Pitru Paksha Shradhh 2024: यहां जान लें श्राद्ध की सही तिथि! पितृ पक्ष में भूलकर भी न करें ये काम।

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Pitru Paksha Shradhh 2024: यहां जान लें श्राद्ध की सही तिथि! पितृ पक्ष में भूलकर भी न करें ये काम।

Pitru Paksha Shradh 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होता है और अश्विन माह की अमावस्या पर समाप्त होता है। इस समय के दौरान, व्यक्ति अपने पूर्वजों के सम्मान में पिंडदान और श्राद्ध जैसे अनुष्ठानों में शामिल होते हैं। पितृ पक्ष के दौरान, पूर्वजों की आत्माएं अपने परिवार के सदस्यों के साथ पुनर्मिलन के लिए पृथ्वी पर आती हैं। इस अवधि के दौरान, भक्त अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए पिंडदान (चावल के गोले चढ़ाना) और तर्पण (जल चढ़ाना) जैसे अनुष्ठान आयोजित करते हैं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि पिंडदान और श्राद्ध समारोह करने का विशिष्ट समय पूर्वजों की मृत्यु की तारीख के आधार पर निर्धारित किया जाता है। तो चलिए जानते हैं पितृ पक्ष 2024 की तिथियां, और पितृ पक्ष श्राद्ध पूजा के बारे में।

पितृ पक्ष 2024 की तिथियां (pitru paksha 2024 start date and time in hindi)

हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल 2024 में श्राद्ध 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30 सितंबर, से लेकर 1 और 02 अक्टूबर 2024 तक चलेंगे।

कब हैं पितृ पक्ष 2024 की तिथियां?

  • 17 सितंबर 2024, मंगलवार: पूर्णिमा श्राद्ध

  • 18 सितंबर 2024, बुधवार: प्रतिपदा श्राद्ध 

  • 19 सितंबर 2024, गुरुवार: द्वितीया श्राद्ध

  • 20 सितंबर 2024, शुक्रवार: तृतीया श्राद्ध

  • 21 सितंबर 2024, शनिवार: चतुर्थी श्राद्ध

  • 22 सितंबर 2024, रविवार: पंचमी श्राद्ध

  • 23 सितंबर 2024, सोमवार: षष्ठी श्राद्ध, सप्तमी श्राद्ध

  • 24 सितंबर 2024, मंगलवार: अष्टमी श्राद्ध

  • 25 सितंबर 2024, बुधवार: नवमी श्राद्ध

  • 26 सितंबर 2024, गुरुवार: दशमी श्राद्ध

  • 27 सितंबर 2024, शुक्रवार: एकादशी श्राद्ध

  • 29 सितंबर 2024, रविवार: द्वादशी श्राद्ध

  • 30 सितंबर 2024, सोमवार: त्रयोदशी श्राद्ध

  • 01 अक्टूबर 2024, मंगलवार: चतुर्दशी श्राद्ध

  • 02 अक्टूबर 2024, बुधवार: सर्व पितृ अमावस्या

नोट: साल 2024 में 28 सितंबर के दिन कोई श्राद्ध नहीं है।

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पितृपक्ष 2024 की महत्वपूर्ण तिथियां

भरणी श्राद्ध: हिन्दू पंचांग के अनुसार, भरणी श्राद्ध 21 सितंबर 2024 को चतुर्थी श्राद्ध पर होगा। इस दिन श्राद्ध कर्म व तर्पण इत्यादि करने से व्यक्ति को पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।

नवमी श्राद्ध: शास्त्रों में नवमी श्राद्ध को मातृ श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। इस दिन मातृ यानी माता, दादी, नानी के लिए पिंडदान व श्राद्ध किया जाता है।

सर्व पितृ अमावस्या: शास्त्रों में बताय गया है कि जिन जातकों को अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि याद नहीं है, उन्हें सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध, पिंडदान व तर्पण इत्यादि करना चाहिए।

पितृ पक्ष श्राद्ध पूजा

पितृ पक्ष श्राद्ध पूजा करना अपने मृत पूर्वजों को सम्मान देने और याद रखने का एक पारंपरिक हिंदू अनुष्ठान है। यह समारोह आम तौर पर पितृ पक्ष अवधि के दौरान आयोजित किया जाता है।

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अपने पितर का श्राद्ध कैसे करें? (pitru paksha shradh rituals in hindi)

सही तिथि का चुनाव करें: चंद्र कैलेंडर और अपने पूर्वजों के निधन की तारीख के आधार पर श्राद्ध समारोह करने के लिए तिथि निर्धारित करें। आमतौर पर, यह पितृ पक्ष अवधि के भीतर आता है।

आह्वान और प्रार्थनाएँ: भगवान विष्णु और समारोह से जुड़े अन्य देवताओं के आशीर्वाद का आह्वान करके अनुष्ठान शुरू करें। पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए पवित्र मंत्रों और प्रार्थनाओं का जाप करें।

पिंडदान: पके हुए चावल और काले तिल से बने चावल के पिंड तैयार करें। इन पिंडों को एक विशेष थाली या केले के पत्ते पर रखकर अपने पितरों को अर्पित करें। तर्पण करते समय उन दिवंगत आत्माओं के नाम का उच्चारण करें जिनका आप सम्मान कर रहे हैं।

तर्पण: अपने पितरों को जल अर्पित करके तर्पण अनुष्ठान करें।

भोजन प्रसाद: ऐसा भोजन या खाद्य पदार्थ तैयार करें जिसका आनंद आपके पूर्वजों ने अपने जीवनकाल के दौरान लिया था। इस भोजन को उनकी तस्वीरों या मूर्तियों के सामने रखकर उनकी आत्माओं को अर्पित करें।

दक्षिणा : यदि आपके पास समारोह का संचालन करने वाला कोई पुजारी या ब्राह्मण है, तो उन्हें उनकी सेवाओं के लिए दक्षिणा प्रदान करें।

जरूरतमंदों को खाना खिलाना: इस श्राद्ध कर्म के बाद, अपने पूर्वजों के लिए आशीर्वाद मांगने के तरीके के रूप में जरूरतमंदों को खाना खिलाना एक आम बात है।

पितृपक्ष में क्या करना चाहिए?

पितृपक्ष एक ऐसा अवसर होता है जब आप अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. यही कारण है कि इस दिन कुछ खास नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि आपको पितृपक्ष में क्या करना चाहिए। पितृ पक्ष में उस व्यक्ति को बिल्कुल साधारण रहना चाहिए जो पितरों का श्राद्ध करता है। आपको इस दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए। सादा जीवन व सादा आहार आपके लिए इस समय सबसे अच्छा होता है। पितृ पक्ष की पूजा में आपको कुछ ऐसे फूलों का उपयोग करना चाहिए जो हल्के रंग वाले और सुगंधित होते हैं। पितरों का तर्पण या पिंड दान आपको हमेशा दक्षिण दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में आपको ब्रह्मचार्य का पालन भी करना चाहिए। इसके साथ ही एक ऐसे ब्राह्मण को भोजन करवाना चाहिए जो किसी अधर्मी या अनैतिक कार्य में शामिल न हो और शिखा भी रखता हो।

पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए?

कुछ चीजें ऐसी हैं जो आपको पितृ पक्ष में नहीं करनी चाहिए। इसमें प्याज़, लहसुन, मास, या मदिरा का सेवन करना बिल्कुल वर्जित होता है। इसके साथ ही श्राद्ध वाले दिन दूध का उपयोग भी कम से कम करना चाहिए। इस दिन किसी ऐसे ब्राह्मण को भोजन करवाना भी गलत माना जाता है जो किसी और के घर से भोजन करके आया हो। इससे आपको दोष लग सकता है। श्राद्ध पर आप किसी दूसरे व्यक्ति के घर बने भोजन का उपयोग नहीं कर सकते हैं और न ही उसका दान दे सकते हैं।
 

अगर आप श्राद्ध 2024 से जुड़े व्यक्तिगत उपाय जानना चाहते हैं या पितृ पक्ष में कोई विशेष पूजा करवाना चाहते हैं तो आप हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से संपर्क कर सकते हैं और उनसे जरूरी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

 

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