बहु-प्रतिभा के धनी बॉलीवुड में केजे के नाम से मशहूर करण जौहर का एक अलग ही रूतबा है। कहा जाता है कि भारतीय फिल्म जगत में करण जौहर का सिक्का खूब चलता है। 25 मई 1972 को जन्मे करण बॉलीवुड में अपने निर्देशन, निर्माता व पटकथा लेखन के लिए जाने जाते हैं। इनके पिता यश जौहर धर्मा प्रोडक्शन के संस्थापक थे। पिता की मृत्यु के बाद करण ने धर्मा प्रोडक्शन का कार्यभार अपने हाथों में लिया। अब तक करण कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों का निर्माण व निर्देशन कर चुके हैं। वैसे तो करण एक अभिनेता के तौर पर आदित्य चोपड़ा की फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे में काम किया। कहा जाता है कि करण को फिल्म निर्देशक बनने की सलाह शाहरुख खान ने दी थी। जिसके बाद करण ने शाहरुख खान के साथ कुछ कुछ होता है फिल्म की। यह फिल्म उस वक्त की सबसे बड़ी फिल्म साबित हुई। फिल्म के लिए करण जौहर को फिल्मफैयर बेस्ट डायरेक्टर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद करण ने कभी खुशी कभी ग़म, कभी अलविदा ना कहना, माइ नेम इज़ ख़ान, स्टुडेंट ऑफ़ द ईयर और ऐ दिल है मुश्किल जैसे सफल फिल्मों का निर्देशन किया। इसके साथ ही करण अपने स्टाइलिश लाइफस्टाइल और पार्टियों के लिए भी जाने जाते हैं। माना जाता है कि फिल्म जगत का ऐसा कोई सितारा नहीं है जो करण के पार्टी में न चमके। एक बार फिर करण की पार्टी में सितारों को चमकने का मौका मिलने वाला है। क्योंकि आगामी 25 मई को करण जौहर अपना 47 वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। ऐसे में एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर ने करण के ग्रहों की दशा व दिशा का आकलन कर यह साल उनका कैसा रहने वाला है इसके कुछ संकेत दिए हैं। जिसे यहां हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।
नाम – करण जौहर
जन्म दिनांक – 25 मई 1972
जन्म समय - 12:00 दोपहर
जन्म स्थान – मुंबई
करण जौहर की सूर्य राशि मिथुन है। इनका जन्म चित्रा नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ है। वर्तमान में करण पर शनि की महादशा, मंगल की अंतर दशा तथा राहु की प्रत्यंतर चल रही है। चूंकि इनके लग्न में शनि दो अच्छे घरों भाग्य व कर्म के स्वामी होकर बैठे हैं जो भाग्य, में बढ़ोत्तरी व कर्मक्षेत्र में मान- सम्मान देने वाले बन गए हैं। सूर्य का सुख का स्वामी होकर धन स्थान में बैठना, धन व करियर को चमकाने का योग बना रहा है। चंद्रमा का छठे स्थान में बैठना और बुध पर दृष्टि डालना जातक में समान लिंग के प्रति आकर्षण का भाव पैदा करता है। धन का स्वामी का बारहवें घर में जाना करण से धन का अपव्यय करवाएगा। इस वर्ष के लिए आय के स्थान पर चार ग्रहों का योग बना हुआ है जिसे चतुर्थ ग्रही राज योग कहा जाता है। जिसके कारण करण को धन के साथ ही मान सम्मान व नाम मिलेगा। लेकिन राहु का लग्न में चंद्रमा की राशि में बैठना मानसिक तनाव का कारण भी बनेगा। स्वास्थ्य की बात करें तो यह वर्ष इनके लिए कुछ अच्छा नहीं रहेगा। इस साल करण को रक्त संबंधित रोगों का सामना करना पड़ सकता है। इन्हें इस मामले में सजग रहने की आवश्यकता है।
प्रेम संबंध के लिए इनके ग्रह अच्छे हैं इस वर्ष प्रेम पक्ष से इन्हें बेहतर रिस्पॉन्स मिलेगा। साथी का साथ रहेगा। यह इसलिए क्योंकि इनका लग्न वृष है। इस लग्न वालों से लोग आकर्षित होते है साथ ही ये भी थोड़ा रसिक स्वभाव के होते हैं। इस साल के लिए बृहस्पति का भाग्य का स्वामी होकर कर्म स्थान में बैठना कार्य क्षेत्र को बढ़ाने वाला है व सम्मान देने वाला साल बना रहा है। कभी-कभी बनते काम में विध्न इस वर्ष पड़ सकता है। परंतु शनि का मंगलकारी होने से काम तथा व्यापार में उन्नति मिलने के पूरे आसार हैं। नवांश में चंद्रमा पर शनि की दृष्टि पड़ रही है जिससे विष योग बन रहा है। माना जाता है कि नवांश में छठे घर का स्वामी होने से रोग, ऋण तथा शत्रुओं से भय का योग बनता है। सूर्य का नवांश में भाग्य स्थान में उच्च का होकर बैठना भाग्य वृद्धि का कारक बन जाता है।
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6 मई से बृहस्पति का प्रत्यंतर दशा में आना जमीन, जायदाद व प्रतिष्ठा दिलाने का कारक बन गया है। वर्ष कुंडली के अनुसार 25 मई 2019 तक का समय उतार-चढ़ाव भरा रहा है। लेकिन इसके बाद का समय इनका अच्छा रहने वाला है। वृषभ लग्न वाले जातक कर्मठ, कर्मशील व अपने काम के प्रति सजग रहते हैं। जिस कार्य को करने का एक बार मन बना लेते हैं तो उसे पूरा कर के ही दम लेते हैं। नवांश में बृहस्पति का प्रेम का कारक होकर राहु से दृष्टि होना एक चंचल योग बना देता है। जातक का मन किसी के प्रति ज्यादा लगाव रखने लगता है। लेकिन पता चलने पर अपमान व अपव्यय का करना पड़ता है। कुल मिलाकर कुंडली में योगकारक ग्रह होने के कारण उतार-चढ़ाव के बाद भी यह वर्ष सुखमय रहने की पूरी संभावना है।