क्या आपको कभी किसी की नजर लगी है? अगर नहीं लगी तो, आपने किसी को यह कहते जरूर सुना होगा कि मुझे किसी की नजर लग गई है और आप इस बात पर हसते हुए कहे होगें कि यह तो अंधविश्वास है। क्या वाकई नजर लगना अंधविश्वास है? इस लेख में हम इसी विषय पर बात करेंगे।
हर धर्म, पंथ, समाज में नजर दोष को अलग तरह से बतलाई जाती है। कहीं इसे नजर लगना कहते हैं तो कहीं इसे दैत्य की नजर भी कहा जाता है। लेकिन असल में नजर लगना है क्या? किसी व्यक्ति का किसी वस्तु या व्यक्ति को बुरे मन से देखना ये है नजर लगना? नजर लगने के दुष्प्रभाव वृद्ध, बच्चों, स्त्री और पुरुषों में अलग-अलग नजर आते हैं। क्या आप जानते हैं? नजर लगना एक तरह से नकारात्मक ऊर्जा का एक घेरा जैसा है, जो व्यकित को कई प्रकार से प्रभावित करता है।
यदि आप नजर को अंधविश्वास समझते हैं और मानते हैं कि ऐसी घटना का कोई तार्किक अस्तित्व नहीं है, तो हो सकता है कि आपको यह ज्ञात न हो कि आध्यात्मिक आयाम के अनेक पहलू हम पर सीधा प्रभाव डालते हैं। किसी अन्य व्यक्ति द्वारा संक्रमित तरंगों से पीड़ित होने की प्रक्रिया को नजर शब्द से जाना जाता है। कोई अन्य व्यक्ति जानबूझ कर अथवा अनजाने में हमें अपने नजर से प्रभावित कर सकता है। जी हां आपने सही पढ़ा, दरअसल आज के प्रतियोगी जीवन में अधिकतर लोग ईर्ष्या, द्वेष, प्रसिद्धि की चाह आदि जैसे दोषों से पीड़ित हैं। उनके अवगुण से जनित तरंगों का हम पर आध्यात्मिक रूप से कष्टदायक प्रभाव पड़ता है और इसी प्रभाव को सामान्य शब्द में नजर लगना कहते हैं।
नजर कैसे लगती है?
सरल शब्दों में कहें तो नजर किसी व्यक्ति की इच्छा से संचारित तरंग, किसी दूसरे व्यक्ति पर पड़ती है इससे उसे नजर लग जाती है। जो शक्ति अन्य व्यक्ति की ओर प्रवाहित होती है वह रज-तम प्रधान है तथा वह उसके तन, मन, प्राण एवं विवेक को प्रभावित करती है। इससे व्यक्ति के चारों ओर कष्टदायक वातावरण का निर्माण होता है, फलतः उसे कष्ट अनुभव होता है।
इच्छा द्वारा जनित विचारों से
कई बार जब हम किसी मुस्कुराते हुए स्वस्थ शिुशु को देखता है तो अनजाने में ही हमारे मन में इच्छा संबंधी विचार आते हैं। ये विचार चूंकि रज-तम प्रधान होते हैं, शिशु पर इसका तुरंत दुष्प्रभाव होता है क्योंकि नवजात का शरीर अतिसंवेदनशील होता है।
ईर्ष्या युक्त विचारों से
किन्हीं परिस्थितियों में कोई व्यक्ति अथवा कोई अनिष्ट शक्ति; किसी अन्य व्यक्ति, प्राणी अथवा वस्तु के संबंध में अयोग्य विचार करते हैं अथवा उनकी उन्नति से उनके मन में ईर्ष्या या द्वेष की भावना पैदा होती है। तब ऐसी स्थिति में उत्पन्न नकारात्मक तरंगें व्यक्ति, प्राणी अथवा वस्तु को प्रभावित करती हैं।
काले जादू के कारण
कालाजादू से हम सब परिचित हैं। इसका प्रयोग तब किया जाता है, जब किसी दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से विशिष्ट मंत्रों एवं साधनों का प्रयोग किया जाता है। समाज के कुछ लोग एवं कुछ अनिष्ट शक्तियां काले जादू की विधि का उपयोग करती हैं। क्या है आपके कुंडली में विषकन्या दोष? जानने के लिए बात करें इंडिया के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर से।
अगर किसी व्यक्ति को नजर लग जाए तो उसे उतारने के कई तरीके उपलब्ध हैं। लाल मिर्च, लौंग, काली मिर्च, नमक, आग, दिया-बत्ती आदि का इस्तेमाल कर नजर उतारी जाती है। परंतु बच्चों की नजर उतारने के लिए लाल मिर्च का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका धस्का बच्चे को नुकसान पहुंचाता है। बच्चों की नजर उतारने के लिए नमक, पानी, बत्ती वाले उपायों का ही प्रयोग करें।
लाल मिर्च और पानी
नजर उतारनी हो तो जग में पानी भरें और इसमें चार लाल मिर्च लें । इसके बीज अलग निकालकर रख दें । अब इस पानी को, जिसकी नजर उतारनी है उसके ऊपर से 7 बार उतार लें । अब इस पानी को घर के बाहर किसी भी सड़क पर फेंक दें । ऐसा करने से नजर दोष दूर होता है । नमक का इस्तेमाल भी नजर लगने पर किया जाता है । इसके लिए मुठ्ठी में नमक लें । अब इस मुठ्ठी से व्यक्ति की नजर उतारे और चलते पानी में नमक को प्रवाहित कर दें, बुरी नजर दूर हो जाएगी ।
नमक और पानी
अगर आपके घर में कोई ऊपरी साया है तो आप नमक और पानी का एक टोटका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस टोटके के लिए आपको एक कांच का गिलास लेना है, इसमें पानी भरें और अब इसको घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में रख दें, अब इस पानी वाले गिलास के पीछे एक पीले रंग का बल्ब लगा दें। ऐसा करने पर आप अपने घर को बुरी नजर के साथ बुरे साए से भी बचा कर रख सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को नजर दोष से बचाने का उपाय
गर्भवती महिला या नई प्रसूता जब भी घर से किसी काम के लिए निकलें तो वे अपने साथ एक धारदार चाकू अवश्य रखें। इसके अलावा नीम के पत्ते का प्रयोग भी कर सकती हैं। घर आने पर नीम के पत्तों को जला दें। ये हर तरह की बुरी नजर से गर्भवती महिला व नई प्रसूता को सुरक्षित करता है।