वर्तमान समय में हमारा जीवन बहुत ही व्यस्त और समय के अभाव से जुझ रहा है। हमने अपनी जरूरतों को इतना बढ़ा लिया है कि ये जब तक पूरी न हो जाए हमारे ध्यान से जाती ही नहीं। यही ख्याल मन में रहता है कि ये काम करना रह गया है, ये चीज लानी रह गयी है। जिसके चलते व्यक्ति के जीवन में कुछ न कुछ समस्या आ ही जाती है, जिससे वह मानसिक तनाव में आ जाता है। इस वजह से वो अपना कोई भी कार्य ठीक से सही समय पर नहीं कर पाता। मानसिक तनाव कोई बीमारी नहीं है। बल्कि यह एक ऐसी समस्या है जिसका उत्तर ढूंढ़ने में हम समर्थ तो हैं लेकिन हम प्नयास नहीं करते, क्योंकि हम अपने प्रशनों का उत्तर नहीं ढूंढते। फिर उसके बारे में सोचते रहते हैं। जिसका असर धीरे- धीरे हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।
जब तक हमारे सभी काम पूरें नहीं होते तब तक दिमाग घूमता ही रहता है| हम अपने मानसिक परेशानी के खुद ही जिम्मेदार हैं। किसी सरल सी बात के लिए भी हम इतना ज्यादा सोचते हैं कि सरल बात भी हमें एक बड़ी समस्या लगने लगती है।
विशेषज्ञों के अनुसार चिकित्सक के पास जाने वाले 90 प्रतिशत मरीज तनाव से संबंधित किसी न किसी रोग के कारण जाते हैं। जब हमारे शरीर या मन को किसी चुनौती का सामना करना पड़ता है तो हमारी चयापचय प्रक्रिया तेज हो जाती है। रक्तचाप, हृदय गति और नाड़ी की गति बढ़ जाती है और शरीर में खून का दौरा तेज हो जाता है। शरीर में एड्रनलीन की मात्रा बढ़ जाती है। यह स्थिति अधिक देर बनी रहती है तो कई शारीरिक व मानसिक समस्याएँ पैदा होती हैं।
तनाव विरोधी भोजन
कुछ आहार ऐसे हैं, जो हमारे शरीर को तनाव से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। जैसे संतरे, दूध व सूखे मेवे। इनमें पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करती है। आलू में विटामिन 'बी' समूह के विटामिन काफी मात्रा में उपस्थित होते हैं, जो हमें चिंता और अवसाद से लड़ने में सहायता करते हैं।
चावल, मछली, फलियाँ, और अनाज में विटामिन 'बी' पाया जाता है, जो दिमागी बीमारियों और अवसाद को दूर रखने में सहायक हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों, गेहूँ, सोयाबीन, मूँगफली, आम और केले में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे शरीर को तनाव से लड़ने में सहायता करते हैं।
विशेषज्ञों की माने तो तनाव की स्थिति में थोड़ा-थोड़ा करके कई बार भोजन ग्रहण करना तनाव को दूर भगाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। इससे उन लोगों को भी सहायता मिल सकती है, जो तनाव की स्थिति में ज्यादा खाने के आदी हैं। थोड़ा-थोड़ा खाने से शरीर को शक्ति मिलती रहती है। जिससे शरीर ऊर्जावान बनी रहती है।
मन में ना रखें कोई बात
एक व्यक्ति किसी भी कारण से तनावग्रस्त हो सकता है। जिसके लिए व्यक्ति को अपनी समस्या पर अपने पति, पत्नी या किसी निकट मित्र से खुलकर चर्चा करनी चाहिए। यकिन मानिए इस चर्चा से ही आपका आधा तनाव दूर हो जाएगा। शेष समस्या उत्तम भोजन, व्यायाम और खुलकर सोने से दूर किया जा सकता है।
कुछ क्षण एकांत में बिताएँ
जिनके जीवन में अधिक तनाव है, उन्हें दिन में कुछ समय एकांत में बिताने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे लोग भी हैं जिन्हें अकेले सैर करना पसंद है, तो वहीं कुछ लोगों को अकेले पुस्तक पढ़ने से शांति मिलती है। कई बार अँधेरे कमरे में मात्र लेटने से ही मन को शांत रखने में काफी सहायता मिलती है, किंतु बहुत ज्यादा अकेले रहना भी ठीक नहीं है। विशेषतः उन लोगों के लिए जो जल्दी हताश व निराश हो जाते हैं।
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