स्वतंत्रता दिवस 2022: जानें क्यों है खास आज़ादी का अमृत महोत्सव

Sun, Aug 14, 2022
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स्वतंत्रता दिवस 2022: जानें क्यों है खास आज़ादी का अमृत महोत्सव

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भारतीय अपनी आजादी का उत्सव 15 अगस्त को मना रहे है पर ये वर्ष भारतवासियों के लिए बहुत ही खास है क्योकि वो अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर रहे है तथा इसे "आज़ादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मना रहे है।

भारत देश में  हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जाता है। साल 1947 में 15 अगस्त के दिन भारत देश आजाद हुआ था। तब से इस दिन को हर भारतवासी उल्लास और गौरव के साथ मनाता है। इस दिन देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है। सभी सरकारी कार्यालयों में इस दिन तिरंगा फहराया जाता है, इसके साथ ही कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही साथ मिठाई भी बांटी जाती है। सभी स्कूल, कॉलेजों और ऑफिसों में तिरंगा फहराया जाता है और कहीं-कहीं इस अवसर पर निबंध आदि प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। स्वतंत्रता दिवस को हम राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मानते हैं। स्वतंत्राता के लिए देश के क्रांतिकारियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया था। इसलिए यह दिन भारत के हर देशवासी के लिए बेहद खास होता है।

आजादी का 76वां स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस को देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इसके एक दिन पहले भारत के राष्ट्रपति देश को संबोधित करते हैं। जिसे रेडियो के साथ कई टीवी चैनल्स पर भी दिखया जाता है। 15 अगस्त को हर वर्ष देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं। तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्र गान गाया जाता है और 21 बार गोलियां चला कर सलामी भी दी जाती है। इसके साथ ही भारतीय सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल और एनसीसी कैडेड परेड करते हैं। इस दिन लाल किले से टीवी के माध्यम से परेड का सीधा प्रसारण किया जाता है। आतंकवाद के खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये जाते हैं।

15 अगस्त को ही क्यों मिली आजादी

वर्ष 1947 में भारत में लार्ड माउंटबेटन को गवर्नर के पद पर नियुक्त किया गया था। 15 अगस्त उनके लिए सौभाग्यशाली दिन था, क्योंकि इससे पहले 15 अगस्त को ही द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने ब्रिटेन के सामने समर्पण किया था  इसलिए लार्ड माउंटबेटन ने पहले से ही 15 अगस्त को भारत की आज़ादी का दिन निर्धारित कर रखा था।

कई वर्षों चले संघर्ष के बाद भारत ने लगभग 200 साल पुरानी अंग्रेजों की गुलामी से आजादी पायी थी और 14 व 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को भारत एक स्वतंत्र देश बन गया। दिल्ली के लाल किले में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार भारत के झंडे को फहराया था। उन्होंने मध्यरात्रि के स्ट्रोक पर “ट्रास्ट विस्ट डेस्टिनी” भाषण दिया। पूरे राष्ट्र ने उन्हें अत्यंत खुशी और संतुष्टि के साथ सुना, तब से हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री पुरानी दिल्ली में लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है और देश के प्रधानमंत्री जनता को संबोधित करते हैं। इसके साथ ही तिरंगे को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। 

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अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है आजादी का जश्न

15 अगस्त को देश में कई तरह से आजादी का जश्न मनाया जाता है। इसमें देश के हर राज्य के मुख्यमंत्री भी तिरंगा फहराते हैं। सभी सरकारी  कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रगान “जन-गण-मन” गया जाता है। स्कूल, कालेजों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं। इस दिन मंगल पांडे, सुभाषचंद्र चंद्र बोस, भगतसिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु आदि कई स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को याद किया जाता है।

कुछ भारतीय इस दिन पतंग उड़ाकर तो कुछ कबूतर उड़ाकर आज़ादी मानते हैं। प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाना भारत के स्वतंत्रता के इतिहास व क्रांतिकारियों की कुर्बानी को जिंदा रखता है।

एस्ट्रोयोगी की ओर से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।

✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी

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