लेख का शीर्षक पढ़ आपके मन में यह सवाल जरूर उठा होगा कि क्या वाकई में हेल्थ और ज्योतिष शास्त्र का आपस में कोई कनेक्शन है? यह सवाल मन में उठना लाज़मी भी है। इस लेख में हम आपके इसी प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं। यदि आप स्वास्थ्य संबंधी किसी रोग या विकार से पीड़ित हैं और रोग के एक्सपर्ट से परामर्श ले ने के बाद भी इससे छुटकारा पाने में असफल रहे हैं तो यह लेख आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
यदि आप ज्योतिष में रूचि रखते हैं तो आपको यह ज्ञात जरूर होगा कि ग्रहों की चाल उनकी दशा और दिशा हमारे जीवन में बहुत कुछ तय करती है। जीवन में जो भी अच्छी या बुरी घटना घटती है, यह सब हमारे ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इन ग्रहों का हमारे शरीर की बनावट तथा अंगों से सीधा कनेक्शन है। आइए जानते हैं हेल्थ का ज्योतिष कनेक्शन.....
सूर्य ग्रह: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह मानव शरीर के अंग आँख, सिर और हार्ट से कनेक्ट है। माना जाता है कि सूर्य के खराब होने पर मानव इनसे संबंधित रोगों से पीड़ित होता है। यह व्यक्ति के मोटापे से ग्रसित होने का भी कारक बन सकता है।
चन्द्रमा ग्रह: ज्योतिष के मुताबिक चन्द्रमा का छाती, फेफड़ा और आँख की रोशनी पर सीधा प्रभाव है। चंद्रमा के प्रभावित होने पर व्यक्ति के इन महत्वपूर्ण अंगों को हानि पहुंचती है साथ ही वह रक्त विकार, अस्तमा और मानसिक दुर्बलता जैसे रोगों से पीड़ित होता है। मन अशांत सा रहने लगता है।
मंगल ग्रह: मानव शरीर में मंगल ग्रह नाक, कान और पित्ताशय से कनेक्ट है। मंगल की दशा बिगड़ने पर व्यक्ति इन अंगों से संबंधित रोगों से ग्रसित हो सकता है साथ ही रक्त संक्रमण जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
बुध ग्रह: बुध ग्रह की प्रधानता होने पर व्यक्ति की व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक बनती है। लेकिन जब जातक बुध दोष से पीड़ित होता है तो उसकी वाणी प्रभावित होती है। यानि कि उसे बोलने में कठनाई होती है शब्द स्पष्ट नहीं निकलते। इससे आप धीरे-धीरे अपना आत्सविश्वास खोने लगते हैं।
बृहस्पति ग्रह: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बृहस्पति दोष से प्रभावित व्यक्ति मोटापा और पाचन संबंधी समस्या से पीड़ित होता है। जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति दोष है उनका शरीर धीरे – धीरे मोटापे के चपेट में आने के साथ ही उसका हाजमा भी खराब हो जाता है।
शुक्र ग्रह: शुक्र के शक्तिशाली होने पर व्यक्ति की पर्सनालिटी बहुत ही आकर्षक हो जाती है। परंतु शुक्र के कमजोर होने पर व्यक्ति गुप्तांग, कामशक्ति और आँख की समस्या से पीड़ित हो सकता है।
शनि ग्रह: शनि दोष होने पर व्यक्ति की आकस्मिक दुर्घटना, जोड़ों में तकलीफ, लीवर संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा व्यक्ति तंदुरूस्त नहीं बन पाता।
राहु-केतु: ज्योतिष में राहु- केतु को छाया ग्रह माना गया है। इनका किसी अंग पर स्वतंत्र प्रभाव नहीं होता है। ये जिस ग्रह के साथ के होते हैं। उसका बस प्रभाव बढ़ाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी साहयता से आप ग्रह के बढ़ते हुए दुष्प्रभाव को नियंत्रित कर सकते हैं। यदि आपका सूर्य कमजोर है तो आप रोजाना सुबह उठ नहाकर सबसे पहले सूर्यदेव को जल दें। इसके अलावा आप तांबे का सूर्य चक्र धारण कर सकते हैं। लेकिन कोई भी उपाय अपनाने से पहले एक बार जरूर ज्योतिषाचार्य से परामर्श करें। यदि आप या आपका कोई करीबी काफी दिनों से किसी समस्या से परेशान है तो हो सकता है किसी आपके या उसके ग्रह की दशा बिगड़ी हो, ऐसे स्थिति में आपको ज्योतिषाचार्यों से जरूर सलाह लेनी चाहिए। क्या है आपके कुंडली में शुक्र दोष? जानने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से।