Feng Shui Tips for Fish Aquarium: वास्तु शास्त्र सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए घर में पांच तत्वों - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश के संतुलन पर जोर देता है। इसी प्रकार घर में फिश एक्वेरियम की उपस्थिति पानी के तत्व का प्रतीक है और जीवन में धन का प्रतिनिधित्व करती है। फिश एक्वेरियम रखने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने में मदद मिलती है। लेकिन इसे सही दिशा में रखना जरूरी होता है। फिश एक्वेरियम के प्रभावी लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ वास्तु नियमों का पालन करना जरूरी होता है। तो चलिए आपको फिश एक्वेरियम रखने के लाभ और कुछ जरूरी वास्तु नियमों के बारे में बताएं।
वास्तु शास्त्र और फेंगशुई के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि घर में मछलियों को रखने से कई फायदे होते हैं। इसके साथ ही हिंदू संस्कृति में भी मछली को बहुत शुभ माना जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान विष्णु ने भी मछली का रूप धारण किया था। यही कारण है कि घर में फिश एक्वेरियम रखने से घर में धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद आता है।
यह गरीबी को दूर करता है और सकारात्मक माहौल को आकर्षित करता है। अगर घर में एक्वेरियम होता है तो नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकने में मदद मिलती है और संकटों से सुरक्षा मिलती है। फेंगशुई सिद्धांतों के अनुसार, मछलियां धन को आकर्षित करती हैं, और उन्हें घर पर रखने से एक शांत वातावरण बनता है, परिवार के भीतर सद्भाव को बढ़ावा मिलता है और घर में समृद्धि बनी रहती है।
यहां फिश एक्वेरियम रखने के लिए कुछ खास वास्तु नियम बताए गए हैं। इनका पालन करके आप सकारात्मक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
एक्वेरियम में मछलियों की संख्या: वास्तु शास्त्र के अनुसार, एक एक्वेरियम में मछलियों की संख्या समृद्धि को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक एक्वेरियम में कम से कम नौ मछली रखने की सलाह दी जाती है। इनमें से, आठ एक रंग (सुनहरा या नारंगी) का होना चाहिए जो सूर्य का प्रतीक हों, और एक काली होनी चाहिए, जो बुरे प्रभावों से सुरक्षा की प्रतीक हो।
एक्वेरियम रखने की शुभ दिशा: एक्वेरियम की स्थिति समान रूप से महत्वपूर्ण है। एक्वेरियम को आदर्श रूप से लिविंग रूम के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखा जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ये दिशाएं धन और समृद्धि को आकर्षित करती हैं। विशेष रूप से, उत्तर-पूर्व दिशा को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए अनुकूल माना जाता है।
ऑफिस में एक्वेरियम रखने की दिशा: ऑफिस की बात करें तो, एक्वेरियम को उत्तर या पूर्व दिशा में रखा जा सकता है, विशेष रूप से रिसेप्शन एरिया में। इस प्लेसमेंट को सफलता को आकर्षित करने और व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
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मेन गेट के पास एक्वेरियम: ऐसा माना जाता है कि मुख्य द्वार के बाईं दिशा में (जब बाहर की ओर मुख किया हो)
एक्वेरियम रखने से घर में रहने वाले कपल्स के बीच प्यार और स्नेह बढ़ता है।
एक्वेरियम का बहता हुआ पानी: एक्वेरियम में बहता पानी सकारात्मक ऊर्जा के निरंतर प्रवाह का प्रतीक है। बहते पानी की ध्वनि एक सुखदायक माहौल उत्पन्न करती है जो परिवेश को सकारात्मक वाइब्स से भर देती है।
एक्वेरियम की अशुभ दिशा: एक्वेरियम सही ढंग से रखे जाने पर समृद्धि और शांति ला सकता है, लेकिन अगर इसे सही दिशा में न रखा जाए तो यह आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को भी आमंत्रित कर सकता है।
किचन या बैडरूम में कभी न रखें एक्वेरियम: एक्वेरियम रखने के लिए रसोई और बेडरूम को प्रतिकूल माना जाता है क्योंकि यह इन स्थानों में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
एक्वेरियम का पानी जरूर बदलें: नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए एक्वेरियम के पानी को नियमित रूप से बदलना चाहिए। इसके अलावा, मृत मछली को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए और नदी या तालाब में छोड़ दिया जाना चाहिए। फेंगशुई के अनुसार, मरी हुई मछली आसन्न दुर्भाग्य या आपदा को अवशोषित करती है, जिससे निवासियों की रक्षा होती है।
एक्वेरियम घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा ला सकता है। हालांकि इसे रखते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का खास ध्यान रखा जाना चाहिए। इससे प्राप्त होने वाले लाभ को बढ़ाने के लिए ऊपर दिए गए सभी कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
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