Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को आता है, जो कि चंद्रमा की वृद्धि और घटने के बीच का समय है। इस लेख में हम 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियों, महत्व और विधि के बारे में जानेंगे।
प्रदोष व्रत का महत्व बहुत अधिक है। यह व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है, और इस दिन विशेष रूप से शिव पूजा करना अत्यधिक लाभदायक माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
यहां नीचे साल 2025 में प्रदोष व्रतों की तिथियां और समय दिया गया है। जिसके माध्यम से आप इन व्रतों का लाभ उठा सकते हैं।
जनवरी 2025 में, हिंदू पंचांग के अनुसार, 11 और 27 जनवरी को प्रदोष व्रत होगा। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए किया जाता है, जिसमें भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं। 11 जनवरी को शनि प्रदोष व्रत और 27 जनवरी को सोम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
शनि प्रदोष व्रत: 11 जनवरी 2025, शनिवार, शाम 06:00 बजे से रात 08:38 बजे तक।
त्रयोदशी: पौष, शुक्ल त्रयोदशी : 11 जनवरी 2025, सुबह 08:21 से 12 जनवरी 2025, सुबह 06:33 बजे तक।
सोम प्रदोष व्रत: 27 जनवरी 2025, सोमवार, शाम 06:11 बजे से रात 08:34 बजे तक।
त्रयोदशी: माघ, कृष्ण त्रयोदशी : 26 जनवरी 2025 रात 08:54 बजे से, 27 जनवरी 2025, सुबह 08:34 बजे तक।
फरवरी 2025 में, 9 और 25 फरवरी को प्रदोष व्रत की तिथियां निर्धारित की गई हैं। 9 फरवरी को रवि प्रदोष व्रत होगा, जो विशेष रूप से रविवार के दिन मनाया जाता है। इसके बाद, 25 फरवरी को भौम प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाएगा। ये दोनों व्रत भक्तों के लिए कल्याणकारी होते हैं।
रवि प्रदोष व्रत: 9 फरवरी 2025, रविवार, शाम 07:25 बजे से रात 08:52 बजे तक।
त्रयोदशी: माघ, शुक्ल त्रयोदशी : 9 फरवरी 2025, शाम 07:25 से 10 फरवरी 2025, शाम 06:57 बजे तक।
भौम प्रदोष व्रत: 25 फरवरी 2025, मंगलवार, शाम 06:28 बजे से रात 08:57 बजे तक।
त्रयोदशी: फाल्गुन, कृष्ण त्रयोदशी : 25 फरवरी 2025, दोपहर 12:47 से 26 फरवरी 2025, सुबह 11:08 बजे तक।
मार्च 2025 में, 11 और 27 मार्च को प्रदोष व्रत का आयोजन होगा। 11 मार्च को भौम प्रदोष व्रत और 27 मार्च को गुरु प्रदोष व्रत होगा। ये व्रत भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, जिससे उनका जीवन और भी सुखमय हो जाता है।
भौम प्रदोष व्रत: 11 मार्च 2025, मंगलवार, शाम 06:34 बजे से रात 08:59 बजे तक।
त्रयोदशी: फाल्गुन, शुक्ल त्रयोदशी : 11 मार्च 2025, सुबह 08:13 से 12 मार्च 2025, सुबह 09:11 बजे तक।
गुरु प्रदोष व्रत: 27 मार्च 2025, बृहस्पतिवार, शाम 06:41 बजे से रात 09:01 बजे तक।
त्रयोदशी: चैत्र, कृष्ण त्रयोदशी : 27 मार्च 2025, सुबह 01:42 से रात 11:03 बजे तक।
अप्रैल 2025 में, 10 और 25 अप्रैल को प्रदोष व्रत मनाए जाएंगे। 10 अप्रैल को गुरु प्रदोष व्रत और 25 अप्रैल को शुक्र प्रदोष व्रत होगा। इन दिनों भक्त भगवान शिव की आराधना करके अपने सभी दुखों का निवारण करने का प्रयास करते हैं।
गुरु प्रदोष व्रत: 10 अप्रैल 2025, बृहस्पतिवार, शाम 06:46 बजे से रात 09:03 बजे तक।
त्रयोदशी: चैत्र, शुक्ल त्रयोदशी : 9 अप्रैल 2025, रात 10:55 से 11 अप्रैल 2025, सुबह 01:00 बजे तक।
शुक्र प्रदोष व्रत: 25 अप्रैल 2025, शुक्रवार, शाम 06:52 बजे से रात 09:05 बजे तक।
त्रयोदशी: वैशाख, कृष्ण त्रयोदशी : 25 अप्रैल 2025, दोपहर 11:44 से 26 अप्रैल 2025, सुबह 08:27 बजे तक।
मई 2025 में, 9 और 24 मई को प्रदोष व्रत की तिथियां हैं। 9 मई को शुक्र प्रदोष व्रत होगा, और 24 मई को शनि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। ये व्रत विशेष तौर पर भक्तों के लिए सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
शुक्र प्रदोष व्रत: 9 मई 2025, शुक्रवार, शाम 06:58 बजे से रात 09:08 बजे तक।
त्रयोदशी: वैशाख, शुक्ल त्रयोदशी : 9 मई 2025, दोपहर 02:56 से 10 मई 2025, शाम 05:29 बजे तक।
शनि प्रदोष व्रत: 24 मई 2025, शनिवार, शाम 07:20 बजे से रात 09:13 बजे तक।
त्रयोदशी: ज्येष्ठ, कृष्ण त्रयोदशी : 24 मई 2025, शाम 07:20 से 25 मई 2025, दोपहर 03:51 बजे तक।
जून 2025 में, 8 और 23 जून को प्रदोष व्रत का आयोजन होगा। 8 जून को रवि प्रदोष व्रत और 23 जून को सोम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इन व्रतों के माध्यम से भक्त अपनी जीवनशैली में सकारात्मकता लाने की कोशिश करते हैं।
रवि प्रदोष व्रत: 8 जून 2025, रविवार, शाम 07:12 बजे से रात 09:17 बजे तक।
त्रयोदशी: ज्येष्ठ, शुक्ल त्रयोदशी : 8 जून 2025, सुबह 07:17 से 9 जून 2025, सुबह 09:35 बजे तक।
सोम प्रदोष व्रत: 23 जून 2025, सोमवार, शाम 07:16 बजे से रात 09:21 बजे तक।
त्रयोदशी: आषाढ़, कृष्ण त्रयोदशी : 23 जून 2025, सुबह 01:21 से रात 10:09 बजे तक।
जुलाई 2025 में, 8 और 22 जुलाई को प्रदोष व्रत होंगे। 8 जुलाई को भौम प्रदोष व्रत और 22 जुलाई को भी भौम प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाएगा। ये दिन भक्तों के लिए विशेष लाभकारी माने जाते हैं।
भौम प्रदोष व्रत: 8 जुलाई 2025, मंगलवार, शाम 07:17 बजे से रात 09:23 बजे तक।
त्रयोदशी: आषाढ़, शुक्ल त्रयोदशी : 7 जुलाई 2025, रात 11:10 से 9 जुलाई 2025, सुबह 12:38 बजे तक।
भौम प्रदोष व्रत: 22 जुलाई 2025, मंगलवार, शाम 07:13 बजे से रात 09:21 बजे तक।
त्रयोदशी: श्रावण, कृष्ण त्रयोदशी : 22 जुलाई 2025, सुबह 07:05 से 23 जुलाई 2025, सुबह 04:39 बजे तक।
अगस्त 2025 में, 6 और 20 अगस्त को प्रदोष व्रत होगा। 6 अगस्त को बुध प्रदोष व्रत और 20 अगस्त को भी बुध प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इन व्रतों का विशेष महत्व है, और भक्तों को इनका पालन करने से जीवन में शांति मिलती है।
बुध प्रदोष व्रत: 6 अगस्त 2025, बुधवार, शाम 07:06 बजे से रात 09:17 बजे तक।
त्रयोदशी: श्रावण, शुक्ल त्रयोदशी : 6 अगस्त 2025, दोपहर 02:08 से 7 अगस्त 2025, दोपहर 02:27 बजे तक।
बुध प्रदोष व्रत: 20 अगस्त 2025, बुधवार, शाम 06:55 बजे से रात 09:09 बजे तक।
त्रयोदशी: भाद्रपद, कृष्ण त्रयोदशी : 20 अगस्त 2025, दोपहर 01:58 से 21 अगस्त 2025, दोपहर 12:44 बजे तक।
सितंबर 2025 में, 5 और 19 सितंबर को प्रदोष व्रत होंगे। 5 सितंबर को शुक्र प्रदोष व्रत और 19 सितंबर को भी शुक्र प्रदोष व्रत का आयोजन होगा। इन व्रतों के माध्यम से भक्त समर्पण के साथ भगवान शिव की आराधना करते हैं।
शुक्र प्रदोष व्रत: 5 सितंबर 2025, शुक्रवार, शाम 06:40 बजे से रात 08:58 बजे तक।
त्रयोदशी: भाद्रपद, शुक्ल त्रयोदशी : 5 सितंबर 2025, सुबह 04:08 से 6 सितंबर 2025, सुबह 03:12 बजे तक।
शुक्र प्रदोष व्रत: 19 सितंबर 2025, शुक्रवार, शाम 06:26 बजे से रात 08:48 बजे तक।
त्रयोदशी: आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी : 18 सितंबर 2025, रात 11:24 से 19 सितंबर 2025, रात 11:36 बजे तक।
अक्टूबर 2025 में, 4 और 18 अक्टूबर को प्रदोष व्रत मनाए जाएंगे। 4 अक्टूबर को शनि प्रदोष व्रत और 18 अक्टूबर को भी शनि प्रदोष व्रत होगा। इन व्रतों का उद्देश्य जीवन में सुख-समृद्धि लाना है।
शनि प्रदोष व्रत: 4 अक्टूबर 2025, शनिवार, शाम 06:11 बजे से रात 08:37 बजे तक।
त्रयोदशी: आश्विन, शुक्ल त्रयोदशी : 4 अक्टूबर 2025, शाम 05:09 से 5 अक्टूबर 2025, दोपहर 03:03 बजे तक।
शनि प्रदोष व्रत: 18 अक्टूबर 2025, शनिवार, शाम 05:59 बजे से रात 08:28 बजे तक।
त्रयोदशी: कार्तिक, कृष्ण त्रयोदशी : 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:18 से 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 01:51 बजे तक।
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नवंबर 2025 में, 3 और 17 नवंबर को प्रदोष व्रत का आयोजन होगा। 3 नवंबर को सोम प्रदोष व्रत और 17 नवंबर को भी सोम प्रदोष व्रत होगा। भक्त इस दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
सोम प्रदोष व्रत: 3 नवंबर 2025, सोमवार, शाम 05:48 बजे से रात 08:20 बजे तक।
त्रयोदशी: कार्तिक, शुक्ल त्रयोदशी : 3 नवंबर 2025, सुबह 04:47 से 4 नवंबर 2025, सुबह 02:27 बजे तक।
सोम प्रदोष व्रत: 17 नवंबर 2025, सोमवार, शाम 05:38 बजे से रात 08:12 बजे तक।
त्रयोदशी: मार्गशीर्ष, कृष्ण त्रयोदशी : 16 नवंबर 2025, रात 11:36 से 18 नवंबर 2025, सुबह 01:16 बजे तक।
दिसंबर 2025 में, 2 और 17 दिसंबर को प्रदोष व्रत होंगे। 2 दिसंबर को शनि प्रदोष व्रत और 17 दिसंबर को सोम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इन व्रतों के माध्यम से भक्त अपने परिवार और समाज के लिए खुशियों की कामना करते हैं।
शनि प्रदोष व्रत: 2 दिसंबर 2025, मंगलवार, शाम 05:31 बजे से रात 08:04 बजे तक।
त्रयोदशी: मार्गशीर्ष, शुक्ल त्रयोदशी : 2 दिसंबर 2025, दोपहर 03:29 से 3 दिसंबर 2025, दोपहर 04:16 बजे तक।
सोम प्रदोष व्रत: 17 दिसंबर 2025, मंगलवार, शाम 05:24 बजे से रात 07:57 बजे तक।
त्रयोदशी: पौष, कृष्ण त्रयोदशी : 17 दिसंबर 2025, सुबह 10:03 से 18 दिसंबर 2025, सुबह 09:48 बजे तक।
स्नान: प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
पूजा: भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
दीप जलाएं: दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
श्रद्धा पूर्वक पूजा करें: भगवान शिव की स्तुति और मंत्रों का जाप करें।
प्रदोष काल का ध्यान रखें: प्रदोष काल के समय विशेष पूजा का महत्व है।
प्रदोष व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक बल देता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी लाता है। साल 2025 में प्रदोष व्रत के दिनों को ध्यान में रखकर पूजा विधि को सही से पालन करें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।