सावन का महीना आ चुका है और इस पावन महीने में भगवान शिव की आराधना करने का पुण्य बहुत अधिक मिलता है। शिवभक्तों के लिये तो यह महीना बहुत खास होता है। हरिद्वार से बम-बम भोले के जयकारे लगाते हुए शिवभक्तों की टोलियां कांवड़ लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का गंगाजल से जलाभिषेक करते हैं। हर और धार्मिक माहौल होता है। ऐसे में सावन का पहला सोमवार हो या फिर शिवरात्रि का त्यौहार, हरियाली तीज हो या नागपंचमी भगवान शिव की पूजा पूरे महीने की जाती है। आइये आपको बताते हैं भारत में भगवान शिव के प्रसिद्ध पूजास्थलों के बारे में -
भगवान भोलेनाथ को रिझाना बड़ा आसान है वे तो मन के मंदिर में यदि को सच्चे मन से उन्हें नमन करता है तो प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन विधिवत पूजा करने के लिये भारत में ऐसे अनेक शिव मंदिर अथवा धार्मिक तीर्थ स्थल हैं जहां भगवान शिव की पूजा-आराधना करने के लिये शिवभक्तों का बड़े पैमाने पर जमावड़ा लगता है। आइये जानते कुछ प्रसिद्ध शिवालयों के बारे में-
गुजरात के कठियावाड़ स्थित सोमनाथ, मद्रास का श्री शैल मल्लिकार्जुन, उज्जैन का महाकाल, मध्यप्रदेश का ओंकारेश्वर ममलेश्वर, गुजरात में द्वारकाधाम के नजदीक नागेश्वर, बिहार के बैजनाथ, महाराष्ट्र में भीमाशंकर, महाराष्ट्र में नासिक से कुछ किलोमीटर दूर त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र के ही औरंगाबाद जिले में घुमेश्वर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ, बनारस के विश्वनाथ और मद्रास के त्रिचनापल्ली स्थित रामेश्वरम्। यह देश भर के प्रसिद्ध 12 मंदिर हैं यहां स्थापित शिवलिंग ही देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग हैं। सावन के महीने में शिवभक्त इन ज्योतिर्लिंगों का दर्शन व जलाभिषेक कर भगवान शिव की कृपा पा सकते हैं।
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अमरनाथ – हिंदूओं के चार धामों में शामिल अमरनाथ की यात्रा पर भी जा सकते हैं हालांकि यह यात्रा काफी जोखिम भरी होती है इसलिये एडवेंचर के शौकिन शिवभक्तों के लिये यह बेहतर स्थान हो सकता है एडवेंचर के लिहाज से ही नहीं बल्कि धार्मिक महत्व के तौर पर यह बहुत ही दर्शनीय स्थल है। बर्फानी बाबा के दर्शन कर आप इनकी कृपा पा सकते हैं।
पशुपतिनाथ मंदिर – पड़ोसी देश नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में भी हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मंदिर को भी केदारनाथ व अमरनाथ के समान माना जाता है। अत: आप यदि नेपाल जाने के इच्छुक हैं और भगवान शिव में आपकी आस्था है तो पशुपतिनाथ के दर्शन अवश्य करें।
लिंगराज मंदिर – ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित इस प्राचीन मंदिर की भी खासी मान्यता है। कहा जाता है कि यहां पर लिट्टी तथा वसा नाम के दो भयंकर राक्षसों का मां पार्वती ने वध किया था। युद्ध के बाद उन्हें प्यास लगी तो भगवान शिव ने कूप बनाकर पवित्र नदियों का उसमें आह्वान किया था। प्रसिद्ध बिंदूसागर सरोवर के निकट विशालकाय मंदिर लिंगराज में भी आप जा सकते हैं।
मुरुदेश्वर शिव मंदिर – यह मंदिर कर्नाटक में स्थित है और भगवान शिव के एक नाम मुरुदेश्वर पर ही इस मंदिर का नाम मुरुदेश्वर रखा गया है। अरब सागर के तट पर स्थित यह मंदिर बहुत ही शांत और सुंदर है यहां भी आप भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं।
इनके अलावा भी भारत में भगवान शिव के छोटे-बड़े मंदिर हर गांव, हर कस्बे और शहर में मिल जायेंगें। यहां तक कि अन्य देवी-देवताओं की तुलना में शिव मंदिरों की संख्या भी ज्यादा देखने को मिल सकती है। इसलिये यदि आप सुदूर क्षेत्रों में नहीं जाना चाहते तो अपनी सुविधानुसार पास के मंदिर या फिर घर के पूजा स्थल में भी भगवान शिव की मूर्ति स्थापना कर पूजा कर सकते हैं। विधिवत पूजा किसी विद्वान पंडित से ही करवानी चाहिये।