हिंदू धर्म में शंख बजाना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य, पूजा व अनुष्ठान करने के बाद शंख बजाना बेहद ही शुभ है और शंख की ध्वनि तीनों लोक तक पहुंचती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इसकी ध्वनि पर्यावरण से हानिकारक तत्वों को नष्ट करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में मदत करती है। पूजा-पाठ में शंख बजाने का चलन युग-युगांतर से चला आ रहा है। देश के कई हिस्सों में लोग शंख को पूजाघर एवं मंदिर में रखते हैं और इसे नियमित रूप से बजाते है। ऐसे में यह जानने के लिए उत्सुकता होना स्वाभाविक है कि शंख सिर्फ पूजा-पाठ में ही उपयोगी की जाती है या इसका कुछ लाभ भी है?
हिंदू धर्म के अनुसार जिस घर में शंख होता है, वहां माता लक्ष्मी का वास होता है। धार्मिक ग्रंथों में शंख को लक्ष्मी का भाई बताया गया है, क्योंकि लक्ष्मी की तरह शंख की भी उत्पत्ति सागर से ही हुई है। शंख की गणना समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में होती है। शंख इसलिए भी शुभ है, क्योंकि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु इसे धारण करते हैं। मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त चौदह रत्नों में से एक शंख की उत्पत्ति छठे स्थान पर हुई थी। शंख अद्भुत गुण मौजूद हैं। दक्षिणावर्ती शंख के अद्भुत गुणों के कारण ही भगवान श्रीहरि विष्णु ने उसे अपने हस्तकमल में धारण किया हुआ है। शंख दो प्रकार के हैं वामावर्ती और दक्षिणावर्ती। इन दोनों की पूजा का अपना विशेष महत्व है।
शंख का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है अपितु वास्तु शास्त्र में भी शंख को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान समय में वास्तु दोष के निवारण हेतु जिन वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है, उनमें से एक शंख भी है। यह न केवल वास्तु दोषों का निवारण करता है, बल्कि आरोग्य वृद्धि, आयुष्य, लक्ष्मी, पुत्र प्राप्ति, पितृ-दोष शांति, विवाह में विलंब जैसे अनेक दोषों में लाभ पहुंचाता है। इसे पापनाशक बताया गया है। कहते है कि जिस घर में नियमित रूप से शंख बजाया जाता है। वहां कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है। इनके पूजन से श्री समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शंख के आध्यात्मिक महत्व के अलावा इसके कई स्वास्थ्य भी लाभ हैं। यदि आप प्रतिदिन शंख बजाते हैं, तो इससे आपको स्वास्थ्य के साथ अन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं शंख बजाने के क्या हैं लाभ –
गुदाशय व फेफड़े की मांसपेशियों को लाभ
रोजाना शंख बजाने से आपके गुदाशय की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। साथ ही यह मूत्र पथ, मूत्राशय, निचले पेट, डायाफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों के लिए काफी लाभदायक साबित होता है। शंख बजाने से कई समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है, जो गुदा की मांसपेशियों को कमजोर करने का कारण बन सकती हैं। जब आप शंख बजाते हैं, तो इससे आपके फेफड़े की मांसपेशियों का भी विस्तार होता है।
तनाव से मिलती है मुक्ति
शंख बजाने से मांसिक तनाव दूर होता है, जो लोग तनाव में रहते हैं, उनको शंख अवश्य बजाना चाहिए। क्योंकि शंख बजाते समय दिमाग से सारे विकार चले जाते है। शंख बजाने से घर के अंदर आने वाली नकारात्मक शक्तियां भी लौटकर चली जाती हैं। जिल घरों में शंख बजाया जाता है, वहां कभी भी नकारात्मकता नहीं आती। मन रहता है भयभीत, घर में नहीं लगता मन, तो हो सकता है वास्तु दोष, परामर्श के लिए देश के जाने-माने एस्ट्रोलॉजर से करे बात।
हृदय रोग के लिए फायदेमंद
यदि आप रोजाना शंख बजाए, तो आप दिल के दौरे से बच सकते हैं। नियमित रूप से शंख बजाने वाले को कभी भी हार्ट अटैक नहीं आता है। क्योंकि शंख बजाने से हार्ट के सारे ब्लॉकेज खुल जाते हैं। इसी तरह बार-बार सांस भरकर छोड़ने से फेंफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं।