Pooja Vidhi) 

  • अनंत चतुर्दशी के दिन जल्दी उठें और अपने दिन की शुरुआत भगवान नारायण के स्मरण के साथ करें।
  • अपने घर को अच्छी तरह से साफ करें। उसके बाद गंगाजल मिले जल से स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र पहनें।
  • स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
  • पूजा के स्थान पर एक चौकी लगाएं और उस पर भगवान नारायण की प्रतिमा या तस्वीर रखें। अब सामने एक विशेष कलश स्थापित करें।
  •  इसके बाद घर में जितने सदस्य हैं उतने ही अनंत रक्षा सूत्र (पवित्र धागा) भगवान विष्णु के सामने रखें।
  • अनंत सूत्र पर कुमकुम और हल्दी लगाएं, उसमें 14 गांठ बांधकर पूजा के स्थान पर रख दें। 
  • अब भगवान विष्णु के अनंत रूप और रक्षा सूत्रों की पूजा करें।
  • आरती के दौरान भगवान विष्णु से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
  • पूजा करने के बाद, मंत्रोच्चारण के साथ पुरुष अपने दाहिने हाथ में, और महिलाएं अपने बाएं हाथ में अनंत सूत्र जरूर बांधें।

अनंत चतुर्दशी व्रत नियम 

कई भक्त भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखते हैं। उपवास सूर्योदय से शुरू होता है और शाम की प्रार्थना के बाद समाप्त होता है। अनंत चतुर्दशी व्रत के दौरान, अनाज, दालों और कुछ सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके बजाय फल, दूध और व्रत में खाई जाने वाली अन्य चीजों का सेवन किया जाना चाहिए। माना जाता है कि इस व्रत से आत्मिक शुद्धि और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। प्रार्थना और भक्ति पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे दिन एक शांतिपूर्ण और सकारात्मक मानसिकता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इस दिन पूजा के बाद अनंत सूत्र बांधना न भूलें।

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अनंत चतुर्दशी को क्या खाना चाहिए ?

अनंत चतुर्दशी पर, भगवान विष्णु के प्रसाद के रूप में विभिन्न विशेष व्यंजन तैयार किए जाते हैं। यह प्रसाद भगवान विष्णु और गणेश जी को बहुत प्रसन्न करता है। अक्सर प्रसाद में मोदक और नारायण को भोग लगाने के लिए श्रीखंड बनाया जाता है। मोदक, भगवान गणेश की प्रिय मिठाई माना जाता है। यह मोदक एक खास तरीके से बनाए जाते हैं और इनके अंदर मावा या अन्य चीज़ों का मिश्रण भरा जाता है। इन पारंपरिक व्यंजनों को पूजा के बाद परिवार और दोस्तों के साथ साझा किया जाता है, जो आनंद और खुशी लाता है।

इन बातों का रखें ध्यान 

अनंत चतुर्दशी मनाते समय, कुछ बातों को जरूर ध्यान में रखें। इस शुभ दिन पर शराब, मांसाहारी भोजन और प्याज / लहसुन का सेवन करने से बचना चाहिए। आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से एक स्वच्छ और शुद्ध वातावरण बनाए रखने की सलाह दी जाती है। नकारात्मक विचारों या कार्यों में शामिल होने से बचें और इसके बजाय प्रार्थना, ध्यान और दान के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करें। 

अनंत चतुर्दशी का महत्व 

अनंत चतुर्दशी का हिंदू पौराणिक कथाओं में बहुत महत्व है। इस दिन, भक्त भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए एक साथ आते हैं और समृद्धि व सौभाग्य के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। 'अनंत' शब्द का अर्थ है जिसका अंत न हो और 'चतुर्दशी' चंद्र महीने के 14 वें दिन को संदर्भित करता है। इस अवसर पर भगवान विष्णु, अपने अनंत रूप में, अपने भक्तों को समृद्धि, दीर्घायु और खुशी का आशीर्वाद देते हैं। यह त्योहार भगवान गणेश की विदाई का भी प्रतीक है, जो भव्य जुलूस के साथ विदाई लेते हैं। मान्यता है कि विसर्जन के दौरान, भगवान गणेश अपने भक्तों के जीवन से दुर्भाग्य और सभी बाधाओं को दूर करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से, कोई भी अपनी गलतियों के लिए माफी मांग सकता है और जीवन में एक नई शुरुआत के लिए आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। अनंत चतुर्दशी आनंद, सकारात्मकता और प्रार्थना का समय है, जो हमें जीवन की अनंत संभावनाओं की याद दिलाता है।

अनंत चतुर्दशी खुशियों भरा त्योहार है जो भगवान विष्णु और भगवान गणेश के भक्तों को उत्सव और भक्ति के लिए एक साथ लाता है। यह आशीर्वाद लेने, आभार व्यक्त करने और नकारात्मकता को दूर करने का समय है। तो आइए इस अनंत चतुर्दशी पर श्री हरि के चरणों का आशीर्वाद लें और एक बेहतर जीवन की दिशा में आगे बढ़ें। 

हमारी कामना है कि भगवान विष्णु आपको समृद्धि, दीर्घायु और खुशी का आशीर्वाद दें। गणपति बप्पा मोरया!

अगर आप व्यक्तिगत उपाय जानना चाहते हैं या कोई विशेष पूजा करवाना चाहते हैं तो आप हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से संपर्क कर सकते हैं और उनसे जरूरी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। 

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