क्या भाग्य को बदला जा सकता है? क्या आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है? क्या आप अपने भाग्य को बदलना चाहते हैं? और क्या ज्योतिष आपके भाग्य को बदल सकता है? आज हम यहां इन्हीं प्रश्नों का उत्तर देने जा रहे हैं। यदि आप वाकई इस बात को लेकर गंभीर हैं तो आज आपको आपके प्रश्नों का उत्तर यहां जरूर मिलने वाला है। इस लेख में हम आज इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं कि भाग्य बदला जा सकता है? तो कैसे बदला जा सकता है? इनके क्या उपाय हो सकते हैं। आइए जानते हैं हम अपने भाग्य को किस हद तक बदल सकते हैं? परंतु इसके लिए हमें ज्योतिष को थोड़ा समझना होगा। आपके मन में सवाल उठ रहा होगा की ज्योतिष को समझने की क्या जरूरत है। तो हम आपको बता दें कि बिना ज्योतिष के सामान्य जानकारी के आप इस कुछ नहीं समझ पाएंगे।
यदि आप ज्योतिष में रूचि रखते हैं तो आपको पता ही होगा। लेकिन नहीं रखते हैं तो हम आपको आसान व कम शब्दों में ज्योतिष शास्त्र के बारे में जानकारी देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में गणित, भूगोल व अंतरिक्ष तीनों विज्ञान का उपयोग किया जाता है। उसके बाद ही किसी की कुंडली तैयार जाती है। वर्तमान में सरल हो गया है परंतु वैदिक काल में यह बड़ा ही जटिल था। ज्योतिष में किसी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों व नक्षत्रों की स्थिति का आकलन कर किसी निष्कर्ष तक पहुंचा जाता है। इसी के आधार पर व्यक्ति के बारे में जानकारी दी जाती है। क्या आपकी कुंडली में सभी ग्रह सही स्थान पर हैं? क्या आपने कभी इस पर विचार किया हैं? यदि आपके भी बने काम बिगड़ रहे हैं तो आपकी कुंडली में हो सकता है ग्रह दोष? निवारण के लिए बात करें देश के जाने माने एस्ट्रोलॉजर से।
माना जाता है कि भाग्य व ज्योतिष एक सिक्के दो पहलू हैं। जिनका एक दूसरे से गहरा नाता है। कहते हैं भाग्य में होगा तो ही आपको मिलेगा। लेकिन क्या वाकई में ऐसा है? तो क्या कर्म प्रधान वाली बात का कोई मोल नहीं? ऐसा भी नहीं है क्योंकि कर्म भी हमारे भाग्य को प्रभावित करती है। जी बिल्कुल करती है। कहते हैं कि कर्म करने से भाग्य भी आपका साथ देता है। जिससे आप अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो पाते हैं। परंतु यदि भाग्य का साथ न मिले तो क्या होगा। ऐसी स्थिति में आपको कर्म के बल पर ही सब कुछ हासिल करना होगा। क्यों आप यही सोच रहें थे ना? आपका सोचना कुछ हद तक ठीक है लेकिन पूरी तरह नहीं। तो अब भाग्य को कैसे बदला जाए? इस प्रश्न के उत्तर के लिए हमें ज्योतिषियों की सहायता लेनी होगी। वही इस प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं। तो चलो उन्हीं से जानते हैं उनकी क्या कहना है इस प्रश्न पर?
ज्योतिषियों के मुताबिक व्यक्ति के अच्छे समय को ज्योतिष शास्त्र में भाग्य काल तो वहीं बुरे समय को दुर्भाग्य काल कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र व्यक्ति के जीवन में अनुकूल व प्रतिकूल समय कब आ रहा है? इसके बारे में बताता है। इसके साथ ही व्यक्ति की कुंडली का आकलन कर उसके जीवन में घटने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जाता है। ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि जब व्यक्ति का अनुकूल समय चल रहा होगा है तो वह मिट्टी में हाथ डाले, तो सोना निकल आए। परंतु यदि प्रतिकूल समय चल रहा हो तो सोना भी मिट्टी बन जाता है। कुल मिलाकर भाग्य को बदलने अर्थात् दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने की प्रक्रिया का नाम ही ज्योतिष है। लेकिन यह कैसे? ज्योतिषियों का कहना है कि व्यक्ति की कुंडली में यदि शुभ ग्रह उसके भाग्य स्थान में विराजमान हो तो व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलता है। परंतु पाप ग्रह की मौजूदगी भाग्य स्थान में व्यक्ति के भाग्य को कमजोर बनाता है। इसके अलावा कुछ ऐसी भी ग्रह योग कुंडली में बनता है जिससे व्यक्ति की दुर्घटना या किसी विवाद में फसता है। लेकिन इसका उपाय भी ज्योतिष में है यदि समय रहते कर दिया जाए तो इससे बचा जा सकता है या इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। ऐसे में यह कहना जायज है कि ज्योतिष से भाग्य बदला जा सकता है।