कब है हरियाली तीज ? पूजा की इस विधि का जरूर करें पालन !

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कब है हरियाली तीज ? पूजा की इस विधि का जरूर करें पालन !

Hariyali teej 2023: हरियाली तीज को श्रावणी तीज के रूप में भी जाना जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जो इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। हरियाली तीज विशेषकर उत्तर भारत जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार में बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जाती है। यह एक बहुत ही शुभ समय होता है, जब महिलाएं निर्जला उपवास रखते हुए भगवान शिव और देवी पार्वती की उपासना करती हैं। आइए जानते हैं कि 2023 में हरियाली तीज कब है और इस खास दिन पर आप क्या कर सकते हैं।

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हरियाली तीज 2023: तिथि और शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej 2023 Muhurat and Date)

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हरियाली तीज का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल हरियाली तीज 19 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा। हरियाली तीज एक ऐसा त्योहार है जो मानसून के आगमन और भगवान शिव व देवी पार्वती की पूजा करने के लिए सबसे विशेष माना जाता है। 

तृतीया तिथि प्रारम्भ - 18 अगस्त, 2023 को रात 08:01 बजे से 

तृतीया तिथि समाप्त - 19 अगस्त, 2023 को रात 10:19 बजे तक। 

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हरियाली तीज पूजा सामग्री

साल 2023 में हरियाली तीज की पूजा सामग्री में मां पार्वती और शिवजी की मूर्ति, पूजा के लिए चौकी, पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत या चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत आदि चीज़ों को जरूर रखें। इसके अलावा श्रृंगार का सामान जैसे सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, माहौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र भी रखें। 

हरियाली तीज के लिए पूजा विधि (Hariyali Teej Puja Vidhi) 

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ़ कपड़े पहनें।
  • शादीशुदा महिलाएं 16 श्रृंगार करें और व्रत का संकल्प लें। 
  • इसके बाद पूजा की तैयारी शुरू करें और पूजा स्थान पर एक चौकी रख लें। 
  • चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछा लें।
  • चौकी पर माता पार्वती और भोलेनाथ की प्रतिमा रख लें।
  • इसके साथ ही भगवान गणेश की प्रतिमा भी रख लें। 
  • पूजन सामग्री और श्रृंगार की सभी चीजें भगवान को अर्पित करें। 
  • हरियाली तीज की कथा सुनें और आरती करें।
  • अगले दिन सुबह व्रत का पारण करें।    

तीज पर झूले का महत्व 

हरियाली तीज पर झूला झूलने का रिवाज़ बहुत पुराने समय से चला आ रहा है, इसका बहुत ही खास महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि तीज पर झूले की परंपरा द्वापर युग से शुरू हुई थी। इस दिन लोग झूले को खूबसूरती से सजाने के बाद झूले पर बैठकर गीत गाते हैं और सावन का आनंद लेते हैं। यह हरियाली तीज का एक महत्वपूर्ण रिवाज़ है।   

हरियाली तीज पर बनने वाले पकवान

हरियाली तीज का त्योहार पूजा पाठ के साथ-साथ सावन के मौसम का जश्न मनाने का समय भी है। इसलिए इस दिन घरों में बनने वाले तरह-तरह के पकवान आपकी ख़ुशी को बढ़ा देते हैं। कुछ लोकप्रिय व्यंजनों में मालपुआ, घेवर, दही भल्ला, बेड़मी पूरी और कचौड़ी शामिल हैं। ये व्यंजन तैयार करने में आसान हैं और खाने में बेहद स्वादिष्ट। अगर आप इस त्योहार का पूरा मज़ा लेना चाहते हैं तो इस हरियाली तीज पर अपने घर में ये सभी पकवान जरूर बनाएं। 

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हरियाली तीज के लिए गिफ्ट्स

हरियाली तीज पर जितनी भी महिलाएं अपने पति या होने वाले पतियों के लिए व्रत रखती हैं, उन्हें कुछ न कुछ गिफ्ट दिया जाता है। अगर आप भी अपनी पत्नी को हरियाली तीज पर स्पेशल गिफ्ट (hariyali teej gifts) देना चाहते हैं तो आप उन्हें सजने-संवरने का सामान जैसे साड़ी, गहने या सूट जैसा कुछ दे सकते हैं। अगर आपका पार्टनर हेल्थ को लेकर काफी संजीदा है तो आप ड्राई फ्रूट्स या अन्य हेल्थी फ़ूड आइटम दे सकते हैं। इसके अलावा आप हैंडबैग, चॉकलेट्स या ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी गिफ्ट कर सकते हैं।    

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में हरियाली तीज

हरियाली तीज भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। राजस्थान में, महिलाएं रंगीन कपड़े और गहने पहनती हैं और इस अवसर को मनाने के लिए लोक नृत्य करती हैं। बिहार में, महिलाएं एक दिन का उपवास रखती हैं और अगले दिन इसे पारंपरिक भोजन के साथ तोड़ती हैं। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां महिलाएं झूले लगाती हैं और उन्हें फूलों से सजाती हैं और भगवान शिव व देवी पार्वती का ध्यान करते हुए पूजा अर्चना करती हैं।

क्या है हरियाली तीज का महत्व ?

हिंदू पौराणिक कथाओं में इस त्योहार का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जब देवी पार्वती ने कड़ी तपस्या करते हुए भगवान शिव से उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रार्थना की तो इसी दिन भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। यह उनके पुनर्मिलन का प्रतीक है इसलिए, हरियाली तीज को "शिव-पार्वती तीज" के रूप में भी मनाया जाता है।

इस दिन विवाहित महिलाएं पारंपरिक कपड़े व गहने पहनती हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। इसी के साथ एक दिन का उपवास भी रखा जाता है, जिसे शाम को पूजा करने के बाद ही तोड़ा जाता है।

पूजा में हरियाली तीज व्रत कथा का पाठ करना जरूरी होता है, इस कथा में त्योहार के महत्व को बताया जाता है। इसके बाद, महिलाएं देवताओं को फल, मिठाई और अन्य पारंपरिक पकवानों का भोग लगाती हैं और अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं।

इसके अलावा, यह त्योहार मानसून के आगमन से भी जुड़ा हुआ है, जो चिलचिलाती गर्मी से राहत देता है और हरी-भरी हरियाली के साथ पृथ्वी को फिर से जीवंत करता है। यह प्रकृति की सुंदरता का जश्न मनाने और खुश होने का समय है। 

हरियाली तीज एक ऐसा त्योहार है जो प्रकृति की सुंदरता और भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है। यह विवाहित महिलाओं के लिए अपने पति के प्रति अपने प्यार को दर्शाने और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा समय है। हमें उम्मीद है कि इस लेख में आपको हरियाली तीज से जुड़ी सभी तरह की जानकारी प्राप्त हुई है। तो आइए आप भी साल 2023 में अपने परिवार के साथ तीज के पावन त्योहार का आनंद लें और ईश्वर की कृपा प्राप्त करें। 

हरियाली तीज की हार्दिक शुभकामनाएं !

अगर आप हरियाली तीज से जुड़ा कोई खास उपाय या जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे ज्योतिषियों से संपर्क कर सकते हैं। आपके लिए पहला कॉल या चैट बिलकुल फ्री है।

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