हिंदू ही नहीं अपितु हर धर्म में विवाह एक ऐसा पड़ाव है जिसे हर कोई पाना या पार करना चाहता है। इसी के बाद प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक नया अध्याय जुड़ता है। कहें तो वह व्यक्ति जीवन के एक नए सफर पर निकलता है। परंतु कईयों के जीवन में यह पड़ाव नहीं आता या जीवन का यह अध्याय कुछ ही समय के लिए रहता है। आज हम विवाह व हस्त शास्त्र का आपस में क्या संबंध है इस पर चर्चा करेंगे। इस लेख में हम जानेंगे कि हथेली में कौन सी रेखा होने पर विवाह होता है इसके साथ ही किस रेखा व रेखा के बनावट के कारण विवाह में देरी या विवाह में कलह व विवाह नहीं हो रहा है? इसके बारे में भी बात करेंगे, तो आइये जानते हैं हस्त ज्योतिष व विवाह में क्या संबंध है।
हस्त ज्योतिष में कई रेखाओं का जिक्र है। यदि आप हस्त ज्योतिष में थोड़ी भी रूचि रखते हैं तो आपको हथेली पर बनने वाले कुछ रेखाओं के नाम व इनके प्रभावों के बारे में पता होगा। यदि आपको जरा सा भी इस बारे में जानकारी नहीं है तो हम आपको बता दें। हस्त ज्योतिष में हथेली पर बनी रेखाओं का विश्लेषण कर जातक के भविष्य के बारे में जानकारी दी जाती है। जिससे वह अपने आने वाले कल के बारे में जान सके और उसका लाभ उठा सके।
जिस तरह से हथेली पर करियर लेख, भाग्य रेखा, मष्तिष्क रेखा, जीवन रेखा के साथ ही हृदय रेखा पायी जाती है उसी तरह से हथेली पर विवाह रेखा भी पायी जाती है। इस रेखा के हथेल पर होने का सीधा संकेत है कि जातक का विवाह होगा। यदि किसी जातक के विवाह में देरी या अड़चने आ रही है तो हो सकता है कि उसके हथेली पर विवाह रेखा न हो या किसी तरह का दोष हो ऐसे में जातक को हस्त ज्योतिषविद से परामर्श लेकर उसका निवारण करना चाहिए। क्या आपके भी विवाह में हो रही है देरी? तो हो सकता है आपकी हथेली में विवाह रेखा न हो या किसी तरह की समस्या हो? अभी हस्तविद से परामर्श लेने के लिए यहां क्लिक करें।
हथेली में विवाह रेखा बहुत ही छोटी होती है लेकिन यह हर किसी के जीवन में बहुत प्रभावशाली व महत्व रखती है। हस्तशास्त्र में हाथ की रेखाओं का विश्लेषण करते समय हस्तविद विवाह रेखा की उपेक्षा नहीं करते हैं। हस्तविदों का कहना है कि जैसे हथेली के अन्य रेखाओं का महत्व है वैसे ही विवाह रेखा का भी महत्व है। इस रेखा पर किसी भी व्यक्ति का जीवन आधारित होता है। विवाह के बाद जातक का जीवन बदल जाता है। विवाह रेखा हृदय रेखा एवं जीवन रेखा की तरह गहरी एवं बड़ी नहीं होती है। विवाह रेखा बुध पर्वत से शुरु होकर अनामिका उंगली की तरफ जाती है। विवाह रेखा हृदय रेखा के ऊपर अनामिका उंगली के नीचे स्थित होती है।
विवाह रेखा का विश्लेषण करते समय हस्त ज्योतिषविद रेखा की संरचना के साथ ही वह कितना स्पष्ट दिखायी दे रही है, इसे भी देखते हैं। हस्तविदों का कहना है कि विवाह रेखा यदि स्पष्ट व लालिमा युक्त हो तो ऐसे में हस्त ज्योतिष का मानना है कि उस जातक का वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। साथी के साथ अच्छा तालमेल रहता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यही रेखा यदि खंडित व हल्की हो तो ऐसे में वैवाहिक जीवन में परेशानी आती है। यहां तक की विवाह संबंध खत्म भी हो सकता है यानी की तलाक तक की नौबत आ जाती है। समय रहते यदि इसका उपाय न किया गया तो परिणाम गंभीर हो जाते हैं। इसलिए किसी अनुभवी हस्तविद से परामर्श लेकर अपने जीवन को सवारे। हस्तविद से बात करने के लिए यहां क्लिक करें।