बृहस्पति का कुंभ राशि में वक्री होने पर कैसे पड़ेगा 12 राशियों पर प्रभाव? जानिए

Tue, Jun 15, 2021
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बृहस्पति का कुंभ राशि में वक्री होने पर कैसे पड़ेगा 12 राशियों पर प्रभाव? जानिए

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों का राशि परिवर्तन तो मायने रखता ही है लेकिन ग्रहों का वक्री होना यानि की ग्रहों को विपरीत दिशा में चल पड़ना भी राशिफल को काफी प्रभावित करता है। राशि परिवर्तन से लेकर गोचर में शनि, राहू-केतु व बृहस्पति का वक्री व मार्गी होना बहुत खास गतिविधि मानी जाती हैं। इन ग्रहों की गतिविधियां व्यापक रूप से जातकों के भविष्य को प्रभावित करती हैं। वर्तमान में बृहस्पति 20 जून 2021 रविवार को शाम 8 बजकर 35 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री होंगे और 14 सिंतबर 2021 को मार्गी होकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। बृहस्पति का वक्र होना आपके निर्णय लेने की क्षमता, बड़े बुजूर्ग अथवा वरिष्ठ कर्मियों, सहयोगियों या अधिकारियों के सहयोग को प्रभावित कर सकता है। तो आइये जानते हैं किस राशि के लिये बृहस्पति का कुंभ राशि में वक्री होना शुभ रहेगा या अशुभ? 

 

कुंभ में वक्री गुरु, क्या होगा असर आपकी राशि पर? 

मेष राशि 

बृहस्पति आपकी राशि से एकादश भाव में वक्री हो रहे हैं। एकादश भाव में गुरु की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि इस समय आप अपनी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरेंगे या आप जो उम्मीद कर रहे हैं उसमें देरी हो सकती है या आपको अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। इस अवधि के दौरान आप अपने आप को एक चिंतित स्थिति में पाएंगे, आप अपने हर निर्णय पर संदेह करेंगे। आर्थिक रूप से आपको किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में अपने ख़र्चों पर नियंत्रण रखें। स्वस्थ जीवन की ओर देखें तो यह समय आपके लिए अनुकूल है।

 

वृषभ राशि

बृहस्पति वृषभ राशि से दशम भाव में वक्री हो रहे हैं। दशम भाव में गोचर के दौरान आपको अपना धैर्य स्तर बनाए रखना होगा और कोई भी कार्य करते समय सावधानी बरतनी होगी क्योंकि इस दौरान आपको काफी संघर्ष करना पड़ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि आप अपनी वाणी पर ध्यान दें और सभी का सम्मान करें। इस वक्री की शुरुआत में आप पहले से कहीं ज्यादा व्यस्त रहेंगे। इस दौरान आप कई यात्राएं भी कर सकते हैं।

 

मिथुन राशि 

आपकी राशि से बृहस्पति नवम भाव में वक्री हो रहा है। नवम भाव में वक्री होने पर उच्च शिक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को तनाव हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे इस राशि के जातकों को शिक्षा के क्षेत्र में सुधार दिखाई देगा, आपकी शिक्षा पूर्ण हो सकती है। इस दौरान आपको अपने दोस्तों से थोड़ी जलन हो सकती है। सामाजिक कार्यों से यथासंभव दूरी बनाए रखें। अपने करियर को ज्यादा से ज्यादा समय दें। भविष्य के लिए आपके पास बड़ी योजनाएं हो सकती हैं।

 

कर्क राशि

आपकी राशि से अष्टम भाव में बृहस्पति वक्री हो रहे हैं। अष्टम भाव में बृहस्पति जातक को धन देता है। बीमा लाभ प्राप्त करने के लिए आपको अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। इस दौरान आपका दिमाग विस्तार के रास्ते तलाशेगा, स्वास्थ्य के मामले में आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति जितना हो सके सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। इस दौरान आपको अपनी ऊर्जा को बेवजह बर्बाद करने से बचना चाहिए।

 

सिंह राशि

बृहस्पति आपकी राशि से सातवें भाव में वक्री हो रहे हैं। इस दौरान सिंह जातक उदार और नैतिक साथी की तलाश करेंगे। बृहस्पति विवाह का कारक ग्रह है, इसलिए कुछ जातकों का विवाह इस दौरान हो सकता है। पेशेवर तौर पर आपको इस दौरान नौकरी में बदलाव करने से बचना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए फायदेमंद साबित नहीं होगा।

 

यह राशिफल सामान्य ज्योतिषीय आकलन पर आधारित है। बेहतर गाइडेंस के लिये एस्ट्रोयोगी को बनायें अपनी लाइफ का GPS, बात करें इंडिया के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर्स से और पायें अपनी मंजिल का सही रास्ता।

 

कन्या राशि

आपकी राशि से छठें भाव में बृहस्पति वक्री हो रहा है। इस गोचर के दौरान कन्या राशि के जातक शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहेंगे। आप अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे और कार्यक्षेत्र में आप अपने प्रतिस्पर्धियों पर हावी रहेंगे। हालांकि आपके स्वास्थ्य पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है इसलिए अपना ख्याल रखें। साथ ही इस दौरान कुछ जातकों का वजन भी बढ़ सकता है। इस राशि के पेशेवर जातकों को कार्यक्षेत्र में काफी काम करना पड़ सकता है। आपके सहकर्मी इस दौरान आपका साथ नहीं देंगे और आपका फायदा उठाना चाहेंगे। 

 

तुला राशि

तुला राशि से पंचम भाव में बृहस्पति वक्री हो रहे हैं। पंचम भाव शिक्षा, रोमांस, प्रगति, प्रतिभा, संतान और सुख का कारक होता है। इस राशि के जातकों को वक्री बृहस्पति के दौरान दांपत्य जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपके रोमांस के सपने हकीकत में नहीं बदलेंगे। इस गोचर के दौरान तुला जातक एक से अधिक विपरीत लिंग के लोगों के साथ संबंध बना सकते हैं। जो जातक विवाह करना चाहते हैं, उन्हें भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और विवाह में देरी भी हो सकती है।

 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिये बृहस्पति चौथे स्थान में वक्री हो रहे हैं। चतुर्थ भाव भूमि, घर, मानसिक सुख, स्कूली शिक्षा, वाहन आदि से संबंधित है। इस दौरान छात्रों को बेहतरीन परिणाम मिल सकते हैं। आपको नौकरी मिलने की अच्छी संभावनाएं हैं। इस दौरान आप कोई नया वाहन भी खरीद सकते हैं। लेकिन लोगों के प्रति गलत शब्दों का प्रयोग करके आप अपने लिए नए दुश्मन बना सकते हैं। आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए भाग्यशाली रहेगा और अपने कठिन प्रयासों से आपको सफलता भी मिलेगी। माता के साथ आपके संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकता है।

 

धनु राशि

आपकी राशि से तीसरे स्थान में गुरु वक्री हो रहे हैं। इस दौरान भाई-बहनों के साथ संबंधों में थोड़ी कड़वाहट आ सकती है और आप उनके साथ संबंधों से असंतुष्ट हो सकते हैं। भाई-बहनों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। इस समय आप लेखन में शामिल हो सकते हैं। यात्रा का सुख मिल सकता है। नौकरी की तलाश कर रहे जातकों को इस दौरान नौकरी भी मिल सकती है।

 

मकर राशि

गुरु का गोचर मकर राशि के दूसरे भाव में होगा। दूसरा भाव धन और पारिवारिक सुख का कारक होता है। इस गोचर के दौरान आपको परिवार का सहयोग मिलेगा। आर्थिक समस्या पहले से बेहतर होगी। इस दौरान जीवनशैली में बदलाव भी हो सकते हैं। इस गोचर के दौरान आपको पैतृक संपत्ति मिलने की सबसे अधिक संभावना है। घर में किसी नए सदस्य के आने की संभावना है। इस दौरान आप कोई नया काम शुरू कर सकते हैं।

 

कुंभ राशि

बृहस्पति का गोचर आपकी राशि में ही हो रहा है। पहला भाव शारीरिक सुख, आत्मविश्वास का कारक है। इस समय आप स्वस्थ रहेंगे। गुरु का वक्र होने से आप बौद्धिक रूप से मजबूत हो सकते हैं। यह आपको अच्छे गुण भी देगा। यह आपको आकर्षक बना देगा; इस परिवर्तन के दौरान सार्वजनिक और सामाजिक रूप से आपकी उपस्थिति को भी मजबूत करेगा। जीवनसाथी से लाभ मिलेगा। शत्रु से सावधान रहने की आवश्यकता है अन्यथा धोखा हो सकता है।

 

मीन राशि

आपकी राशि से बारहवें भाव में गुरु वक्री हो रहे हैं। यह समय आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। इस गोचर के दौरान मीन राशि के जातक निडर रहेंगे और हर परिस्थिति का डटकर सामना करेंगे। मीन जातकों को इस दौरान शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। कुछ जातकों को धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेते देखा जा सकता है। कुंडली में गुरु की स्थिति के अनुसार कुछ जातकों को कुछ बुरे परिणाम भी मिल सकते हैं, आप अपेक्षा से कई गुना अधिक की कामना कर सकते हैं लेकिन मनचाहा फल आपको नहीं मिलेगा, जिससे आपको परेशानी हो सकती है।

 

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