बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी अपनी खूबसूरती और अच्छी फिगर के लिए जानी जाती हैं। हालांकि उन्हें देख कर यह कोई नहीं कह सकता कि वो आज 48 साल की हैं। उनकी इस सुंदरता का राज़ उनका लाइफ स्टाइल है। अच्छे लाइफस्टाइल के लिए वे रोज़ सुबह योग करती हैं और अपनी फिटनेस का पूरा ध्यान रखती हैं। यही कारण है कि दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी शिल्पा शेट्टी की बॉडी में कोई खास बदलाव नज़र नहीं आता। शिल्पा शेट्टी पिछले कई सालों से रोज़ाना योग करती हैं और अपने मन व शरीर को हेल्थी रखती हैं। योग ने न केवल उन्हें एक फिट और टोन्ड बॉडी बनाए रखने में मदद की है, बल्कि उनके दिमाग और आत्मा को भी बदल दिया है।
अगर आप भी शिल्पा शेट्टी की तरह फिट और खूबसूरत दिखना चाहती हैं तो आइए उनके द्वारा बताए गए इन योग टिप्स के बारे में जानें।
शिल्पा शेट्टी ने अपने जीवन में एक चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान योग की तलाश की। वह एक तनावपूर्ण दौर से गुजर रही थीं और अपने भीतर संतुलन और शांति खोजने का रास्ता खोज रही थीं। यही वह समय था जब उन्होंने योग की ओर रुख किया और इसके परिवर्तनकारी प्रभावों का अनुभव किया। योग ने न केवल उन्हें अपनी शारीरिक सीमाओं को दूर करने में मदद की, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्थिरता भी प्रदान की। शिल्पा शेट्टी अपने जीवन पर योग के सकारात्मक प्रभाव से इतनी प्रेरित हुईं कि उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करने का फैसला किया। आज शिल्पा शेट्टी की योग वीडियो (shilpa shetty yoga video) भी इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।
शिल्पा शेट्टी ने योग में कठोर प्रशिक्षण लिया है और वे एक सर्टिफाइड योग इंसट्रक्टर हैं।
लाभ: तुलासन करने से पेट, पीठ, पैरों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। यह आसन पीठ दर्द को कम करने में भी मददगार हो सकता है। इसके अलावा तनाव, एंग्जायटी, और आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में भी सुधार करता है।
विधि:
तुलासन को करने के लिए, सबसे पहले एक योगमाट लगाएं और उस पर बैठें।
पद्मासन की मुद्रा में बैठें।
सबसे पहले अपने दाएं पैर को उठा कर, बाएं पैर के जोड़ पर रखें।
अब यही बाएं पैर के साथ भी दोहराएं।
अब आपको अपने हाथों की हथेलियों से योगा मेट पर दबाव बनाना होगा।
ताकि आपके पूरे शरीर का वजन आपके हाथों में आ सके।
इसके बाद, धीरे से अपने पूरे शरीर को ऊपर की ओर उठाएं।
इस स्थिति में आपका शरीर एक लाइन में होना चाहिए, आपकी पीठ सीधी रहनी चाहिए।
इसे कुछ समय तक बनाए रखें और फिर धीरे से वापस आराम से शरीर को नीचे लाएं।
सावधानियां: तुलासन करते समय अपने पेट को ज्यादा भारी नहीं करना चाहिए, वरना पीठ दर्द हो सकता है। जिन लोगों की पीठ में समस्या हो उन्हें इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
लाभ: नौकासना करने से पेट की चर्बी कम हो सकती है और पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है। यह आसन लंग्स और लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा बोट पोज़ के लाभों (Boat pose benefits) में आपकी रीढ़ की हड्डी, कमर और गर्दन दर्द में मिलने वाला फायदा भी शामिल है।
विधि:
नौकासना करने के लिए, सबसे पहले एक योगमाट पर अपनी पीठ के बल लेट जाएं।
फिर धीरे-धीरे अपनी छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं।
रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखें।
दोनों हाथों को भी अपने पैरों की ओर बढ़ाएं।
अपनी आंखों, उंगलियों और पैर की उंगलियों को एक ही दिशा में संरेखित करें।
अपने पैरों को सीधा रखकर अपने शरीर के वजन को संतुलित करें।
आपको अपने पेट, जांघों और कंधों में खिंचाव महसूस होना चाहिए।
इस दौरान आपको सामान्य तौर पर साँस लेना और छोड़ते रहना होगा।
इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ें और फिर आराम-आराम से शरीर को नीचे लाएं।
एक गहरी सांस लें और आराम करें।
ऐसा संभव है कि शुरुआत में आपको अपने पेट, कूल्हों, जांघों और कंधों में कुछ असुविधा महसूस हो, लेकिन अगर आप प्रैक्टिस करेंगे, तो यह आसान हो जाएगा।
यदि आपको इसका अभ्यास नहीं है, तो एक-साथ ज्यादा न करें।
आसान के दौरान सामान्य रूप से सांस लेते हुए लगभग एक मिनट तक इस मुद्रा को बनाएं रखें।
सावधानियां: नौकासना करते समय आपकी पीठ के निचले हिस्से पर कुछ तनाव पड़ सकता है। यदि आपको पीठ के निचले हिस्से में कोई समस्या या असुविधा है, तो पीठ दर्द हो सकता है। जिन लोगों की पीठ में समस्या हो उन्हें इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
लाभ: वीरभद्रासन से पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है। खासकर आपकी बाहों, कंधों और पैरों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में समस्या आती है तो यह आसन आपको मानसिक रूप से संतुलित रहने और ध्यान केंद्रित करने में भी मदद कर सकता है।
विधि:
वीरभद्रासन करने के लिए, सबसे पहले एक योगमाट पर खड़े हो जाएं।
अब दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर बिलकुल सीधी दिशा में ले जाएं और हथेलियों को जोड़ लें।
दोनों पैरों को चौड़ा करें फिर अपने दाहिने पैर को आगे बढ़ाएं और उसे 90 डिग्री के कोण में झुकाएं।
बाएं पैर को स्थिर रखते हुए 45 डिग्री पर घुमाएं।
फिर अपने धड़ को दाएं पैर की ओर मोड़ लें।
अपने ध्यान को केंद्रित रखने के लिए अपने चेहरे को ऊपर हथेलियों को देखते हुए थोड़ा उठायें।
इस स्थिति में थोड़ी देर तक बने रहें।
फिर धीरे से आराम से शरीर को सामान्य स्थिति में ले आएं।
सावधानियां: वीरभद्रासन करते समय सहारा लेना सही हो सकता है, खासकर जब आप पहली बार इसे कर रहे हों। यह आसन थोड़े वक्त तक बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे सीखने से यह आसान हो सकता है। जिन लोगों की कमर में समस्या हो उन्हें इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ध्यान दें: यदि आपने पहले कभी योग नहीं किया है या आपकी कोई खास स्वास्थ्य समस्या है, तो पहले डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर होता है। योग आसनों को सही तरीके से करने के लिए समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें और धीरे-धीरे सीखें।