अयोध्या ही नहीं देश के इन 10 जगहों पर पूजे जाते हैं श्रीराम

Thu, Apr 02, 2020
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अयोध्या ही नहीं देश के इन 10 जगहों पर पूजे जाते हैं श्रीराम

70 साल पुराना और 40 दिन तक चली सुनवाई के बाद आखिरकार बीते शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले को लेकर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ ने फैसला किया कि विवादित जमीन हिंदू पक्ष को दी जाएगी और मुस्लिम पक्ष को कहीं और 5 एकड़ जमीन दिए जाने की बात कही है। इस फैसले के बाद रामभक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई लेकिन आपको बता दें अयोध्या के अलावा भारत में भी कई और राम मंदिर भी स्थित हैं जो काफी प्रसिद्ध हैं, तो आइए आपको बताते हैं कि देश में और कहां-कहां राम मंदिर स्थित हैं।

 

भारत के प्रसिद्ध राम मंदिर

  • रघुनाथ मंदिर

जम्मू-कश्मीर में स्थित भगवान राम का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में आप 33 करोड़ देवी देवताओं के दर्शन एक साथ कर सकते हैं। इस मंदिर का निर्माण साल 1857 में महाराजा रणवीर सिंह और उनके पिता ने करवाया था. इस मंदिर के भीतर 7 धार्मिक स्थल मौजूद हैं। रघुनाथ मंदिर में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की विशाल मुर्तियां विराजमान हैं। इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। दरअसल इस मंदिर के भीतर की दीवारों पर तीनों तरफ सोने की परत चढ़ी हुई है। इसके अलावा इस मंदिर में रामायण और महाभारत काल के कई पात्रों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। साथ ही इस धार्मिक स्थल में आपको चारों धामों का पुण्य एक ही जगह प्राप्त हो सकता है। 

 

  • त्रिप्रायर श्रीरामा मंदिर 

भारत के केरल राज्य के दक्षिण-पश्चिमी शहर त्रिपायर में स्थित है श्रीरामा मंदिर। इस मंदिर की मूर्तियों को लेकर पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु के 7वें अवतार श्री राम की ये मूर्ती लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियों का साथ त्रिपायर के समुद्र के किनारे अपने आप पहुंच गयी थी। इन मूर्तियों को वक्केल कोविलाकम नाम का व्यक्ति समुद्र के किनारे से लेकर आया था और विधि विधान से त्रिप्रायर, तिरुमूज़िक्कलम, कूडलमाणिक्कम और पैम्मेल नाम के स्थानों पर स्थापित कर दिया था। इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित है लेकिन भगवान विष्णु को राम बनकर दानव काड़ा पर विजय प्राप्त करते हुए दर्शाया गया है। मान्यता है कि इस मूर्ति में ब्रह्मा और शिव का अंश भी विराजमान है। 

 

  • श्रीसीतारामचंद्र स्वामी मंदिर,आंध्रप्रदेश

आंध्र प्रदेश के खम्मण जिले के भद्राचलम शहर में स्थित गोदावरी के तट पर श्री सीताराम स्वामी मंदिर स्थित है। यह मंदिर उसी जगह पर स्थित है जहां पर सीता की तलाश में दक्षिण की ओर यात्रा करते हुए श्री राम पहुंचे थे। भद्राचलम वनवासी बहुल क्षेत्र है और भगवान राम वनवासियों को पूज्य हैं। 

 

  • श्रीतिरुनारायण स्वामी मंदिर, कर्नाटक

कर्नाटक के मांड्या जिला स्थित तहसील पांडवपुरा का एक छोटा सा कस्बा है मेलकोट, जो कावेरी नदी के तट पर स्थित है। मेलकोट में एक यदुगिरी नाम की छोटी सा पहाड़ी है जिसे तिरुनारायणपुरम भी कहते हैं। इस पहाड़ी पर 2 मंदिर स्थित हैं, पहला मंदिर भगवान नरसिंह का है जो पहाड़ी के रास्ते में पहले पड़ता है और दूसरा मंदिर है चेलुवा नारायण मंदिर जो पहाड़ी के सबसे ऊपर स्थित है। 

 

  • चित्रकूट का राम मंदिर, प्रयागराज 

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के निकट स्थित चित्रकूट में रामदर्शन मंदिर स्थापित है। इस मंदिर में प्रसाद वर्जित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रीराम, सीता और लक्ष्मण प्रयाग से गंगा-यमुना को पार करते हुए चित्रकूट पहुंचे। जहां पर कई महीनों तक अनुसूया आश्रम में रहें। इसके अलावा वाल्मीकि आश्रम, मांडव्य आश्रण और भरतकूप इत्यादि दार्शनिक स्थल हैं। 

 

  • रामवन मंदिर मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश के सतना जिले से करीब 14 किमी दूर रामपुर बाघेवन में रामवन स्थित है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, श्रीराम अत्रि आश्रम से मप्र के सतना जिले पहुंचे थे, जहां उन्हें कई ऋषियों मुनियों के आश्रम में 10 साल रुकना पड़ा औऱ भ्रमण करना पड़ा। ऐसे में सालों तक श्री राम वन में घूमते रहे और यह वन धन्य हो गया और इस वन को मंदिर का रूप दे दिया गया। आपको रामवन का नाम सुनकर लग रहा होगा कि इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित होगी लेकिन इस मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति स्थापित है और उन्हें रामवन हनुमान कहा जाता है। इस वन में रामगढ़ नाम का एक पर्वत भी स्थित है जहां 30 फीट की ऊंचाई का एक झऱना कुंड में गिरता है, जिसे सीता कुंड कहते हैं। 

 

  • रामभद्रस्वामी मंदिर, केरल, त्रिसूर

केरल राज्य के त्रिसूर में स्थित रामभद्रस्वामी मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यहां पर देश-विदेश से लोग इस मंदिर की भव्यता देखने आते हैं। त्रिसूर से 85 किमी दूर कोच्चि एयरपोर्ट है। हालांकि त्रिसूर नागर में रेलवे स्टेशन है जो देश के बड़े स्टेशनों को जोड़ता है। 

 

  • हरिहरनाथ मंदिर सोनपुर

बिहार के सारण जिले में स्थित सोनपुर में हरिहरनाथ का प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु और भगवान शिव की एकीकृत मूर्ति स्थापित हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान राम ने सीता स्वयंवर में जाते वक्त अपने आराध्य भगवान विष्णु को समर्पित करते हुए इस मंदिर का निर्माण करवाया था। 

 

  • थिरुवंगड श्रीरामस्वामी मंदिर, केरला, कन्नूर

केरल के कन्नूर जिले के थालास्सेरी स्थान पर श्रीरामस्वामी मंदिर स्थित हैं। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 2 हजार वर्ष पूर्व हुआ था। थालास्सेरी में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया एक मशहूर किला भी स्थित हैं। श्रीरामस्वामी मंदिर से पहले इस स्थान पर भगवान परशुराम ने एक विष्णु मंदिर का निर्माण करवाया था। इस जगह का संबंध अगस्त्य मुनि से भी है। 

 

  • पंचवटी में राम 

महाराष्ट्र के नासिक के पास गोदावरी तट के निकट स्थित है पंचवट, जहां पर रावण ने सीता का अपहरण किया था और लक्ष्मण ने शूर्पनखा की नाक काटी थी। इस जगह पर 5 बरगद के पेड़ है जिस वजह से इसका नाम पंचवटी पड़ा। यहां पर राम, सीता औऱ लक्ष्मण को समर्पित कई मंदिर हैं। 

 

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