संजय लीला भंसाली हिंदी सिनेमा के जाने-माने चेहरे हैं। बड़े-बड़े सेट, बड़ी स्टार कास्ट और बड़े तामझाम से सजी फिल्मों के निर्माण व निर्देशन के लिये इन्हें जाना जाता है। हम दिल दे चुके सनम, ब्लैक, बाजीराव मस्तानी जैसी श्रेष्ठ फिल्में इन्होंने बॉलिवुड को दी हैं। हाल ही में इनकी फिल्म पद्मवती की रीलिज़ पर संकट गहराया हुआ है। इतना ही नहीं फिल्म की शूटिंग के समय से ही कभी सेट पर तो कभी इन पर व्यक्तिगत रूप से हमले हो रहे हैं। एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों से हमने परामर्श कर यह जानने का प्रयास किया कि आखिर कौनसे ग्रह संजय लीला भंसाली पर इस समय हावि हो रहे हैं जिनसे उनका कामकाजी जीवन प्रभावित हो रहा है।
नाम – संजय लीला भंसाली
जन्म तिथि – 24 फरवरी 1963
जन्म स्थान – मुंबई
जन्म समय – उपल्बध नहीं है
मूलांक – 24 = 2+4 = 6
भाग्यांक – 2+4+0+2+1+9+6+3 = 27 = 9
भाग्य
उपरोक्त विवरण के अनुसार संजय लीला भंसाली की जन्मतिथि व नामाक्षर से इनकी चंद्र राशि कुंभ बनती है। वर्तमान में राशि स्वामी शनि ग्यारहवें स्थान में गोचर कर रहे हैं साथ ही शनि की सपष्ट दृष्टि इनकी राशि पर पड़ रही है जिस कारण इन्हें लाभ स्थान में गोचररत शनि का लाभ मिलने की बजाय हानि उठानी पड़ रही है। इसी वर्ष के आरंभ में 27 जनवरी को शनि ने अपनी राशि बदली थी लगभग उसी समय के आस-पास भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद भी बढ़ने लगा था। बाद में जब कुछ समय के लिये वक्री हुए और पुन: वृश्चिक राशि में गये तो विवाद कुछ समय के लिये शांत भी हुआ। शनि के मार्गी होने के साथ ही फिर से विवाद सिर उठाने लगा और अक्तूबर में शनि के पुन: धनु राशि में लौट आने पर पद्मावती पर संकट के बादल मंडराने लगे।
अंक ज्योतिष के अनुसार भी देखा जाये तो इनका मूलांक 6 बनता है जिसके स्वामी शुक्र हैं तो वहीं भाग्यांक 9 बनता है जिसके स्वामी मंगल माने जाते हैं। वर्तमान में मंगल व शुक्र परस्पर एक दूसरे की राशियों में विद्यमान हैं। यह भी इनके कामकाजी जीवन में परेशानियों के कारक व विवादों को बढ़ाने वाले संकेत हैं।
हाल ही में 5 दिसंबर से शनि के नजदीक सूर्य के आने से शनि अस्त हो गये हैं। 8 जनवरी तक शनि अस्त रहेंगें। उम्मीद की जा सकती है कि इस दौरान पद्मावती विवाद भी सुलझ सकता है। यदि भंसाली इस दौरान फिल्म को रीलिज़ करवाने में सफल होते हैं तो उन्हें इस फिल्म से अच्छा लाभ भी मिल सकता है।
पद्मावती फिल्म से पहले पद्मावती चर्चा का विषय नहीं थी लेकिन जब से फिल्म बननी शुरु हुई तभी से यह येन-केन-प्रकारेण विवादों में रही है। हालांकि शुरुआत में यह भी अनुमान लगाया जा रहा था कि यह फिल्म के प्रचार का एक सस्ता व लोकप्रिय माध्यम है कि फिल्म को विवादों में बनाये रखो ताकि लोगों के बीच उसकी उत्सुकता बनी रहे। लेकिन यह विवाद अब तो गले की फांस बन चुका है और कोई हल नज़र फिलहाल नज़र नहीं आता। हालांकि भंसाली पर हुए हमले के बाद फिल्म जगत उनके पक्ष में खड़ा नज़र भी आता है। लेकिन जिस फिल्म को लेकर इतना विवाद हो रहा है उसकी कहानी क्या है? क्या पद्मावती ऐतिहासिक पात्र है या वह मात्र एक साहित्यिक किरदार भर है? दरअसल पद्मावती फिल्म मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत और एक पुस्तक रानी पद्मिनी पर आधारित है। पद्मावती से संबंधित अन्य रचनाएं इनके बाद की ही रचनाएं हैं। प्रमुख इतिहासकारों ने में भी पद्मावती को ही साक्ष्य मानते हुए। पद्मिनी, रतनसेन (रत्न सिंह), अलाउद्दीन खिलजी को ऐतिहासिक चरित्र तो माना है लेकिन काव्य की पूरी कथा को ऐतिहासिक नहीं माना। मुख्य कथा यही है कि अलाउद्दीन खिलजी ने चितौड़ पर आक्रमण किया। रत्नसेन सहित सभी राजपूत योद्धाओं के मारे जाने के पश्चात, रानी पद्मिनी ने अन्य कई स्त्रियों के साथ जौहर (अपना जीवन समाप्त कर लेना) कर लिया था।
वैसे तो 1 दिसंबर को फिल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित होनी थी लेकिन विवाद के चलते फिल्म रीलिज़ की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया। खबरों के अनुसार गुजरात चुनाव के पश्चात रीलिज़ की अगली तिथि तय होगी। लेकिन संजय लीला भंसाली की चंद्र राशि के अनुसार शनि के अस्त होने के लाभ को देखा जाये तो 8 जनवरी तक का समय पद्मवती संबंधी विवाद को सुलझाने के लिये काफी अच्छा रह सकता है। उम्मीद की जा सकती है कि इस दौरान फिल्म रीलिज़ से संबंधित कोई शुभ समाचार मिल जाये।