Copper Ring: सामान्य तौर पर आप देखें होंगे कि कई लोग तांबे की अंगूठी धारण किए होते हैं। यदि आपको लगता है वे शैकिया इसे पहने हैं तो आप गलतफहमी में हैं। सबसे पहले यह बात की कोई भी किसी चीज को यूं ही धारण नहीं करेंगा। उसके पीछे कुछ तो बात जरूर होगी। तांबे का उपयोग आज से नहीं अपितु आदि काल से किया जा रह है। इस धातु को सबसे शुद्ध माना जाता है। ऋषि – मुनि प्राचीन काल से ही इस धातु का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। तांबा केवल एक धातु नहीं हैं। इसका उपयोग कई चिकित्सीय, ज्योतिषीय व वास्तु लाभ हैं। जरूर के मुताबिक इसका उपयोग किया जाता है। तो आइये जानते हैं तांबे के चमत्कारी गुण व लाभ (copper ring benefits) के बारे में –
बात सबसे पहले ताबे के ज्योतिषीय महत्व की करते हैं। जिस तरह से हर ग्रह के लिए एक धातु निर्धारित है। उसी तरह तांबा को भी एक ग्रह का सानिध्व प्राप्त है। दोष निवारण के लिए भी तांबे का उपयोग करने का विधान ज्योतिष शास्त्र में बतलाया गया है। ज्योतिषियों की माने तो तांबे का उपयोग सूर्य दोष के निवारण के लिए किया जा सकता है। सूर्य की शांति के लिए तांबे का इस्तेमाल करने का सुझाव ज्योतिषियों द्वारा सुझाया जाता है। ज्योतिषियों का कहना है कि तांबा शुद्ध धातु है साथ ही इसकी प्रवृत्ति शांत है। जिससे सूर्य को शांत करने में सहायता मिलती है। यदि आपके सूर्य कमजोर या दोष युक्त हैं तो आपको तांबे को अंगूठी या कड़े के रूप में धारण करना चाहिए। इससे आपका दोष समाप्त होगा। परंतु आपको इसे धातु को धारण करने से पूर्व अपने कुंडली का आकलन ज्योतिषाचार्यों से जरूर करवाना चाहिए। अन्यथा लाभ के जगह यह आपको हानि पहुंचाएगा।
तांबे का ज्योतिषीय महत्व: सूर्य ग्रह से जुड़ा, दोष निवारण में सहायक।
तांबे के चिकित्सीय महत्व: रक्तचाप, थायराइड, हृदय रोग, गठिया आदि में लाभकारी, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
तांबे की अंगूठी कैसे धारण करें: रविवार के दिन सूर्य देव का मंत्र जप कर, ज्योतिषीय परामर्श लेकर।
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प्रसिद्धि व मान – सम्मान का कारक ग्रह सूर्य को माना जाता है। इसके साथ ही यदि सूर्य प्रबल होतो तो जातक जीवन में काफी सफल होता है। इसके साथ ही करियर में भी उसे लाभ होता है। लोग उसके व्यक्तित्व से प्रभावित होते हैं। इसलिए यदि तांबे की अंगूठी (tambe ki anguthi) विधिवत धारण की जाए तो निश्चित ही आपको इससे लाभ होगा। आप मन चाहा परिणाम प्राप्त करने में सफल होंगे। यशस्वी व कीर्तिमान होंगे। सामाजिक स्तर में भी आपके सुधार होगा। पिता से आपको सहयोग मिलेगा। क्योंकि सूर्य को पिता के समान माना गया है। ये पिता के साथ जातक के रिश्तों को प्रगाढ़ करने का कार्य करते हैं। यदि आपका सूर्य कमजोर है तो आपको पिता पक्ष से वह सहयोग नहीं मिलेगा। जिसकी आप आस लगाए हुए हैं। ऐसे में आपको तांबे की बनी अंगूठी ज्योतिषीय सलाह के अनुसार पहनना चाहिए।
तांबे में औषधीय गुण पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि तांबा धारण करना उन लोगों के लिए लाभप्रद होता है जो व्यक्ति रक्तचाप व थाइराइड जैसे बीमारी से ग्रसित हैं। यदि मानना ज्योतिष शास्त्र का भी है। ज्योतिष का कहना है कि तांबा धारण करने से सूर्य से जुड़े रोगों में व्यक्ति को राहत मिलती है। हृदय के लिए भी तांबा को लाभदायक माना गया है। इसके साथ ही यह खून को शुद्ध व शरीर के इम्यूनीटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाये जाते हैं। साथ ही मन को शांत रखने का भी कार्य करता है। आंख से संबंधित रोगों में भी लाभ मिलता है।
तांबे में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।
यह गठिया, जोड़ों का दर्द, और त्वचा रोगों में लाभकारी होता है।
तांबा रक्त को शुद्ध करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
यह थायराइड ग्रंथि के कार्य को भी बेहतर बनाता है।
तांबे की अंगूठी धारण करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
वैसे तो आप तांबे की अंगूठी (tambe ki anguthi) किसी भी राशि के जातक रविवार के दिन धारण कर सकते हैं। यह सूर्य देव का दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य को जल देकर व सूर्य देव के बीज मंत्र का जाप कर आप इसे धारण कर सकते हैं। लेकिन यह सामान्य विधि हैं। इससे हो सकता है कि आपको उतना लाभ न हो। इसलिए अंगूठी धारण करने से पहले आपको ज्योतिषीय परामर्श लेकर ही इसे धारण करना चाहिए इससे आपको इसका उचित लाभ मिल सकेगा।
तांबे की अंगूठी रविवार के दिन सूर्योदय के समय धारण करनी चाहिए।
अंगूठी को अपनी मध्यमा अंगुली या अनामिका अंगुली में पहनना चाहिए।
धारण करने से पहले अंगूठी को गंगाजल या दूध में 10 मिनट के लिए भिगोकर रखें।
तांबे की अंगूठी को हमेशा साफ रखें और इसे रोजाना पहनें।
तो देर किस बात कि अभी ज्योतिषीय परामर्श के लिए यहां क्लिक करें या 9999091091 पर कॉल करें।