क्या ज्योतिष शास्त्र पूरी तरह से सत्य हैं? क्या इसका कोई वैज्ञानिक आधार है? इस पर बहस होती रहती है। लेकिन आज तक इस बहस का निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। क्योंकि जैसे ही इसके वास्तविकता को नकारा जाता है वैसे ही कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है। जिससे लोग संशय में पड़ जाते हैं कि इसे माना जाए की नहीं। खैर यह तो मानने व ना माने वाली बात है। परंतु जो लोग इसे केवल एक अनुमान व अंधविश्वास बताते हैं उनके पास भी ऐसी कोई ठोस वजह नहीं है कि ज्योतिष शास्त्र को असत्य या आधार हीन कहा जा सके। तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि ज्योतिष को क्यों नहीं झुठलाया जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के आलोचक हमेशा यह कह कर इसे नकार देते हैं कि विज्ञान उसे कहते हैं जिनका प्रयोगशाला में जांच पड़ताल किया जा सके। परंतु ज्योतिष शास्त्र के विषय में ऐसा नहीं है। इसलिए आलोचक इसे विज्ञान मानने से इंकार करते हैं। यह सही है कि ज्योतिष विज्ञान का किसी प्रयोगशाला में परीक्षण नहीं होता, परंतु इस विज्ञान में भी कारण और प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देते है। ज्योतिषाचार्य किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए ग्रहों की स्थिति का आकलन करते हैं। इसके बाद तथ्यों का पौराणिक नियमों एवं सिद्धांतों के आधार पर विश्लेषण किया करते हैं। खैर ये तो था ज्योतिष शास्त्र एक वैज्ञानिक पहलू, लेकिन हम यहां पेश करने जा रहे हैं उन लोगों का मत जिन्होंने ज्योतिषाचार्यों की बातों को माना है और वे आज अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।
सबसे पहले बात करते हैं गाजियाबाद के रहने वाले मुकेश वर्मा की। मुकेश की माने तो 2018 के जून महीने में इनका प्रमोशन होना था परंतु किन्हीं कारणों के चलते इनका प्रमोशन न हो सका। लेकिन ऑफिस में इनके काम को खूब सराहा जाता। बात फिर वहीं आकर अटक जाती कि पदोन्ती क्यों नहीं हो रही? इस बात को लेकर मुकेश परेशान रहने लगें। एक दिन मुकेश अपने इस समस्या के बारे में अपने एक मित्र से चर्चा कर रहे थे। तभी उनके मित्र ने उन्हें ज्योतिष का सलाह लें ने की सलाह दी। परंतु मुकेश ज्योतिष में विश्वास नहीं करते थे। उन्हें इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। एक समय ऐसा आया की मुकेश अपने जॉब को बदलने की सोचने लगें। इस विषय पर फिर वे एक बार अपने मित्र से बात कर रहे थे तभी उनके मित्र में उन्हें टोका कि क्या आपने ज्योतिष से इस बारे में एक परामर्श किया उनका जवाब ना था। तब उनके मित्र ने उन्हें तुरंत किसी अनुभवी ज्योतिष से सलाह लेने की बात कही। इस बार मुकेश अपने मित्र की बात को मानकर ज्योतिष की तलाश करते हुए एस्ट्रोयोगी तक पहुंचे। यहां मुकेश ज्योतिषाचार्य से बात कर अपने समस्या का समाधान पाने में सफल हुए। आज मुकेश अपने पद व उन्नती को लेकर संतुष्ट हैं। क्या आप भी हैं अपने करियर को लेकर परेशान तो अभी परामर्श करें, देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से।
इसी तरह दिल्ली की रहने वाली सीमा भार्गव को भी अपने समस्या का उपाय ज्योतिषाचार्यों से मिला। जिन्हें अपना कर आप वे अपने जीवन में खुश हैं। सीमा कहना है कि उन्हें भी पहले ज्योतिष पर भरोसा नहीं था लेकिन उनके एक कलीग ने ज्योतिष की सलाह लेकर अपने जीवन में बदलाव लाने सफल हुआ। तब जाकर सीमा को विश्वास हुआ कि ज्योतिष शास्त्र से भी जीवन में बदलाव लाया जा सकता है। सीमा भी अपनी समस्या को लेकर हम तक पहुंची। उनकी समस्या संतान से जुड़ी थी। शादी के दस वर्ष बित जाने के बाद भी उनका कोई संतान न था। जिसे लेकर वे काफी तनाव में रही थी। यहां तक की वे अपने इस समस्या के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानने लगी थी। लेकिन इसमें इनका कोई दोष नहीं था दोष था तो इनकी कुंडली में। सीमा के संतान भाव में पाक ग्रह विराजमान थे। जिसके प्रभाव से सीमा संतान सुख से वंचित थी। परंतु ज्योतिष के बताएं उपाय को अपनाने से इनके संतान भाव में बैठा पाप ग्रह कमजोर हुआ और जिससे आज सीमा दो रत्नों की मां हैं।
ऐसे कई लोग हैं। जिनकी जिंदगी ज्योतिष शास्त्र ने बदल दी। लोग संकोच करते रह जाते हैं। परंतु उचित सलाह नहीं लेते। अंत में अपनी समस्या के लिए स्वयं को दोषी मानकर बैठ जाते हैं। बैठने से आपकी समस्या नहीं हल होगी। होगी तो आपके उठाए गए एक कदम से। संकोच को दूर करके एक बार ज्योतिष से अपनी समस्या पर जरूर परामर्श लें क्या पता आपकी भी जिंदगी औरों की तरह बदल जाएं। तो देर किस बात की? अभी परामर्श करें देश के जाने माने ज्योतिषाचार्यों से।