इतिहास बनाएगा या बनेगा ‘केजरीवाल’

Sun, Feb 01, 2015
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इतिहास बनाएगा या बनेगा ‘केजरीवाल’

एक बार फिर दिल्ली में चुनाव की लहर दौड़ पड़ी है| 7 फ़रवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह तय हो जाएगा कि लगभग एक साल, यानि फ़रवरी 2014 से अब तक राष्ट्रपति शासन में चल रही दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा| क्या फिर से दिल्ली की जनता अरविन्द केजरीवाल पर अपना विश्वास जताएगी? क्या ‘अरविन्द केजरीवाल’ इतिहास बनाएगा या इतिहास बन कर रह जाएगा|


दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम तो 10 फ़रवरी तक जनता के समक्ष आ जाएंगे, किन्तु ज्योतिष विद्या
>क्या कहती है इस चुनाव के बारे में, आइयें आगे पढ़ते हैं|
आम आदमी पार्टी उम्मीदवार: अरविन्द केजरीवाल
जन्मतिथि एवं जन्मस्थल: 16 अगस्त 1968, हिसार, हरियाणा


अरविन्द केजरीवाल कृत्तिका नक्षत्र में वृषभ लग्न में जन्में है और उनकी चन्द्र राशि वृषभ है| केजरीवाल की सूर्य राशि सिंह है| यदि हम केजरीवाल के जीवनकाल में घटी भूतपूर्व घटनाओं का आंकलन करे तो सन 2006 में उनकी कुंडली में राहु शुक्र में विराजमान था जो ज्योतिष शास्त्र में एक अत्यंत लाभकारी स्थिति मानी जाती है| राहु के ग्यारहवें घर में उपस्थित होने के फलस्वरूप केजरीवाल को एशिया के नोबल पुरस्कार कहे जाने वाले रमोन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया| हालांकि राहु की उपस्थिति के कारण ही केजरीवाल के लिए किसी भी प्रकार के दबाव में काम करना कठिन हो गया था और उन्होंने इसी वर्ष अपनी सरकारी नौकरी के पद से इस्तीफा दे दिया|


सन 2010 में केजरीवाल के जीवन में तीव्र परिवर्तन आया जब उनकी कुंडली के चौथे घर में बृहस्पति ग्रह ने अपनी सुखद दशा बनाई| बृहस्पति के आशीर्वाद से ही केजरीवाल ने Right to Information (RTI) यानि ‘सूचना का अधिकार’ को आम जनता के बीच प्रबल बनाने के लिए सरकार से लड़ाई लड़ी| उनके इस संघर्ष के लिए ही अरविन्द केजरीवाल नाम आम जनता के बीच प्रसिद्ध हुआ| इसी वर्ष केजरीवाल अन्ना हज़ारे से भी मिले और उनके आंदोलन से जुड़ गए|


दो साल बाद 2012 में केजरीवाल ने अन्ना हज़ारे आंदोलन से अलग होने का निर्णय लिया और आम आदमी पार्टी की संस्थापना की| उस समय उनकी कुंडली में बृहस्पति में शनि के आगमन के साथ उन्होंने इस दिशा में यह अहम कदम उठाया था|


अन्ना से अलग होने के बाद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के माध्यम से एक सशक्त व्यक्तित्व के धनि हुए और उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में देश की तत्कालीन सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के विरुद्ध चुनाव लड़ा| उनकी भाग्य राशि तुला में शनि के प्रवेश करते ही केजरीवाल का पलड़ा भारी हो गया और उन्होंने अपने सभी राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को मात देते हुए 28 दिसम्बर 2014 को दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करी|


किन्तु चूँकि उनकी जन्मकुंडली में शनि ग्रह मेष राशि में, जो दुर्भाग्यशाली है, स्थापित है, केजरीवाल ने कुछ गलत निर्णय लिए| शनि की दशा के चलते ही केजरीवाल ने 14 फ़रवरी 2014 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया|


वर्तमान में यदि केजरीवाल की कुंडली का आंकलन किया जाए तो उनकी कुंडली में बुध बृहस्पति में विराजमान है| जिससे यह तय होता है कि केजरीवाल के अपने विधानसभा क्षेत्र से विजयी होने के आसार तो प्रबल है किन्तु उनकी पार्टी ‘आप’ के सत्ता में आने के आसार उतने ही कम है| उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों को जनता का उतना सहयोग प्राप्त नहीं हो सकेगा| ज्योतिष विद्या के आंकलन से आम आदमी पार्टी के कुल-मिलाकर 20-24 सीट जीतने के आसार बनते दिखाई दे रहे है|


वर्तमान ग्रह दशा के अनुसार बृहस्पति केजरीवाल की राशि मेष से चौथे घर यानि कर्क राशि में प्रवेश कर रहा है और वक्री हो रहा है| और शनि लाभकारी छठें घर यानि तुला राशि से अहितकारी सातवें घर यानि वृश्चिक राशि में प्रस्थान कर रहा है| इन ग्रहचालों से यह प्रतीत होता है कि इस समय केजरीवाल के शत्रुओं में प्रबलता आएगी और जनता के बीच भी उनकी छवि में दाग लगेंगे|


अतः एस्ट्रोयोगी ज्योतिषी के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव के इस सत्र में अरविन्द केजरीवाल के जीतने के आसार प्रबल नहीं दिखाई दे रहे हैं|

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