किसी भी इंसान के जीवन में विवाह का समय बहुत ही महत्वपूर्ण और बहुत ही खास होता है। विवाह के बाद जीवन को सुखमय और शांतिमय बनाने के लिए विवाह से पहले ज्योतिषशास्त्र का बहुत ही ध्यान रखा जाता है। विवाह से पहले लड़का-लड़की की कुंडलियों से लेकर उनके गुणों तक का सही मिलान होना बहुत आवश्यक होता है। इसके अलावा दोनों के गोत्र और जाति का भी खास महत्व होता है, लेकिन आजकल इन सभी कार्यों के बाद भी दांपत्य जीवन में तलाक की समस्याएं सबसे ज्यादा देखने को मिलती हैं। शादी से पहले कुंडली मिलान और गुणों के मिलान के बावजूद भी शादी टूटने की नौबत आ जाती है और ऐसे में लोग ज्योतिषशास्त्र व ज्योतिषी को दोषी ठहराने लगते हैं।
आपको बता दें कि शादी से पहले गुणों और कुंडली का मिलान होने के बाद भी अगर दांपत्य जीवन तलाक पर जाकर समाप्त होता है तो इसका अर्थ ये नहीं है कि इसमें ज्योतिष का दोष है, बल्कि इसका सीधा सा मतलब ये है कि ज्योतिषी ने कुंडली और गुणों के मिलान के दौरान परिणामों को ठीक से देखा नहीं है। इसके अलावा कई बार ऐसा भी होती है कि आपको ज्योतिषी भी गलत मिल जाते हैं, जो ठीक से कुंडली का अध्यन नहीं कर पाते। इसलिए हमेशा प्रमाणित ज्योतिषी से ही संपर्क करें।
ज्योतिषशास्त्र की मानें तो इस स्थिति का सीधा संबंध ग्रहों से होता है, जो तलाक जैसी स्थिति को पैदा कर देते हैं। आपको बता दें कि तलाक के लिए कुंडली में विशेष रूप से एक संयोजन है, जिसे मिलान करते वक्त महत्व दिया जाता है। तलाक का सबसे बड़ा कारण गुरु और शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ है। अगर गुरु में शुक्र की दशा या फिर शुक्र में गुरु की दशा चल रही हो तब भी पति पत्नी के बीच अलगाव की स्थिति उत्पन्न होती है।
अभी तक आप ये तो समझ ही गए होंगे कि दांपत्य जीवन में तलाक होने की वजह कुंडली का सही मिलान नहीं होना होता है। आजकल कुंडली और गुणों के मिलान को सिर्फ औपचारिकता ही कर दिया गया है। लोग आजकल कंप्यूटर पर सॉफ्टवेयर के द्वारा भी कुंडली मिलान कर लेते हैं। ये एक तरह से ज्योतिष विद्या का सबसे बड़ा परिहास होता है। शादी से पहले कुंडली और गुणों का सही मिलान होने से दांपत्य जीवन में कभी कोई दिक्कतें नहीं आती हैं। ऐसे में हम आपको कुंडली और गुणों के मिलान की सही विधि बताते हैं।
शादी से पहले एक अच्छे ज्योतिष को ये ध्यान रखना चाहिए कि वर-वधू दोनों की कुंडलियों में सुखमय वैवाहिक जीवन के लक्ष्ण विद्यमान हैं या नहीं। उदाहरण के लिए अगर दोनों में से किसी एक कुंडली मे तलाक या वैध्वय का दोष विद्यमान है जो कि मांगलिक दोष, पित्र दोष या काल सर्प दोष जैसे किसी दोष की उपस्थिति के कारण बनता हो, तो बहुत अधिक संख्या में गुण मिलने के बावज़ूद भी कुंडलियों का मिलान नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा वर तथा वधू दोनों की कुंडलियों में आयु की स्थिति, कमाने वाले पक्ष की भविष्य में आर्थिक सुदृढ़ता, दोनों कुंडलियों में संतान उत्पत्ति के योग, दोनों पक्षों के अच्छे स्वास्थय के योग तथा दोनों पक्षों का परस्पर शारीरिक तथा मानसिक सामंजस्य देखना चाहिए।
नोट: यदि आप घर बैठे कुंडली का सही मिलान कराना चाहते हैं तो एस्ट्रोयोगी प्लेटफॉर्म पर जाकर ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजर (online astrologer) से घर बैठे कुंडली मिलान कर सकते हैं। इसके अलावा यदि दांपत्तय जीवन में परेशानी आ रही है तो उसका समाधान भी अनुभवी ज्योतिषी से बात करके पा सकते हैं।