गुरुवार, 15 अगस्त 2024 को पूरा भारत स्वतंत्रता दिवस मनायेगा। यह भारत का 78वाँ स्वतंत्रता दिवस होगा। 15 अगस्त 1947 को भारत में प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। तब से लेकर आज तक लगभग सात दशक बीत चुके हैं। इन अठहत्तर सालों में भारत ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। एक समय जो देश सोने की चिड़िया कहलाता था, उस पर मुगलों से लेकर अंग्रेंजों तक ने बहुत जुल्म ढहाये जिससे देश का आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक-सांस्कृतिक ताना बाना बिल्कुल ढहने की कगार पर पंहुच गया। 1947 में 14 अगस्त की रात जब 15 अगस्त में परिवर्तित हुई तो ब्रितानी हुकूमत का परचम नीचे गिरा भारत का तिरंगा शान से लहराने लगा। उस समय देश का नेतृत्व करने वाले लोगों के सामने देश के विकास की बड़ी चुनौति थी और साधन बहुत कम। जैसे तैसे इन सात दशकों में देश ने अपने आप को संभाला है और आज विश्व में अपना अलग मुकाम भी स्थापित किया है।
भारत में ज्योतिषशास्त्र को बहुत मान्यता दी जाती है जिसके अनुसार यह माना जाता है कि देश हो या राज्य, समूह हों या व्यक्ति सभी पर उनके पैदा होने के समय ग्रहों की दशा व चाल का बहुत प्रभाव पड़ता है। आधी रात को आजादी दिये जाने के पिछे भी यही कारण है कि तत्कालीन ज्योतिषशास्त्रियों ने देश के नेताओं व अंग्रेज हुकूमत को आगाह किया था कि 15 अगस्त में दिन का समय ज्योतिषीय गणना के हिसाब से अनुकूल नहीं है इसी कारण उनकी राय पर आधी रात को तिरंगा लहराने का फैसला लिया गया। समय-समय पर विद्वान ज्योतिषशास्त्री भारत की कुंडली का आकलन कर देश के भविष्य का पूर्वानुमान लगाते हैं कि आने वाले समय में देश को किन परिस्थितियों से झूझना होगा, उसके सामने क्या चुनौतियां होंगी। एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों ने भी वर्तमान में ग्रहों की चाल के आधार पर देश की जन्मकुंडली एवं वर्षकुंडली के आधार पर पूर्वानुमान लगाया है कि आने वाला समय भारत के लिये कैसा रहेगा। आइये जानते हैं क्या कहना है एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों का? देश ही नहीं यदि आपको भी अपने भविष्य को लेकर कुछ शंकाएं हैं तो आप भी ज्योतिषाचार्यों से परामर्श ले सकते हैं।
इस वर्ष 15 अगस्त 2024 को भारत स्वतंत्रता का 78वां वर्षगाठ मनाने जा रहा है। इस अवसर एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर ने भारत की लग्न व वार्षिक कुंडली का आकलन भारत के लिए यह साल कैसा रहेगा इसका संकेत दिया है। तो आइये जानते हैं यह वर्ष देश के लिए कैसा रहेगा।
लग्न कुंडली की बात करें तो 15 अगस्त 1947 की आधी रात को देश आजाद हुआ। इसी समय को आधार मानकर भारत की लग्न कुंडली का निर्माण एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर ने किया है। जिसके मुताबिक देश बृषभ लग्न में आजाद हुआ। उस समय राहु उच्च के होकर लग्न में विराजमान थे। बात भारत की राशि की करें तो देश की राशि बनती है कर्क। जो कि चंद्रमा की अपनी राशि है। कुंडली के तीसरे भाव में पंचग्रही योग बना है जो देश के पराक्रम में बढ़ोतरी करने में योगदान व समर्थन देता है। इसी के चलते भारत का प्रत्येक नागरिक देश के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित करता है। भारत की कुंडली में धन भाव में मंगल का होना देश में गरीबी, अकाल व भुखमरी का कारण बनता है। इसकी के कारण देश अकाल की मार झेल चुका है। भाग्य का स्वामी शनि इसी के कारण धीरे धीरे उन्नती की ओर ले जाता है। लेकिन परीश्रम किया जाए तो सफलता जल्दी भी मिलती है। चौथे भाव का स्वामी सूर्य कुंडली में अपने से बारहवे भाव में चल रहा है जिसके चलते यह देश में भ्रष्टाचार का भी कारक बन जाता है। इसके साथ ही बृहस्पति कुंडली में छठे भाव में हैं जिसके चलते भी देश को आगे ले जाने में व चलानने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। परंतु आज देश विश्व पटल पर एक महाशक्ति के रूप में विकसित हो रहा है जो हर भारतीय के लिए सम्मान व गर्व की बात है।
अब बात करते हैं इस वर्ष की कुंडली के अनुसार देश के लिए यह साल कैसा रहने वाला है। भारत की वर्ष कुंडली तुला लग्न व कर्क राशि की बन रही है। पत्रिका के अष्टम भाव में मुंथा जोकि बृषभ राशि की मौजूद है। लग्न का स्वामी कुंडली के अंदर रोजगार के भाव में विराजमान हैं। जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सरकार देश के युवाओं के लिए सरकारी क्षेत्र में रोजगार के मौके उपलब्ध करवायेगी। विशेषकर स्वरोजगार की संभवना अधिक है सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी साथ ही इसे प्रोत्साहित भी करेगी।
भारत के विकास की बात करें तो मुंथा जिसका स्वामी शुक्र है व भारत के घरेलु विकास में काफी सहयोग देगा। भारत में नई सड़के, अस्पताल, जल संसाधन व भवन निर्माण बड़े पैमाने पर होगा। यानी देश का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा। इसके साथ ही समाजिक जीवन में भी सुधार होगा। समाज सुधार के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम सफल होने के संकेत मिल रहे हैं। परंतु प्राकृतिक आपदा की मार भी भारत को झेलनी पड़ सकती है।
धन का स्वामी मंगल का लाभ स्थान में होना भारत के लिए अच्छा संकेत दे रहा है। इससे प्रभाव से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। आर्थव्यवस्था में आ रही रूकावटे भी दूर होंगी। परंतु यह सही निर्णय पर अधिक निर्भर करेगा। नीति निर्माताओं को इस विषय पक ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही व्यापारिक साझेदारी में भी बढ़ोतरी होगी।
आजादी का 78 वां साल भारत के विदेश नीति के लिए शुभ संकेत दे रहै है। इस वर्ष विदेश नीति भारत की और मजबूत होगी। कई अंतर्राष्ट्रीय देशों का समर्थन भारत को प्राप्त होगा। यूएन में भी भारत का कद और बढ़ेगा। मित्र राष्ट्र भारत के साथ खड़े रहेंगे। क्योंकि विदेश के कारक ग्रह बुध कुंडली में सूर्य के साथ दशम भाव में विराजमान हैं। जिससे बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है।
राहु भाग्य स्थान में है इसलिए भारत को अपने पड़ोसियों से सावधान व सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। जो भारत के स्वयं को शुभचिंतक दर्शाते हैं खासकर भारत को इनसे सावधान रहना होगा। अन्यथा हानि का सामना करना पड़ सकता है। चीन व पाकिस्तान दोनों ही मौका मिलते घात कर सकते हैं। विशेषकर पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों में तेजी लाने की कोशिश करेगा।
मंगल व गुरू का सहयोग भारत को मिल रहा है। छठे स्थान पर मंगल व गुरू की दृष्टि पड़ रही है। जिससे भारत अपने आंतरिक व बाहरी सुरक्षा को लेकर कई बड़े महत्वपूर्ण व एतिहासिक निर्णय ले सकता है। केंद्र में चतुर्थ ग्रही योग का होना इसे और भी प्रबल बना रहा है। मित्र देशों का भी सहयोग भारत को मिलेगा। देश में कुछ लोग माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन भारत व यहां के निवासी इससे निपटने के लिए सज्ज रहेंगे। सरकार को जनता का सहयोग मिलेगा। क्योंकि चंद्रमा जनता के भाव में विराजमान है।
भारत इस वर्ष अंतरिक्ष व आईटी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धी हासिल कर सकता है। क्योंकि कुंडली में चंद्र- मंगल का शुभ योग बना रहा है। जो हमें सहयोग प्रदान करेगा। इसके साथ ही भाग्य का स्वामी कर्म क्षेत्र में होने से और कर्म का स्वामी चंद्रमा आपस में समसप्तक योग बनाएं हुए हैं। जो आईटी के लिए अच्छा रहने वाला है।
सिनेमा व खेल जगत
भारतीय सिनेमा व खेल जगत के लिए भी यह वर्ष अच्छा रहने वाला है। खिलाड़ी देश का नाम रौशन करेंगे। देश को कई खेलों में स्वर्ण व रजत पदक मिलने के प्रबल आसार नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही सिनेमा जगत से भी इस वर्ष देश हीत में कुछ अच्छी फिल्में बन कर रिलिज हो सकती हैं।
कुल मिलाकर देश का इस साल का समय काफी शुभ रहने वाला है। कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।