Maa Kali Aarti in Hindi: माँ काली की आरती से होगी जीवन में समृद्धि

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Maa Kali Aarti in Hindi: माँ काली की आरती से होगी जीवन में समृद्धि

Maa Kali Aarti: क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे जीवन में भय, नकारात्मकता और संकटों का अंत कौन कर सकता है? भारत की धार्मिक संस्कृति में देवी उपासना का बहुत ही खास स्थान है। माँ दुर्गा, माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती की तरह ही माँ काली को भी शक्ति का सर्वोच्च रूप माना जाता है।

क्या आप जानते हैं कि माँ काली केवल बुराई के विनाश की प्रतीक नहीं हैं? वे अपने भक्तों की हर विपत्ति और संकट से रक्षा करने वाली “संहार और सृजन” की देवी भी हैं। उनके दर्शन और भक्ति से व्यक्ति का आत्मबल बढ़ता है और जीवन में साहस और निडरता का संचार होता है।

क्या आपने माँ काली की आरती करने का अनुभव किया है? यह साधना केवल भक्ति का तरीका नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो नकारात्मक ऊर्जा और भय को समाप्त करता है। आरती करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और भक्त अपने अंदर की शक्ति और आत्मविश्वास को महसूस करता है।

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माँ काली आरती (Maa Kali Aarti)

'मंगल' की सेवा, सुन मेरी देवाहाथ जोड़, तेरे द्वार खड़े।

पान सुपारी, ध्वजा, नारियल,ले ज्वाला तेरी भेंट धरे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

सुन जगदम्बे, कर न विलम्बेसंतन के भण्डार भरे।

संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली,मैया जै काली कल्याण करे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

बुद्धि विधाता, तू जग माता,मेरा कारज सिद्ध करे।

चरण कमल का लिया आसरा,शरण तुम्हारी आन परे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

जब-जब भीर पड़ी भक्तन पर,तब-तब आय सहाय करे।

बार-बार तैं सब जग मोहयो,तरुणी रूप अनूप धरे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

माता होकर पुत्र खिलावेकहीं भार्या भोग करे।,

सन्तन सुखदाई सदा सहाई,सन्त खड़े जयकार करे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

ब्रह्मा विष्णु महेश सहसफण लिए,भेंट देन तेरे द्वार खड़े।

अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,सिर सोने का छत्र फिरे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

वार शनिश्चर कुंकुम बरणो,जब लुँकड़ पर हुकुम करे।

खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिए,रक्त बीज को भस्म करे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

शुंभ निशुंभ को क्षण में मारे,महिषासुर को पकड़ दले।

'आदित' वारी आदि भवानी,जन अपने का कष्ट हरे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

कुपित होय दानव मारे,चण्ड मुण्ड सब चूर करे।

जब तुम देखी दया रूप हो,पल में संकट दूर करे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,जन की अर्ज कबूल करे।

सात बार की महिमा बरनी,सब गुण कौन बखान करे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,अटल भवन में राज करे।

दर्शन पावें मंगल गावें,सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,शिव शंकर ध्यान धरे।

इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती,चँवर कुबेर डुलाय रहे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

जय जननी जय मातु भवानी,अटल भवन में राज करे।

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,मैया जय काली कल्याण करे॥

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा।

माँ काली की आरती का महत्व (Maa Kali ki Aarti ka Mahatav)

माँ काली की आरती केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि आत्मा को शक्ति देने वाला अनुभव है। जब कोई व्यक्ति भक्ति-भाव से माता की आरती करता है, तो उसकी भीतर की ऊर्जा जाग्रत होती है। ऐसा माना जाता है कि आरती के समय माँ काली स्वयं उपस्थित होकर अपने भक्त की रक्षा करती हैं।

  • यह आरती भय, असुरक्षा और नकारात्मक विचारों को दूर करती है।

  • आर्थिक संकट या पारिवारिक कलह के समय आरती करने से मन को शांति मिलती है।

  • आध्यात्मिक रूप से, यह साधना व्यक्ति को आत्मविश्वास, साहस और स्थिरता प्रदान करती है।

  • माँ काली की आरती नवरात्रि, अमावस्या या शुक्रवार को विशेष फलदायी मानी जाती है।

माँ काली की आरती कब और कैसे करें? (Maa Kali ki Aarti ka Mahatav)

माँ काली की आरती करने का समय और विधि भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

  1. सही समय: माँ काली की आरती प्रातः काल सूर्योदय से पहले या रात्रि में 12 बजे के आसपास करना अत्यंत शुभ माना गया है। विशेष रूप से अमावस्या और शुक्रवार की रात को आरती करने का विशेष महत्व होता है।

  2. स्थान और तैयारी: सबसे पहले पूजा स्थान को शुद्ध करें। माँ काली की तस्वीर या मूर्ति को लाल या काले वस्त्र पर स्थापित करें। दीपक में तिल या सरसों का तेल जलाएं और लाल फूल, काले तिल, गुड़ और नारियल अर्पित करें।

  3. मंत्र और ध्यान: आरती से पहले “ॐ क्रीं कालीकायै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद माता के स्वरूप का ध्यान करें — काले रंग की देवी, गले में राक्षसों की माला, हाथों में खड्ग और खप्पर, और चरणों में शिवजी का शांत स्वरूप।

  4. आरती का समय: आरती करते समय दीपक को घुमाते हुए माता के स्वरूप का स्मरण करें और भक्ति-भाव से आरती का गायन करें।

काली माँ आरती का आध्यात्मिक लाभ (Kali Maa ki Aarti ka Labh)

  1. भय और तनाव का अंत: आरती करने से व्यक्ति के भीतर का डर समाप्त होता है। माँ काली का स्मरण करते हुए व्यक्ति निडर बनता है।

  2. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: माँ काली का नाम मात्र लेने से ही आस-पास की नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं। घर का वातावरण पवित्र और ऊर्जावान बनता है।

  3. आर्थिक स्थिरता: माँ काली की कृपा से धन और व्यवसाय संबंधी अड़चनें दूर होती हैं। कई भक्तों ने अनुभव किया है कि आरती करने से अचानक अटकी हुई चीजें पूर्ण होती हैं।

  4. मन की शांति: आरती के बाद कुछ पल ध्यान करने से मन स्थिर होता है, और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

  5. कर्मों की शुद्धि: माँ काली की आराधना व्यक्ति के भीतर के दोषों को नष्ट करती है और सच्चे कर्म की प्रेरणा देती है।

माँ काली की पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें (Maa Kali ki pooja tips)

  • आरती हमेशा स्वच्छ वस्त्र पहनकर करें।

  • पूजा के समय मन को पूरी तरह एकाग्र रखें।

  • अगर संभव हो तो आरती के बाद 11 दीपक जलाएं और माँ से प्रार्थना करें कि वह आपके जीवन से अंधकार मिटाएं।

  • घर में आरती करते समय परिवार के सभी सदस्यों को सम्मिलित करें ताकि सकारात्मक ऊर्जा बढ़े।

माँ काली जी की आरती के पीछे छिपा रहस्य (Maa Kali ji ki Aarti Secret)

माँ काली का भयंकर रूप दरअसल भय नहीं, बल्कि “अहंकार-विनाश” का प्रतीक है। वे बताती हैं कि जब तक हम अपने भीतर के “मैं” को नहीं छोड़ते, तब तक ईश्वर तक पहुँचना कठिन है। उनका काला रंग अंधकार नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक है जो सृजन और विनाश दोनों का मूल है।

इसलिए जब हम माँ काली की आरती करते हैं, तो वास्तव में हम अपने भीतर की नकारात्मकता का नाश कर रहे होते हैं। यही कारण है कि माँ काली की आराधना साधना मार्ग का सबसे गूढ़ लेकिन प्रभावी उपाय मानी गई है।

माँ काली की आरती केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आत्मिक साधना है। यह आरती हमें साहस, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। माँ काली के चरणों में श्रद्धा से झुकने वाला भक्त कभी भय, असफलता या अंधकार में नहीं रहता।

अगर जीवन में बार-बार परेशानियाँ आ रही हों, निर्णय लेने में डर लग रहा हो या नकारात्मकता से घिरे हों, तो माँ काली की आरती को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लीजिए। माता की कृपा से आपके जीवन में प्रकाश, शक्ति और सफलता स्वयं प्रवेश कर जाएगी।

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