ज्योतिष शास्त्र के विशाल सागर में अनेक छोटी बड़ी नदियां जाकर मिलती हैं। सामुद्रिकशास्त्र उन्हीं नदियों में से एक है। इसके तहत हमारी हस्तरेखाओं का अध्ययन कर संपूर्ण जीवन की जानकारी मिल सकती है। मान्यता है कि जातक की हथेली में मौजूद रेखाएं, पर्वत, चिह्न, नाखून, अंगूठे व अंगुलियों की बनावट के अनुसार जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जा सकता है। इतना ही नहीं जातक की रूचि किस क्षेत्र में होगी और किस क्षेत्र में वह बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है इसकी जानकारी भी हथेली की रेखाएं देती हैं। आइये जानते हैं कि कैसे हस्तरेखा विज्ञान से हम अपने करियर की दिशा चुन सकते हैं। या हथेली की रेखाएं हमें किस दिशा में करियर बनाने के लिये संकेत करती हैं।
जिन जातकों की हथेली में मस्तिष्क की रेखा स्पष्ट तथा गहरी हो साथ ही भाग्य और सूर्य रेखा भी हथेली में मौजूद हों तो उस जातक के शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की संभावनाएं प्रबल होती हैं। यदि इन सब के साथ हथेली में गुरू पर्वत उभरा हुआ हो तो कहने ही क्या ऐसे जातक शिक्षक बनने का प्रयास कर सकते हैं सफलता मिलने के पूरे-पूरे आसार होते हैं।
जो जातक चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के इच्छुक हैं उन्हें कड़ी मेहनत तो करनी पड़ती ही है लेकिन यदि उनकी हथेली में बुध पर्वत सपष्ट रूप से उभरा हुआ दिखाई देता हो और तीन चार खड़ी रेखाएं भी इसमें हों इस क्षेत्र में करियर बनाने में भाग्य भी इनका साथ देता है। हालांकि कनिष्ठिका अंगुली का अनामिका के तीसरे पर्व को छूना भी इसमें देखा जाता है। यदि इन सब के साथ मंगल पर्वत में भी उभार दिखाई दे तो आपके सर्जन बनने की संभावनाएं काफी प्रबल हो जाती हैं। सूर्य रेखा की सपष्टता भी बतौर चिकित्सक आपको प्रसिद्धि दिला सकती है।
जिन जातकों की हथेली में शनि पर्वत उभरा हुआ हो और साथ ही उसमें अनेक खड़ी रेखाएं विद्यमान हों तो ऐसे जातक अभियांत्रिकी यानि इंजीनयरिंग के क्षेत्र में अपना करियर खोज सकते हैं लेकिन शनि पर्वत में उभार व खड़ी रेखाओं के साथ ही भाग्य रेखा का इस पर्वत से मिलन होना भी इसके लिये आवश्यक संभावनाएं बनाता है।
आम तौर हथेली में अंगूठा 90 के कोण में आसानी से रहता है लेकिन यदि इससे अधिक कोण जिन जातकों का अंगूठा बनाता है और जिनकी कनिष्ठिका अंगुली सामान्य से लंबी होती है व साथ ही मस्तिष्क रेखा साफ दिखाई देती हो तो ऐसे जातक स्वयं का व्यवसाय करने में रूचि रख सकते हैं। इनके साथ ही बुध सूर्य और शनि पर्वत भी अगर ऊभरे हुए हों तो ऐसे जातक कोई बड़ा उद्योग लगाने में भी कामयाब होते हैं।
यदि आपकी कनिष्ठिका अनामिका के तीसरे पोर को छुए या उससे भी आगे निकल जाये व सूर्य रेखा गहरी और सूर्य पर्वत उभरा हुआ हो, अन्यथा सूर्य पर्वत पर त्रिभुज, चतुर्भुज, नक्षत्र आदि चिह्न विद्यमान हों तो ऐसे जातक प्रशासनिक सेवाओं में उच्च पदस्थ अधिकारी के रूप में अपना करियर देख सकते हैं। यदि मंगल पर्वत या जीवन रेखा से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत को छु रही हो तो ऐसे जातक भी उच्च अधिकारी बन सकते हैं।
यदि आपकी हथेली में सूर्य रेखा पर कोई वृत या चतुर्भुज बने हुए हों जिनकी एक शाखा मंगल पर्वत तो दूसरी मस्तिष्क रेखा से मिलती हो तो ऐसे व्यक्तियों को राजनीति के क्षेत्र में सफलता मिलने की अपार संभावनाएं होती हैं।
जिन जातकों की हथेली में अंगुलिया कोमल व ढलवां प्रतीत होती हों और अनामिका की लंबाई अधिक न हो साथ ही सूर्य एवं शुक्र पर्वत उभरे दिखाई दे रहे हों व सूर्य और भाग्य रेखा दोष रहित हों तो ऐसे जातक अभिनय के क्षेत्र में सुर्खियां बटौरते, लोकप्रियता हासिल करते हैं।