Navratri Ghatasthapana 2025: जानें शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना मुहूर्त, मां दुर्गा का वाहन और तिथियां

Sun, Sep 07, 2025
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Sun, Sep 07, 2025
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
Navratri Ghatasthapana 2025:  जानें शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना मुहूर्त, मां दुर्गा का वाहन और तिथियां

Navratri Ghatasthapana 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रि साल में कितनी बार आती है और इनमें से कौन-सी सबसे खास मानी जाती है? हिंदू पंचांग के अनुसार नवरात्रि वर्षभर में चार बार आती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि को विशेष महत्व दिया जाता है। खासकर शारदीय नवरात्रि, जो अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर शरद ऋतु में मनाई जाती है। इसी कारण इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।

इन नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है, और दसवें दिन विजयादशमी यानी दशहरा मनाकर इसका समापन होता है। यह पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि हमारे समाज और संस्कृति को भी एकजुट करने वाला उत्सव है, जो हर घर में भक्ति और उत्साह का नया रंग भर देता है।

एस्ट्रोयोगी मॉल से अब एस्ट्रोलॉजी गिफ्ट भेजना है आसान— अपने लव्ड वन्स को दें पॉजिटिव एनर्जी से भरा खास तोहफा! अभी भेजें और उन्हें फील कराएं स्पेशल!

शारदीय नवरात्रि 2025 कब है? (Shardiya Navratri Kab Hai)

साल 2025 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार, 22 सितंबर 2025 से होगी। पहले दिन कलश स्थापना (घटस्थापना) का विशेष महत्व होता है। इसी दिन से मां दुर्गा की पूजा-व्रत की शुरुआत की जाती है।

दुर्गा पूजा का आरंभ 28 सितंबर से महा षष्ठी के साथ होगा और इसके बाद सप्तमी, अष्टमी, नवमी के विशेष पर्व मनाए जाएंगे। अंत में 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी का उत्सव मनाकर नवरात्रि का समापन होगा।

कलश स्थापना (घटस्थापना) का महत्व (Navratri Sthapna Ka Mahatv)

कलश स्थापना नवरात्रि के प्रारंभ का प्रतीक होती है। इसे शुभता, समृद्धि और शक्ति का आह्वान माना जाता है। घर या मंदिर में मिट्टी का कलश स्थापित कर उसमें आम्रपल्लव, नारियल और जल भरकर देवी शक्ति को आमंत्रित किया जाता है।

मान्यता है कि कलश में देवी का वास होता है और पूरे नौ दिनों तक पूजा-अर्चना से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य बना रहता है।

शारदीय नवरात्रि 2025 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त (Navratri Sthapna Ka Shubh Muhurt)

  • तारीख: 22 सितंबर 2025 (सोमवार)

  • शुभ समय: सुबह 6:09 से 8:06 बजे तक (1 घंटा 56 मिनट)

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:49 से 12:38 बजे तक (49 मिनट)

सुबह का मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन जो लोग उस समय स्थापना नहीं कर पाएंगे वे अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2025 की तिथियां  (Shardiya Navratri 2025 dates)

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित होते हैं। हर दिन अलग देवी की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है।

  • 22 सितंबर – प्रतिपदा: मां शैलपुत्री की पूजा

  • 23 सितंबर – द्वितीया: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

  • 24 सितंबर – तृतीया: मां चंद्रघंटा की पूजा

  • 26 सितंबर – चतुर्थी: मां कूष्मांडा की पूजा

  • 27 सितंबर – पंचमी: मां स्कंदमाता की पूजा

  • 28 सितंबर – महा षष्ठी: मां कात्यायनी की पूजा

  • 29 सितंबर – महा सप्तमी: मां कालरात्रि की पूजा

  • 30 सितंबर – महा अष्टमी: मां महागौरी की पूजा

  • 1 अक्टूबर – महा नवमी: मां सिद्धिदात्री की पूजा

  • 2 अक्टूबर – विजयादशमी: दशहरा

यह भी पढ़ें: पायरेट स्टोन ब्रेसलेट कैसे पहनें? जानिए फायदे और सही तरीका

मां दुर्गा का आगमन 2025 में किस वाहन पर होगा? (Ma Durga vahan for 2025)

शास्त्रों में वर्णित है कि हर नवरात्रि में माता रानी अलग-अलग वाहन पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं। वर्ष 2025 में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पधारेंगी।

हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है। यह शांति, समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता है कि जब मां दुर्गा हाथी पर आती हैं तो वर्ष भर में धरती पर अन्न-धन की कोई कमी नहीं होती और सुख-समृद्धि का संचार होता है।

नवरात्रि में उपवास और पूजा का महत्व

नवरात्रि के नौ दिन उपवास रखने का विधान है। उपवास केवल भोजन की सीमितता नहीं बल्कि मन और आत्मा की शुद्धि का मार्ग है। भक्त इन दिनों सात्विक भोजन करते हैं और मां दुर्गा की आराधना में मन लगाते हैं।

  • सुबह और शाम आरती करना

  • देवी के मंत्रों का जाप

  • कन्या पूजन और प्रसाद का वितरण

  • जरूरतमंदों को दान देना

ये सभी कार्य नवरात्रि में किए जाते हैं। माना जाता है कि इनसे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं।

विजयादशमी का महत्व

नवरात्रि के समापन पर विजयादशमी का पर्व आता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर पर विजय पाई थी।

इस दिन देशभर में रामलीला और रावण दहन का आयोजन होता है। लोग अपने जीवन में नकारात्मकता और बुराइयों को त्यागकर सकारात्मकता अपनाने का संकल्प लेते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2025 क्यों है खास?

  • यह सोमवार से शुरू हो रही है, जिसे मां दुर्गा का प्रिय दिन माना जाता है।

  • इस बार माता हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जो बेहद शुभ संकेत है।

  • पूरे नौ दिनों तक पूजा और व्रत करने से घर में शांति, उन्नति और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलेगा।

शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर से होगी और 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ समाप्त होगी। इस बार घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:09 से 8:06 बजे तक रहेगा। मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जिससे यह नवरात्रि और भी विशेष मानी जा रही है।

यह पर्व केवल देवी की आराधना का नहीं बल्कि आत्मशुद्धि, संयम और सकारात्मकता को जीवन में लाने का अवसर है। नवरात्रि के नौ दिन श्रद्धा और भक्ति से मां दुर्गा के चरणों में अर्पित करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से भरें।

किसी भी तरह की ज्योतिषीय हेल्प चाहिए? तो अभी बात करें एस्ट्रोयोगी के टॉप एस्ट्रोलॉजर्स से – समाधान सिर्फ एक कॉल दूर

article tag
Vedic astrology
article tag
Vedic astrology
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!