कार्तिक पूर्णिमा 2024 – बहुत खास है यह पूर्णिमा!

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कार्तिक पूर्णिमा 2024 – बहुत खास है यह पूर्णिमा!

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह का विशेष महत्व होता है। इस माह में कृष्ण पक्ष में धनतेरस से लेकर दीपावली तक महापर्व मनाए जाते हैं, जबकि शुक्ल पक्ष में गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, गोपाष्टमी और देवउठनी एकादशी जैसे पर्व आते हैं। इसी माह में कार्तिक पूर्णिमा का दिन भी अत्यधिक शुभ माना जाता है। इसे गंगा स्नान और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

कार्तिक माह को धार्मिक दृष्टि से स्नान और दान का माह कहा जाता है। इस दिन स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है, और यह बहुत पुण्यदायी माना जाता है। पंडितों के अनुसार, पूरे साल गंगा में स्नान करने से जो पुण्य मिलता है, उतना ही पुण्य सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से प्राप्त होता है।

इस साल, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा 16 नवंबर 2024 को पड़ रही है।

कार्तिक पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त (2024)

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 15 नवंबर 2024, सुबह 06:19 बजे से

  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 16 नवंबर 2024, मध्यरात्रि 02:58 बजे तक

  • व्रत और स्नान: 15 नवंबर 2024, मंगलवार

  • पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - शाम  04:51, (15 नवंबर 2024)

कार्तिक पूर्णिमा का पौराणिक महत्व

कार्तिक पूर्णिमा सिर्फ स्नान और दान के लिए ही नहीं, बल्कि पौराणिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध इस दिन, भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था।

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने इस दिन मत्स्य अवतार लिया था। उन्होंने भक्त सत्यव्रत मनु को महाप्रलय की चेतावनी दी थी और सात ऋषियों समेत सभी महत्वपूर्ण प्राणियों और जड़ी-बूटियों को सुरक्षित नाव पर रखा था। इसी समय, भगवान विष्णु ने हयग्रीव राक्षस से वेदों का उद्धार कर उन्हें वापस भगवान ब्रह्मा को सौंप दिया था। इसीलिए, कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान को अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। जिनके लिए गंगा में स्नान करना संभव नहीं हो, वे स्वच्छ जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और गरीबों व ज़रूरतमंदों की मदद करें।

दान में आप मौसमी फल, उड़द की काली दाल, चावल आदि अर्पित कर सकते हैं। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना भी अत्यधिक शुभ माना गया है, क्योंकि यह दिन सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है।

एस्ट्रोलॉजी के अनुसार, भविष्य पुराण में भी वैशाख, माघ, और कार्तिक पूर्णिमा को स्नान और दान के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है।

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