क्या आपने कभी अपने भाग्य के बारे में जानने की कोशिश की हैं? या कभी ये सोचा है कि आप कितना लंबा जीवन जीएंगे? आपका जीवन आरामदायक होगा या कष्टदायक? इन सब के बारे में जानने के लिए आदि काल से ही ज्योतिष शास्त्र के इस विधा का उपयोग जीवन व भविष्य के रहस्यों को जानने के लिए किया जा रहा है। हस्तरेखा विद हमारे हथेली पर अंकित रेखाओं का विश्लेषण कर हमारे जीवन के गुढ रहस्यों के बारे में हमें जानकारी देते हैं। परंतु कुछ रेखाएं ऐसे भी हैं जो हस्तरेखा शास्त्र में अधिक महत्व रखती है। उनमें से एक है सूर्य रेखा। जिसके बारे में हम आगे जानेंगे।
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि इस विधा में हमारे हाथ पर बनी लकिरों का विश्लेषण कर हमारे भविष्य के बारे में बताया जाता। हस्त रेखा विद इस विधा की सहायता से हमारे जीवन के कई पहलूओं पर प्रकाश डालते हैं। यहां तक की इससे जीवन, मृत्यु, आयु, धन, शिक्षा, रोजगार, संतान, विवाह जैसे कई पहलूओं के बारे में जाना जा सकता है। लेकिन इसके लिए आपको योग्य व अनुभवी हस्तरेखा विद से परामर्श करना होगा। जो कि आप एस्ट्रोयोगी पर कर सकते हैं। यहां देश के जाने माने हस्त ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता मौजूद हैं। बस एक क्लिक और आप अपने कई सवालों के जवाब तक पहुंत सकते हैं। तो देर किस बात कि देश के प्रसिद्ध हस्त ज्योतिषाचार्यों से बात करने के लिए यहां क्लिक करें।
रेखाओं का हम से कैसा व क्या संबंध है? इस बात का अनुमान आप इसी बात से लगा सकते हैं। कहा जाता है कि हथेली में ही हमारे किस्मत की लकिरें होती है। यदि हथेली में रेखा है वह कभी न कभी तो किस्मत बदलेगी। ऐसा कहा जाता रहा है। क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की कि ऐसा क्यों कहा जाता है? यदि नहीं तो हम आपको बताते क्यों? दरअसल आदि काल से ही ज्योतिष के इस विधा में लोगों ने विश्वास जताया है। उनका मानना था कि यदि हथेली पर भाग्य रेखा है तो यह जीवन में कभी न कभी तो फलित होगा। हस्त रेखा विद इससे भी दो कदम आगे हैं वे हथेली में बने रेखाओं का निरीक्षण कर आपका भाग्य कब बदलने वाला है इसकी भी सटीक जानकारी देते हैं। हस्त रेखा विद का कहना है कि हमारे हथेलियों पर कई ऐसे चिन्ह व रेखाएं होती हैं जिन्हें बहुत ही शुभ माना जाता है। इन्हीं में से है एक सूर्य रेखा! अपने हस्त रेखाओं के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें।
सूर्य रेखा भी उतना ही महत्व है जितना की अन्य रेखाओं का। हस्त विद्या में सभी का अपना ही स्थान है। हस्त विद का कहना है कि सूर्य रेखा का विश्लेषण कर किसी के भी करियर, मान –सम्मान, धन प्रतिष्ठा, सफलता – असफलता के बारे में जाना जा सकता है। इसके साथ ही यह भी हस्त विदों का कहना है कि सूर्य रेखा के साथ बने रेखाओं का भी अपना महत्व है। सूर्य रेखा की लंबाई का भी अलग प्रभाव जातक पर पड़ता है। सूर्य को वैदिक ज्योतिष काफी महत्व दिया गया है। सूर्य को पिता से जोड़कर देखा जाता है। साथ ही कहते हैं कि जिसका सूर्य अच्छा होता है वह काफी सफलता हासिल करता है।
सूर्य रेखा किस स्थान पर बना है इसका भी महत्व है। सबसे पहले आप यह जान लें की सूर्य रेखा हथेली पर अनामिका अंगुली के नीचे बनता है। इस स्थान को सूर्य पर्वत के तौर पर जाना जाता है। यदि सूर्य रेखा के साथ मष्तिष्क रेखा बनी हो तो यह काफी शुक्ष व फलदायी माना जाता है। जातक धन व बल से समृद्ध होता है। इसके साथ ही जातक कला के क्षेत्र में सफलता हासिल करता है।
हस्त विदों की माने तो यदि सूर्य रेखा पूरी तरह से न बने तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सफलता हासिल करने में अधिक परिश्रम करना पड़ता है। साथ ही इसमें देरी भी होती है। सूर्य रेखा पर सितारे का बनना बहुत ही शुभ बताया गया है। यदि ऐसा है तो जातक अपने जीवन में निश्चित तौर पर सफलता प्राप्त करेगा। हस्त ज्योतिष में दो समानांतर सूर्य रेखाओं का निर्माण होना बहुत ही शुभ माना जाता है। जिस जातक के हथेली में यह बनाता है वह धन, वैभव, मान- सम्मान व समाज में विख्यात होगा।