Dhanteras 2024: धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व विशेष रूप से धन और समृद्धि का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। 'धन' का अर्थ है संपत्ति या पैसा, और 'तेरस' का मतलब है तेरहवां दिन, जो कार्तिक माह के तेरहवें दिन पड़ता है। साल 2024 में धनतेरस 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस खास दिन के महत्व, पूजा विधि, इतिहास, परंपराओं, और इस दिन क्या खरीदें।
धनतेरस दिवाली के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है, जिसे समृद्धि और खुशहाली का दिन माना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है ताकि धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो।
धनतेरस 2024 में 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार यह दिन कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि को आता है।
धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 6:46 बजे से रात 8:22 बजे तक
अवधि: 1 घंटा 36 मिनट
प्रदोष काल: शाम 5:50 बजे से रात 8:22 बजे तक
त्रयोदशी तिथि: 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे तक
धनतेरस के पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। इनमें प्रमुख हैं:
भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के जनक माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान वे अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे, जिससे सभी देवताओं को अमरत्व प्राप्त हुआ। इस कारण धनतेरस के दिन उन्हें विशेष रूप से पूजा जाता है।
एक बार माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से पृथ्वी पर जाने का अनुरोध किया। भगवान विष्णु ने शर्त रखी कि वे दक्षिण दिशा की ओर नहीं देखेंगी। हालांकि, माता लक्ष्मी धरती के सौंदर्य से मोहित हो गईं और दक्षिण की ओर देख लिया। इसके परिणामस्वरूप उन्हें एक किसान की सेवा में 12 वर्षों तक रहना पड़ा, जिससे उस किसान की संपत्ति बढ़ गई। इस घटना के बाद से माता लक्ष्मी हर साल त्रयोदशी के दिन किसान के घर आती हैं, जो अब धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।
राजा हिम की कुंडली में लिखा था कि उसकी शादी के चौथे दिन उसे सर्प दंश से मृत्यु हो जाएगी। उसकी पत्नी ने उसे जागते हुए रखा और सोने-चांदी के ढेर के पास दीप जलाए। जब यमराज सांप के रूप में आए, तो दीपों की रोशनी से उनकी आंखें चकाचौंध हो गईं और वे प्रवेश नहीं कर पाए। इस घटना से प्रेरित होकर धनतेरस के दिन 'यमदीपदान' करने की परंपरा शुरू हुई।
धनतेरस को धन, सुख और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और मां लक्ष्मी को आमंत्रित करने के लिए दीप जलाते हैं। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि स्वास्थ्य और धन का आशीर्वाद प्राप्त हो।
गुरु वक्री 2024: देव गुरु बृहस्पति बदलेंगे अपनी चाल, जानें आपकी राशि पर इसका प्रभाव।
धनतेरस के दिन लोग भगवान कुबेर, मां लक्ष्मी और गाय माता की पूजा करते हैं। इस दिन यमराज के लिए 'यमदीप' जलाने की परंपरा भी है। लोग अपने घरों और दुकानों की सफाई करते हैं, रंगोली बनाते हैं और नए वस्त्र धारण करते हैं। धनतेरस पर सोने, चांदी, बर्तन, और अन्य वस्तुओं की खरीदारी भी शुभ मानी जाती है।
धनतेरस पर नई वस्तुएं खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन इन चीजों की खरीदारी की जाती है:
सोना और चांदी: धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदना विशेष रूप से शुभ होता है।
बर्तन: तांबे, स्टील और पीतल के बर्तन खरीदना भी इस दिन भाग्यशाली माना जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान: लैपटॉप, फोन, टीवी, आदि खरीदना भी इस दिन शुभ माना जाता है।
झाड़ू: झाड़ू खरीदना भी लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस 2024 के अवसर पर आप भी इस शुभ दिन को धूमधाम से मनाएं और अपने जीवन में खुशहाली लाएं!