Rajyog in kundli : ज्योतिशास्त्र के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली उसके जन्म और तिथि के आधार पर अलग होती है। यही कारण है कि कुछ लोगों की कुंडली में ग्रहों की दशा शुभ होती है। वहीं कुछ लोगों की कुंडली में ग्रहों की दशा अशुभ होती है।
यह सभी ग्रह दशाएं शुभ और अशुभ परिणाम देती हैं, जो जातक के समस्त जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। अगर जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी होती है तो उसके हर बिगड़े काम बन जाते हैं, वह जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने लगता है। दूसरी ओर यदि ग्रहों की स्थिति शुभ न हो तो यह जीवन में उथल पुथल मचा देती है। ज्योतिष की मानें तो व्यक्ति के जीवन से जुड़े हर छोटे और बड़े परिणाम इन्हीं ग्रहों पर निर्भर करते हैं।
इसी प्रकार ग्रहों की दशा किसी जातक की कुंडली में राजयोग का भी निर्माण करती है। इस लेख में हम जानेंगे कि राजयोग क्या होता है, उसके क्या संकेत हैं और जिनकी कुंडली में राजयोग (rajyog in kundali) नहीं है वो इसे प्राप्त करने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं।
किसी भी जातक की कुंडली में राजयोग ग्रहों के संयोजन पर निर्भर करता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राजयोग (rajyog in kundali) होता है तो उसका जीवन एक राजा की तरह गुजरता है। यह एक ऐसा योग है जो व्यक्ति की किस्मत बदल सकता है। यह योग आपके सारे काम बना सकता है, और आपको सभी प्रकार की भौतिक सुख-सुविधाएं भी प्रदान कर सकता है।
आप जीवन में जो भी काम करेंगे चाहें वो व्यापार से जुड़ा हो या निजी जीवन से, आपको सफलता मिलनी तय है। कुंडली में मौजूद राजयोग लव, करियर, व्यापार और वित्त से संबंधित सभी क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यह योग तब बनता है जब आपकी कुंडली में ग्रह किन्हीं विशेष परिस्थितियों में होते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो आप कुछ उपायों के माध्यम से अपनी कुंडली में ग्रहों की स्थिति बदल सकते हैं।
राजयोग दुर्लभ और सबसे शुभ योग होता है। ज्योतिशास्त्र के अनुसार, राजयोग के लिए किसी जातक की कुंडली के नौवें और दसवें भाव में मौजूद ग्रहों का शुभ होना अत्यंत आवश्यक होता है।
इसके अलावा भृगु वेद में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि बुध और चंद्रमा जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थिति में हो तो यह राजयोग बनाता है। यह योग व्यक्ति को सभी तरह के सुख प्रदान करता है और राजाओं वाली जीवनशैली भी देता है।
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पूरे 21 शुक्रवार तक मां दुर्गा का उपवास करें और पूरी श्रद्धा से साथ उनकी पूजा करें। मां दुर्गा को पूजा में सुहाग की सभी वस्तुएं चढ़ाएं और साथ ही लौंग, कपूर व लाल फूल भी सामग्री में शामिल करें। यह उपाय आपकी कुंडली में राजयोग की स्थिति को मजबूत करता है। इसके अलावा आप एक और असरदार उपाय भी कर सकते हैं।
आप रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा कर सकते हैं। किसी जातक की कुंडली में सूर्य मान, पद और प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा माना जाता है कि रविवार को पूजा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और कुंडली में राजयोग के निर्माण में सहायता करते हैं। सुबह उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य को जल चढ़ाएं। याद रहे जल तांबे के लोटे से चढ़ाएं और उसमें कुमकुम भी मिलाएं। जल चढ़ाने के बाद बचे हुए कुमकुम से अपने भी तिलक लगाएं। इसके साथ ही लाल वस्त्र, गेंहू या तांबे के बर्तन का दान भी कर सकते हैं। यह उपाय आपकी कुंडली में राजयोग का निर्माण कर सकते हैं और आपके मान-सम्मान व शौहरत में वृद्धि कर सकते हैं।
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