Prem Yog : कब होता है पहली नजर का प्यार

Sat, Apr 01, 2023
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Prem Yog : कब होता है पहली नजर का प्यार

प्रेम हर व्यक्ति की एक स्वाभाविक जरुरत होती है थोड़ा सा अनुकूल वातावरण मिलते ही यह पनपने लगता है। कभी ईशारों में, कभी विचारों में, कभी लंबे साथ में तो कभी पहली मुलाकात में अचानक यूं ही एक झटके में जातक विपरीत लिंगी के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। यादों में खोने लगते हैं। घंटों बातें होने लगती हैं फिर रुठना-मनाना चलने लगता है। लेकिन कई बार देखा जाता है कि लाख कोशिश करने के बाद भी जीवन नीरस बना रहता है, प्रेम के लाख बीज बिखेरने पर भी वे अंकुरित नहीं होते, भले ही कितनी सुहानी रुत हो लेकिन बिना प्यार के मन उदास ही रहता है। किसी साथी का सूनापन, किसी के साथ न होने की कमी खलती रहती है। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके प्रेम के पौधे को अंकुरित होने और उसे पोषित करने में आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा क्या मायने रखती है। जी हां ज्योतिषशास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा के अनुसार आपका राशिफल ही नहीं बल्कि जीवन का हर पहलु प्रभावित होता है। ग्रहों की दशा बताती है कि आपके नसीब में प्यार है कि नहीं। आइये जानते हैं कि कुंडली में ऐसे कौनसे कारक होते हैं जो प्रेम योग को दर्शाते हैं। 

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कब खिलेगा प्यार का फूल?

जीवन में प्यार का फूल खिलने के लिये आपके शुक्र ग्रह का अच्छा होना बहुत जरुरी है। शुक्र, चंद्रमा और मंगल ग्रह ही मुख्यत: आपके प्यार को परवान चढ़ाते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्र को स्त्री ग्रह माना जाता है। पति-पत्नी, प्रेम संबंध, भोग विलास, आनंद आदि का कारक ग्रह भी शुक्र को ही माना जाता है। शुक्र का शुक्र रहे तो जीवन प्रेम से भर जाता है। एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब जातक की कुंडली में शुक्र और मंगल का योग बन जाता है या इनका आपस में कोई संबंध होता है तो ऐसी स्थिति में आपके जीवन में प्यार की बहार आ सकती है। इसके अलावा पंचम और सप्तम के स्वामी यदि एक साथ आ जायें तो यह स्थिति भी प्रेम जीवन के लिये सकारात्मक योग बनाती है और आपको अपना प्यार मिलने की संभावना प्रबल होती हैं। यदि शुक्र की दृष्टि पंचम पर पड़ रही हो या भी वह चंद्रमा को देख रहा हो तो ऐसी दशा में प्यार की पिंघें बढ़ सकती है। पंचमेश और एकादशेश का एक साथ बैठना भी आपकी कुंडली में प्रेमयोग को दर्शाता है।

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क्यों टूट सकता है दिल? kyo tut sakta hai dil?

उपरोक्त सभी स्थितियां कुंडली में प्रेमयोग बनाती हैं। लेकिन कुछ स्थितियां ऐसी भी होती हैं जिनमें आपकी अच्छी खासी लव लाइफ तहस-नहस हो जाती है। आप मायूस हो जाते हैं आपको लगता है जैसे आपकी या उसकी गलती की वजह से ऐसा हुआ जबकि ऐसा नहीं है अपने आपको दोष मत दें। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ऐसा पाप ग्रहों की दृष्टि से होता है। जब शुक्र और मंगल एक साथ होते हैं तो ऐसे में प्रेम योग तो बन जाता है लेकिन यदि इन पर शनि की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे में प्रेम संबंध टूट सकते हैं बिखर सकते हैं। चंद्रमा में शुक्र की युति भी आपकी कुंडली में प्रेमयोग के लिये अच्छी मानी जाती है लेकिन जब इस पर शनि की दृष्टि पड़ती है तो यही एक विष योग बन जाता है जिससे छोटी-छोटी बातों को लेकर आपस में मनमुटाव होने लगते हैं और ब्रेकअप होने तक की नौबत आ जाती है। 

 

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