क्या बुधादित्य योग? जानें इसके फायदे और प्रभाव

Fri, Aug 23, 2024
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Fri, Aug 23, 2024
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
क्या बुधादित्य योग? जानें इसके फायदे और प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में, विभिन्न ग्रहों की विशेष स्थितियाँ और उनके आपसी संयोग विभिन्न योगों का निर्माण करते हैं, जो व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इन योगों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली योग है बुधादित्य योग। यह योग तब बनता है जब सूर्य और बुध एक साथ एक ही राशि में स्थित होते हैं, और इसका प्रभाव जातक की बुद्धिमत्ता, संचार कौशल, और जीवन में सफलता पर विशेष रूप से पड़ता है। इस योग का नाम ही अपने आप में इसकी महत्ता और शक्ति को दर्शाता है

बुधादित्य योग को शुभ और लाभकारी योगों में गिना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव के साथ सुख-समृद्धि और सफलता लेकर आता है। तो आइए जानते हैं कि बुधादित्य योग क्या है और यह कैसे बनता है?

बुधादित्य योग कैसे बनता है?

बुधादित्य योग तब बनता है जब सूर्य और बुध एक ही राशि में स्थित होते हैं। इस योग के निर्माण के लिए सूर्य और बुध का एक ही राशि में होना जरूरी होता है। बुध और सूर्य जब एक ही राशि में स्थित होते हैं, तो यह योग बनता है। इसका मतलब है कि दोनों ग्रह एक ही घर में होने चाहिए। इसके अलावा इस योग के निर्माण में बुध और सूर्य की दूरी भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऐसा माना जाता है कि यह योग सबसे अधिक फायदेमंद तभी होता है जब बुध सूर्य के पीछे 14 अंश पर मौजूद हो। अगर बुध और सूर्य की आपसी दूरी कम होती है, तो यह योग अधिक प्रभावशाली माना जाता है।

बुधादित्य योग की पहचान कैसे करें?

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में बुधादित्य योग है या नहीं तो आज हम आपको इसका एकसरल तरीका बता सकते हैं। दरअसल कुंडली में बुधादित्य योग की पहचान करना सरल होता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य और बुध एक ही राशि में स्थित हैं, तो यह योग आपकी कुंडली में विद्यमान हो सकता है। कुंडली के अन्य ग्रहों की स्थिति भी इस योग के प्रभाव को बढ़ाने या घटाने में भूमिका निभा सकती है। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में बुधादित्य योग है या नहीं तो आप एस्ट्रोयोगी के मशहूर ज्योतिषियों से संपर्क कर सकते हैं।

Hartalika teej 2024: हरतालिका तीज पर जरूर करें इन नियमों का पालन।

बुधादित्य योग के फायदे

बुधादित्य योग, सूर्य और बुध के एक ही राशि में स्थित होने से बनता है, और इसका फल 12 भावों में अलग-अलग रूप से देखने को मिलता है। यहाँ सभी 12 भावों में इस योग के प्रभावों के बारे में बताया गया है:

1. प्रथम भाव (लग्न भाव): अगर आपकी कुंडली के लग्न भाव में बुधादित्य योग बनता है, तो ऐसे में आपको तेज बुद्धि, प्रभावशाली व्यक्तित्व और सामाज में अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकते हैं। इस योग के प्रभाव से आपका आत्मविश्वास मजबूत होता है और आपकी नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है।

2. द्वितीय भाव: कुंडली के दूसरे भाव में बुधादित्य योग होने पर धन, परिवार और वाणी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। ऐसे आपको प्रभावशाली वाणी का वरदान मिलता है और आप आर्थिक रूप से स्थिर हो जाते हैं।

3. तृतीय भाव: इस भाव में बुधादित्य योग साहस और संचार कौशल में वृद्धि करता है। आपको छोटे भाई-बहनों से सहयोग मिलता है और आप जोखिम उठाने में भी सक्षम हो जाते हैं।

4. चतुर्थ भाव: चौथे भाव में बुधादित्य योग माता, संपत्ति और मानसिक शांति पर अच्छा प्रभाव डालता है। आपको पारिवारिक सुख और संपत्ति से लाभ मिलता है।

5. पंचम भाव: बुधादित्य योग इस भाव में संतान, शिक्षा और प्रेम संबंधों में सफलता दिलाता है। आपकी कला और रचनात्मकता में वृद्धि होती है। इसके साथ ही एक बुद्धिमान संतान का सुख मिलता है।

6. षष्ठ भाव: इस भाव में बुधादित्य योग होने पर आप शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में और रोगों से दूर रहने में सक्षम हो जाते हैं। आपकीकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है।

7. सप्तम भाव: कुंडली के सातवें भाव में बुधादित्य योग वैवाहिक जीवन में सुख और साझेदारी में सफलता लेकर आता है। व्यापार में भी लाभ प्रदान करता है।

8. अष्टम भाव: आठवें भाव में योग आपको आध्यात्मिक ज्ञान और अनपेक्षित लाभ प्रदान करता है। आपकी शोध और गहरे अध्ययन में रुचि होती है।

9. नवम भाव: कुंडली के नौवें भाव में बुधादित्य योग आपको भाग्यशाली बनाता है। यह योग धार्मिक कार्यों में आपकी रुचि को बढ़ाता है और आपको जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता हासिल करवाता है।

10. दशम भाव: दसवें भाव में यह योग आपको करियर में उन्नति और समाज में उच्च पद प्रदान करता है। आपकी नेतृत्व क्षमता भी बेहतरीन होती है।

11. एकादश भाव: इस भाव में बुधादित्य योग आर्थिक लाभ मिलने की प्रबल संभावना रहती है। आपको अपने मित्रों से सहयोग प्राप्त होता और आपकी आकांक्षाओं की पूर्ति भी होती है।

12. द्वादश भाव: इस भाव में बुधादित्य योग से आपको विदेश यात्रा का अवसर प्रदान कर सकता है। आप आध्यात्मिक ज्ञान का लाभ उठा सकते हैं। इसके साथ ही अपने गुप्त शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं ।

इन सभी भावों में बुधादित्य योग का प्रभाव जातक की कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति के अनुसार भी भिन्न हो सकता है। बुधादित्य योग के प्रभाव को सही से समझने और उसका लाभ उठाने के लिए विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह लेना उचित रहता है।

article tag
Vedic astrology
article tag
Vedic astrology
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!