लोक सभा चुनाव 2014 - खेल सत्ता का!

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लोक सभा चुनाव 2014 - खेल सत्ता का!

भारत सरकार की बागडोर अब किस राजनीतिक पार्टी के हाथ में आएगी, इसका फैसला कुछ ही दिनों में सबके सामने आ ही जाएगा| 2014 लोक सभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है| हर पार्टी अपने उम्मीदवारों के प्रचार-प्रसारण में लग चुकी हैं| और इसी के साथ शुरू होता है सिलसिला अपने-अपने उद्देश्यों को जनता के समक्ष लाने का, उनसे वायदे करने का, और यह आश्वासन देने का कि उनकी ही पार्टी देश को समस्या-रहित बनाएगी और प्रगति की राह पर ले जाएगी| भारत देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियाँ काँग्रेस और भाजपा के अलावा कई प्रादेशिक पार्टियाँ है जो अपने-अपने क्षेत्र में प्रगति और विकास कर चुकी हैं या करने का दावा करती हैं| लोकसभा चुनाव 2014, दिनांक 7 अप्रैल से 12 मई तक पूरे देश भर में होंगे| भारत के 543 चुनाव-क्षेत्रों में से जिस भी पार्टी के हक में 272 सीट आएगी, वहीँ पार्टी सरकार बनाने योग्य होगी| पिछली बार की तरह इस बार भी आसार त्रिशंकु संसद बनने के ही है| यानि कि फिलहाल कोई भी पार्टी अकेले अपने दम पर 272 सीट पाने की हकदार नहीं दिखाई दे रही है|


पूरे देश में फ़ैल रही यह राजनीतिक हवा किसके दम पर भारत के अस्तित्व को और भी सशक्त बनाएगी, आइये जानते है| एक नज़र कुछ सशक्त राजनीतिक नेताओं के प्रालेख पर!

नरेन्द्र मोदी: 17 सितम्बर 1950 में जन्में नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है| इनकी सूर्य राशि कन्या है और भारत की जनता गुजरात के इन आदर्श नेता से खासी प्रभावित हैं| कई विवादों से घिरे रहने ले बावजूद, गुजरात के अविश्वसनीय विकास में मोदी का योगदान ना केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहनीय है| इसलिए सन 2001 से गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मोदी ही विराजमान है| गुजरात के बाद अब मोदी का उद्देश्य है सम्पूर्ण भारत को विकास के रास्ते पर ले जाने का| कन्या राशि के मोदी अपनी निपुणता और स्वाभाविक नेतृत्व करने की क्षमता के बल पर ही एक साधारण परिवार से होने के बावजूद प्रधानमंत्री पद के लिए सभी भाजपा सदस्यों और कार्यकर्ताओं की एकमात्र पसंद है| अपनी बुद्धिमत्ता और महत्वकांक्षी सोच से ही उन्होंने अपने राजनीतिक सफ़र को सफल बनाया है| अपने वास्तविक स्वभाव और रुढ़िवादी सोच के प्रताप ही आज मोदी भाजपा का चेहरा बन चुके है| पूरे देश में नमो-नमो जपा जा रहा है| हालाँकि मोदी को अपने राजनीतिक सफ़र को बाधारहित बनाए रखने के लिए अपने भाषणों में दूसरें नेताओं की आलोचनाओं से ज्यादा अपनी भूमिका को और सशक्त बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए|

राहुल गाँधी: भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गाँधी को आज की युवा पीड़ी से जोड़ा जाए तो गलत नहीं होगा| 19 जून 1970 को जन्में राहुल काँग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे है| फिलहाल काँग्रेस ने इस बात पर रहस्य कायम किया हुआ है| राहुल की प्रगतिशील सोच और नवीनतम योजनाओं का युवा पीढ़ी ने खुलकर स्वागत किया है| विरासत में राजनीती प्राप्त करने वाले राहुल को एक तरफ इस बात का लाभ भी है किन्तु पिछले कुछ समय से काँग्रेस पार्टी की बिगडती छवि और निराशाजनक प्रदर्शन का सीधा असर राहुल के राजनीतिक करियर पर पड़ सकता है| राहुल हर समय शांत रहते है और इसी शांत स्वभाव के चलते राहुल देश के गंभीर मुद्दों को भी शांति से सुलझाने में विश्वास रखते है और खुद विवादों से बच कर रहना पसंद करते है| अपनी पार्टी के प्रचार में उन्होंने कोई भी कमी महसूस नहीं होने दी है| भारतीय जनता के बीच अपने भाषणों से राहुल नरेन्द्र मोदी की चमक कम करने की पूरी कोशिश में तो है लेकिन मोदी के अनुभव के सामने राहुल गाँधी बौने साबित हो रहे है| अपनी सोच और सच्चे प्रयासों के बावजूद ऐसा लग रहा है कि 2014 के लोक सभा चुनाव में काँग्रेस को अपनी बादशाहत बरक़रार रखने के लिए जी-तोड़ मेहनत तो करनी ही होगी|

अरविन्द केजरीवाल: 16 अगस्त 1968 को जन्में और आक्रोश से भरपूर सिंह राशि के अरविन्द केजरीवाल ने अपने राजनीतिक करियर के पहले चुनाव में दिल्ली प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का जो लक्ष्य तय किया था उसे अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी के ज़रिए पा भी लिया था| कई विवादों और धरनों के बाद केजरीवाल ने अपनी पार्टी बनाने के बाद बहुत ही कम समय में दिल्ली की जनता को अपनी ओर आकर्षित किया और गत वर्ष दिल्ली में हुए चुनाव में हलचल मचा दी| हालाँकि बतौर मुख्यमंत्री केजरीवाल कुछ ख़ास नहीं कर पाए और कुछ ही दिनों में उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया| केजरीवाल में जोश है, जूनून है, लेकिन अनुभव नहीं है| दिल्ली चुनाव के परिणामों के बाद यह माना जा सकता है कि इस चुनाव में यदि मोदी को कोई कड़ी टक्कर दे सकता है तो वह है अरविन्द केजरीवाल|

शरद पंवार: राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के बेख़ौफ़ नेता शरद पंवार का जन्म 12 दिसम्बर 1940 को हुआ था| पंवार अपनी पुरानी गठबंधन पार्टी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के लिए भूतकाल में महाराष्ट्र में कई बार विजय हासिल कर चुके है| केंद्रीय सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों में विराजमान रह चुके शरद पंवार राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी को अपनी दृणनिश्चयता और आशावादी सोच के साथ सफलता की ओर ले जाने का दम रखते है|

मुलायम सिंह यादव: 22 नवंबर 1939 को जन्में समता पार्टी के प्रमुख नेता मुलायम सिंह यादव तीन बार भारत के सबसे बड़े राजनीतिक प्रदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके है और अब उनकी ही अगुआई में उनके बेटे अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को संभाला है| लोक सभा चुनाव में मुलायम अपनी पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त है| यहाँ तक कि उनके सितारें भी उनके हित में हैं| एक विशिष्ट धनु राशि की तरह मुलायम भी शक्ति के लिए यानि सत्ता के लिए प्रयासरत रहते है और अपने प्रतिद्वंदियों के लिए खतरा बने रहते है|

नितीश कुमार: प्रधानमंत्री पद के सशक्त उम्मीदवारों में से एक मीन राशि के नितीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 में हुआ था| भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) के यह आदर्शवादी नेता आने वाले चुनाव में अपनी विजय के लिए पूरी तैयारी के साथ उतर चुके है| बिहार में विकास और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार जैसे कई क्षेत्रों में सुधार लाने वाले नितीश कुमार एक आदर्श नेता के समतुल्य है|

ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोक सभा चुनाव में अधिक से अधिक मत हासिल करने के लिए तैयार है| 5 जनवरी 1955 को जन्मी ममता बनर्जी की सूर्य राशि मकर है| मकर राशि वाले अपनी गज़ब की नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते हैं| ममता बनर्जी ने भी अपने प्रदेश में अपने नेतृत्व में कई सराहनीय कार्य किए है| पर 2014 में सत्ता हासिल करने के लिए उन्हें और भी जी-तोड़ मेहनत करनी होगी|

मायावती: उत्तर प्रदेश की भूतपूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की आदर्श और मुख्य नेता मायावती ने दलित समाज के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई और उन्हें पारित भी करवाया| 15 जनवरी 1956 को जन्मी मायावती भी मकर राशि है| किंतु राजनीती के क्षेत्र में अपने बूते पर महारथ हासिल करने वाली मायावती को उनकी आलीशान जीवनशैली के चलते आलोचनाओं का सामना करना पड़ा| उनके सितारे कहते हैं कि 2014 लोक सभा चुनाव में मायावती का महत्त्वपूर्ण योगदान रहेगा और मुमकिन है कि सरकार बनाने में भी उनके सहयोग की ज़रुरत पड़े|

जयाललिता: ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कजहगम (ए.आई.ए.डी.एम.के) की प्रमुख नेता जयाललिता पांच बार तमिल नाडू की मुख्यमंत्री रह चुकी है और वर्तमान में भी इस पद पर विराजमान है| प्रधानमंत्री पद के लिए जयाललिता संभावित प्रत्याशियों में से एक है| 24 फरवरी को जन्मी जयाललिता की सूर्य राशि मीन है जो उन्हें कल्पनाशील क्षमता के साथ बुद्धिमत्ता का धनी बनाती है| वर्तमान में लोक सभा चुनाव में बड़ा फेरबदल की अपेक्षा इनसे की जा सकती है|

प्रकाश करात: 7 फरवरी 1948 को जन्में कुम्भ राशि के प्रकाश करात के नेतृत्व में सी.पी.आई (एम) 2014 के लोक सभा चुनाव में एक सशक्त प्रत्याशी के रूप में उभर कर सामने आ रहे है| इस बार यह भी सम्भावना है कि थर्ड फ्रंट यानि तीसरे मोर्चे का संयुक्त सरकार बनाने में ख़ासा योगदान हो सकता है| यह भी पाया गया है कि करात समूह में हमेशा अपेक्षाओं से बेहतर प्रदर्शन करते है| इसलिए तीसरे मोर्चे की सफलता की पूरी सम्भावना है| एक विशिष्ट कुम्भ व्यक्ति की तरह करात उन लोगों से सख्त नफ़रत करते है जो पहले वादे करते हैं और फिर उन्हें भूल जाते हैं| करात का पूरा ध्यान हमेशा से ही समाज के लिए काम करने में रहा है|

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