क्या अथक परिश्रम करने के बाद भी नहीं मिल रही सफलता? तो हो सकता है आपने अपने लक्ष्य के मुताबिक प्रयास नहीं किया है। ऐसा नहीं है तो क्यों नहीं मिल रही आपको सफलता? क्या आपने कभी इस पर ध्यान दिया है। नहीं बेशक ध्यान दिया होगा और इसके लिए स्वयं को कहीं न कहीं दोषी भी मान रहे होंगे। लेकिन सच तो यह है कि इसमें आपका दोष नहीं है। तो फिर एक सवाल खड़ा होता है दोष किसका है? आज हम इसी सवाल का जवाब देने जा रहे हैं कि क्यों नहीं मिल रही आपको मन मुताबिक सफलता? और कैसे मिल सकती है आपको सफलता ?
हम आपको बता दें कि इस असफलता के आप नहीं बल्कि आपकी जन्म कुंडली जिम्मेदार है। कहते हैं कि भाग्य से बड़ा कर्म होता है। परंतु कभी –कभी भाग्य भी कर्म पर भारी पड़ जाता है। यदि आपका भाग्य ही आपका न दे तो आपको सफलता कैसे मिलेगी? क्या है आपका भाग्य आपके साथ? जानने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से। जाने आपने भाग्य के बारे में सब कुछ। आपका भाग्य तो साथ दे रहा है लेकिन फिर भी आपको सफलता नहीं मिल रही? तो ऐसे में जरूर आपकी कुंडली में कोई न कोई दोष या ग्रह अपने स्थान के बजाय कहीं और ही बैठा है। तो आइए जानते हैं सफलता न मिलने के ज्योतिषीय कारण क्या हैं?
ज्योतिषियों का इस पर मत है कि किसी भी व्यक्ति की सफलता में उसके ग्रह नक्षत्र की दशा व दिशा का भी योगदान होगा है। क्योंकि ज्योतिष में सभी ग्रहों के प्रभाव व फल निर्धारित है। ये ग्रह अपनी शक्ति व स्थिति के अनुसार आपको फल देते हैं। किसी न किसी रूप में आपके स्वभाव, पराक्रम व भाग्य को प्रभावित करते हैं। ऐसे में किसी भी ग्रह की दशा व दिशा बिगड़ना आपके हित में नहीं है। आप कितना भी परिश्रम कर लें लेकिन आपको आपके इच्छा के अनुसार फल नहीं मिलेगा। ज्योतिषियों का कहना है कि यदि कुंडली के पराक्रम भाव में या भाग्य स्थान में कोई क्रूर ग्रह है तो भी जातक को सफलता नहीं मिलती है। कहीं आपके असफलता के किसी क्रूर ग्रह की उपस्थिति तो नहीं? जानने के लिए बात करें, एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर से। जिससे आप जान सकेंगे कि आपकी कुंडली में कौन सा ग्रह आपकी असफलता का कारक बना बैठा है।
मेनहत करने के बाद भी आप को सफलता नहीं मिल रही है तो यहां हम आपको सफलता के कुछ मंत्र दे रहे हैं। जिन्हें अपना कर आप अपने लक्ष्य को पा सकेंगे।
सफलता के बारे में अधिक विचार न करें
सबसे पहले तो आपको अपने मन से इस विचार को निकालना है कि सफलता मिलेगी या नहीं। क्योंकि अधिक विचार करने से आपका मन भटक जाता है। मन में संकोच व संदेह पैदा होता है। कहते है कि मन का कारक चंद्रमा है यदि आपका मन आपके लक्ष्य से भटक रहा है तो हो सकता है कि आपका चंद्रमा सही स्थिति में न हो। इसका पता आप लगा सकते हैं एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर से अभी बात करके और उनकी गाइडेंस लेकर आपने मन को काबू करने में सफल होंगे।
वर्तमान कार्य पर ध्यान दें
आज के इस समय पर आप ध्यान दें ना की कल के काम के बारे में विचार कर आज के काम को खराब करें। काम करते समय आपका मन व तन कार्यस्थल पर ही हो यह सुनिश्चित करें। ऐसा करने से आप अपने सफलता की ओर बढ़ सकेंगे।
परिश्रम से सफलता मिलेगी लेकिन आनंद नहीं
यदि आप मानते हैं कि अथक परिश्रम करने से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल है। क्योंकि केवल परिश्रम करने से ही सफलता मिलती तो गधा आज घोड़ा होता। इसलिए परिश्रम तो करें लेकिन दिन का आनंद लें। क्योंकि आपके दिन में घटने वाली प्रत्येक घटना आपको किसी न किसी रूप में प्रभावित करती है।
भरपूर आराम करें
काम तो ठीक है लेकिन इसके साथ ही उचित विश्राम करना भी आपके लिए जरूरी है। काम को लेकर तनाव में न आएं। क्योंकि आपका शारीरिक व मानसिक रूप से फिट होना भी जरूरी है।
सही समय पर सही फैसला लें
किसी लक्ष्य को पाने के लिए केवल काम करना ही काफी है। आपको सही समय पर सही फैसले भी लेने होंगे। जिससे आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। इस साथ मन लगाकर काम करें सफलता आपकी कदम चूमेगी। परंतु यह सब करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो निश्चित ही आपको कुंडली में दोष है। जिसके बारे में आप एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर से बात कर जानकारी ले सकते हैं।