Kuja Dosha Upay: कुज दोष, जिसे ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष भी कहा जाता है, भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह दोष तब बनता है जब कुंडली में मंगल ग्रह 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है। इसे मांगलिक दोष का एक भाग माना जाता है, लेकिन इसका प्रभाव उससे थोड़ा कम होता है। कुज दोष का व्यक्ति के विवाह, पारिवारिक जीवन और मानसिक शांति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आइए विस्तार से समझते हैं कुज दोष का महत्व, इसके प्रभाव और इसके उपाय।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के कारण कुंडली में शुभ और अशुभ योग बनते हैं। जब मंगल ग्रह 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में होता है, तो कुज दोष का निर्माण होता है। इसे ज्योतिष में मांगलिक दोष का ही एक प्रकार माना जाता है। हालांकि, यह दोष हर व्यक्ति पर समान रूप से प्रभाव नहीं डालता। यह दोष विशेष रूप से वैवाहिक जीवन और रिश्तों को प्रभावित करता है।
वैवाहिक समस्याएँ: कुज दोष को विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में कलह का मुख्य कारण माना जाता है।
आक्रामकता: कुज दोष वाले जातक स्वभाव से आक्रामक और क्रोधित हो सकते हैं।
धन की हानि: यह दोष कभी-कभी आर्थिक नुकसान या करियर में रुकावट भी पैदा करता है।
जिन व्यक्तियों की कुंडली में कुज दोष होता है, उनके विवाह में बाधाएँ आती हैं। रिश्ते बनते हैं लेकिन टिक नहीं पाते। विवाह योग्य उम्र पार होने के बावजूद सही जीवनसाथी का चयन करना कठिन हो जाता है।
यदि विवाह हो भी जाए, तो पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर विवाद हो सकता है। यह कलह धीरे-धीरे रिश्ते को कमजोर कर सकता है।
कुज दोष व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। विशेष रूप से, यह मानसिक तनाव और सिरदर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
कुज दोष वाले व्यक्ति को करियर में अस्थिरता और धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।
इस दोष के कारण व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है। यह उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में समस्याएँ उत्पन्न करता है।
यह भी पढ़ें: कब होगा बुध का धनु राशि में मार्गी 2024?
ज्योतिष में केसर को मंगल दोष शांति के लिए अत्यंत प्रभावी माना गया है।
केसर का तिलक लगाएँ।
केसर युक्त जल से सूर्य को अर्घ्य दें।
किसी धार्मिक स्थल पर केसर का दान करें।
हनुमान जी मंगल के देवता माने जाते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगलवार को बजरंग बली के मंदिर में प्रसाद चढ़ाएँ।
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करें। इससे मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
ज्योतिषी की सलाह पर मूंगा (कोरल) धारण करें।
यह रत्न मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है।
मंगलवार को मसूर की दाल, लाल कपड़ा और गुड़ का दान करना लाभकारी होता है।
कुज दोष शांति के लिए विशेष पूजा और हवन करवाएँ।
यह उपाय विशेष रूप से तब किया जाता है जब कुज दोष बहुत अधिक प्रभाव डाल रहा हो।
यह भी पढ़ें: साल 2025 में विवाह के लिए शुभ मांगलिक मुहूर्त
मंगल दोष निवारण पूजा
विवाह से पहले कुज दोष शांति के लिए विशेष पूजा करवाना लाभकारी होता है।
कन्यादान
अगर विवाह में देरी हो रही है, तो किसी गरीब कन्या का कन्यादान करें।
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त
आप हमारे एस्ट्रोलॉजर से सलाह लेकर शुभ मुहूर्त में विवाह करें।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ
मंगलवार को शिवलिंग पर जल और शहद चढ़ाना भी कुज दोष को शांत करता है।
नहीं, कुज दोष का प्रभाव कुंडली के अन्य ग्रहों और उनकी स्थिति पर निर्भर करता है। अगर कुंडली में मंगल शुभ ग्रहों के साथ है या शुभ भाव में स्थित है, तो कुज दोष का प्रभाव कम हो सकता है। इसके अलावा, यदि विवाह दोनों पक्षों में कुज दोष वाले व्यक्तियों के बीच होता है, तो इसका प्रभाव निष्क्रिय हो जाता है।
शुभ योग जो कुज दोष को कम करते हैं:
गुरु (बृहस्पति) का प्रभाव।
चंद्रमा और मंगल का अनुकूल संबंध।
कुंडली में मजबूत नवम भाव।
कुज दोष ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक गंभीर दोष है, लेकिन सही उपायों और पूजा-अनुष्ठानों से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आपकी कुंडली में कुज दोष है, तो परेशान होने की बजाय योग्य ज्योतिषी की सलाह लें और उपयुक्त उपाय अपनाएँ। मंगल ग्रह का प्रभाव यदि सकारात्मक हो तो यह ऊर्जा, आत्मविश्वास और साहस का प्रतीक भी बन सकता है।
इसलिए, सही दिशा में प्रयास और उपाय से आप अपने जीवन को सुखद और शांतिपूर्ण बना सकते हैं।