जानिए, सास-बहू के बीच नोकझोंक का ज्योतिषीय कारण

Thu, Nov 07, 2019
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जानिए, सास-बहू के बीच नोकझोंक का ज्योतिषीय कारण

आमतौर पर सास-बहू का रिश्ता काफी प्यारा और नोकझोंक भरा होता है। सामाजिक मान्यता के अनुसार सास-बहू में झगड़ा होना आमबात है, हालांकि हर घर में सास-बहू के बीच अनबन को देखा जा सकता है। कई बार इन अनबन के पीछे ज्योतिषीय कारण भी होता है। जिस तरह जब शादी होती है तो लड़का और लड़की की जन्म कुंडली और ग्रह का मिलान होता है लेकिन क्या आपने कभी शादी से पहले सास और बहू की कुंडली का मिलान करवाया है? शायद नहीं करवाया होगा जिस वजह से शादी के बाद सास-बहू में लड़ाई-झगड़े होने लगते हैं। ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में सप्तम भाव पार्टनर का होता है और कुंडली का चौथा भाव मां का होता है। वहीं कुंडली का दशम भाव जो सप्तम से चतुर्थ भाव होता है उससे हम सास के स्वभाव का पता लगा सकते हैं। 

 

यदि आप इस सास-बहू के झगड़े को समाप्त करना चाहते हैं तो आपको एक अनुभवी ज्योतिष के परामर्श की जरूरत है जो आपको पाप ग्रहों से बचने के उपाय और आपके झगड़ों को खत्म करने का समाधान भी बताएगा। इसलिए आज ही एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से परामर्श करें। अभी बात करने के लिये यहां क्लिक करें।

 

सास-बहू के झगड़े का ज्योतीषीय कारण

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यदि दशम भाव में एक से अधिक पाप ग्रहों का प्रभाव होता है तो सास के साथ असमंजस की स्थिति को देखा जा सकता है। दशम भाव में स्थित पाप ग्रह जातक या जातिका के करियर में तो उन्नति लाने का काम करते हैं लेकिन यही ग्रह सास के साथ संबंधों को खराब बनाता है। यदि किसी महिला की कुंडली में दशम भाव पर एक से अधिक पाप ग्रहों का प्रभाव होता होता है तो वह जातिका कामकाजी तो होती है लेकिन उसकी सास हमेशा उसके काम का विरोध करती है।

 

पाप ग्रहों के प्रभाव की वजह से होते हैं झगड़े

यदि कुंडली के दशम भाव में एक से अधिक पाप ग्रहों का प्रभाव होता है और जातिका कामकाजी न होकर घरेलू होती है तो सास के साथ अनबन की संभावना अधिक रहती है। क्योंकि कामकाजी महिलाओं के पास समय की कमी होती है इसलिए वे अपनी सास के संग ज्यादा बातचीत नहीं कर पाती हैं और उनकी दिनचर्या टाइमटेबल के अनुसार चलती है। ऐसे में कामकाजी बहू और सास के बीच नोकझोंक की स्थितियां बहुत कम पैदा होती हैं।

 

ज्योतिष के अनुसार, यदि दशम भाव या चतुर्थ भाव में से किसी में भी पाप ग्रह बैठे हैं तो वह घरेलू सुख-शांति को क्षति पहुंचाते हैं और मानसिक अशांति बनी रहती है और जिस वजह से घर में विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में सास-बहू के बीच अनबन होना लाजमी हो जाता है। 

 

चंद्रमा पर केतु या शनि का प्रभाव  

इसके अलावा यदि जन्मकुंडली में मौजूद पाप ग्रह के साथ बैठा चंद्रमा ग्रह भी सास-बहू के बीच झगड़ा कराता है। इसके अलावा यदि सास-बहू की कुंडली में से किसी के में चंद्रमा के साथ केतु या शनि का संबंध देखने को मिलता है तो सास-बहू के बीच अनबन होती है।

 

सारांश के तौर पर जान लें कि यदि कुंडली के दशम भाव में एक से अधिक पाप ग्रहों का प्रभाव होता है या चतुर्थ भाव में एक से अधिक पाप ग्रहों का प्रभाव होता है तो सास-बहू के बीच झगड़ा होने की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा जिसकी कुंडली में चंद्रमा पर राहु, केतु या शनि जैसे पाप ग्रहों का प्रभाव बना रहता है उन सास-बहू के बीच अनबन बनी रहती है।

 

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